New Delhi. रेल मंत्रालय ने सुरक्षा उल्लंघन की घटनाओं में वृद्धि के मद्देनजर अपने सभी जोन को लाल सिग्नल और ढलानों पर परिचालन के दौरान ट्रेन को नियंत्रित करने तथा गति प्रतिबंधों एवं ब्रेक तकनीक का पालन करने के मामले में ट्रेन चालक दल की सतर्कता जांचने के लिए 15 दिन का विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है. मंत्रालय ने अधिकारियों से तीन से 18 जुलाई तक एक अभियान चलाने को कहा है, जिसमें ‘सिग्नल पास्ड एट डेंजर’ (एसपीएडी) के कारणों को दर्ज किया जाएगा. एसपीएडी का अर्थ ट्रेन के बिना अनुमति के खतरनाक रूप से लाल सिग्नल को पार करने से है, जो मानवीय चूक का नतीजा हो सकता है.
सभी जोन को दो जुलाई को भेजे पत्र में मंत्रालय ने संबंधित प्राधिकारियों से कहा है कि वे लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, टावर वैगन ऑपरेटर और ट्रैक मशीन ऑपरेटर के ड्राइविंग अभ्यास की जांच करें तथा लाल या पीले सिग्नल, ढलानों पर और स्वचालित ब्लॉक प्रणाली पर जहां दो सिग्नल के बीच की दूरी डेढ़ किलोमीटर के भीतर हो, ट्रेन को नियंत्रित करने की उनकी क्षमता का पता लगाएं. प्राधिकारियों को चालक दल के योग्यता प्रमाणपत्रों की जांच करने और यह देखने का भी निर्देश दिया गया है कि उसमें शामिल सदस्य सभी गति प्रतिबंधों, सावधानी आदेशों, भार के हिसाब से ब्रेकिंग तकनीकों और ट्रैक मशीन ऑपरेटर तथा टावर वैगन ऑपरेटर के सड़क प्रशिक्षण मानक का सावधानीपूर्वक पालन कर रहे हैं या नहीं.
रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, कुछ मंडलों में एसपीएडी के मामलों में वृद्धि की सूचना मिली है, जिसके बाद ट्रेन चालक दल के लिए कामकाज की जांच के लिए व्यापक सुरक्षा अभियान चलाने का फैसला लिया गया. अधिकारी के मुताबिक, सभी जोन को चालक दल के उचित सड़क प्रशिक्षण की जांच करनी होगी और यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कोई परीक्षा, प्रशिक्षण या पाठ्यक्रम लंबित न हो. किसी विशेष प्रकार की ट्रेन को चलाने में चालक दल की उपयुक्त योग्यता का भी मूल्यांकन करना होगा.
