- चार घंटे तड़पती रही मरीज, मोबाइल बंद कर आराम फरमाते रहे डॉक्टर, डीआरएम भी दिखे बेबश
- श्रमिक यूनियन ने खोला मोर्चा, दिन भर चला प्रदर्शन, डॉ बेहरा -डॉ राजकुमारी पर कार्रवाई का आश्वासन
SAMBALPUR : रेलवे अस्पताल में चार घंटे तक दर्द से तड़पती लोको पायलट फूलचंद कुमार की पत्नी कंचन भारती की आखिरकार इलाज नहीं मिलने के कारण मौत हो गयी. कंचन को प्रसव के लिए यहां भर्ती कराया गया था. उनका इलाज डॉ राजकुमारी व डॉ बेहतर की निगरानी में चल रही था. कंचन की मौत के बाद इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर रेलकर्मियों ने जमकर हंगामा किया. रात 12 बजे पहुंचे डीआरएम तुषारकांत पांडे भी रेलकर्मियों के आक्रोश के सामने बेबस नजर आये.
रेलवे अस्पताल परिसर में श्रमिक यूनियन की अगुवाई में चल रहे धरना और विराेध प्रदर्शन के बीच जीएम स्तर पर जांच कमेटी गठित करने का निर्णय लिये जाने और आरोपी डॉक्टरों पर कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद धरना-प्रदर्शन खत्म हुआ. इस बीच सीएमएस से आरोपी डॉ राजकुमारी को फोर्स लीव पर भेज दिया है. इलाज में लापरवाही को लेकर रेलकर्मियों में डॉ बेहरा और डॉ राजकुमारी के प्रति गहरा आक्रोश है. आलम यह रहा कि डॉ राजुकमारी को अस्पताल से पुलिस सुरक्षा में वापस भेजना पड़ा.
दरअसल 25 मार्च को कंचन भारती को प्रसव के लिए संबलपुर रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां 26 मार्च को उनका ऑपरेशन हुआ. शाम छह बजे ही अचानक कंचन की तबीयत बिगड़ने लगी थी. कंचन ने ऑपरेशन करने वाली डॉ राजकुमारी को इसकी जानकारी दी और बताया कि उन्हें बेहतर महसूस नहीं हो रहा. इसके बाद भी डॉक्टर ने उसे गंभीरता से नहीं लिया और दवा लेने की सलाह देकर चली गयीं. इधर कंचन की तबीयत बिगडने लगी. तब ऑन डयूटी नर्स ने डॉ राजकुमारी, डॉ बेहरा और सीएमएस को बार-बार सूचना देने के लिए कॉल किया लेकिन उनका मोबाइल बंद मिला.
बताया जाता है कि लगभग साढ़े तीन घंटे से चार घंटे तक कंचन भारती दर्द से तड़पती रहीं और डॉक्टर अस्पताल से नदारद रहे. यूनियन और रेलकर्मियों के हंगामे के बाद रात लगभग 9.30 बजे डॉक्टर पहुंचे तब तक कंचन भारती कोमा में चली गयी थी उनका पल्स बंद हाे चुका था. डॉक्टरों ने सीपीआर देकर किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया और आनन-फानन में कंचल को बुर्ला ले जाने लगे. इस दौरान एंबुलेंस पर चढ़ाने के दौरान वह स्ट्रेचल से गिर गयी. कहा जा रहा है कंचन की मौत वहीं हो गयी थी. हालांकि उन्हें बुर्ला अस्पताल ले जाया गया जहां से रात लगभग 11 बजे कंचन को मृत होने की घोषणा की गयी.
डॉक्टर खुद ले गये बुर्ला, परिजनों को नहीं लिया साथ
कंचन भारती के इलाज से लेकर मौत तक को छुपाने का प्रयास रेलवे अस्पताल के डॉक्टरों ने किया. श्रमिक यूनियन नेताओं का कहना है कि डॉक्टरों ने उनकी मौत डिक्लीयर नहीं किया. बुर्ला अस्पताल ले जाने के दौरान एंबुलेंस में भी परिजनों काे नहीं ले जाया गया. साक्ष्य छुपाने की नीयत से डॉक्टर व नर्स ही एंबुलेंस में गये. यूनियन नेताओं का कहना है कि यह गंभीर कृत्य है और ऐसे असंवेदनशील डॉक्टर को अस्पताल में नहीं रहने देंगे. यहां प्रदर्शन के दौरान डॉ राजकुमारी हत्यारी है के नारे भी लगे.
संबलपुर रेलवे अस्पताल में लगातार 15 घंटे तक चला धरना प्रदर्शन
कंचन भारती की मौत की पुष्टि किये जाने के बाद रेलकर्मियों का आक्रोश चरम पर था. अस्पताल परिसर में शव रखकर रेलकिर्मियों ने प्रदर्शन किया. डीआरएम के कहने पर भी शव को नहीं उठाने दिया गया. रेलकर्मी दोनों आरोपी डॉ बेहरा और डॉ राजकुमारी का तत्काल तबादला और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग पर अड़े थे. मालूम हो कि आरोपी डॉ बेहरा और डॉ राजकुमारी पति-पत्नी हैं. आरोप है कि यहां इलाज में लापरवाही का आरोप लगाने वाले रेलकर्मियों को विभागीय हेड से कहकर कार्रवाई कराने की चेतावनी डॉक्टर देते हैं.
जीएम के निर्देश जांच कमेटी गठित, इलाज के सभी पेपर सीज
15 घंटे से अधिक समय तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद ईस्ट कोस्ट जीएम के निर्देश पर पूरे मामले की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी गठित की गयी है. प्रिंसिपल चीफ मेडिकल डॉयरेक्टर ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है. इसमें डॉ हरिहर दास, डॉ एम महेश कुमार, डॉ मनोरंजन सिंह को शामिल किया गया है. डायरेक्टर ने सीएमएस संबलपुर को इलाज के जुड़े सभी कागजात को जब्त करने और जांच कमेटी को सुपुर्द करने का निर्देश दिया है. जांच कमेटी 28 मार्च को अपनी जांच करेगी और दो दिनों में रिपोर्ट प्रिंसिपल चीफ मेडिकल डॉयरेक्टर को सौंपेेगी.
फोर्स लीव पर भेजी गयी डॉ राजकुमारी
रेलकर्मियों में भारी आक्रोश के बीच आरोपी डॉ राजकुमारी को सीएमएस संबलपुर ने फोर्स लीव पर भेज दिया है. उन्हें हेडक्वार्टर नहीं छोड़ने की सलाह दी गयी है. वहीं गुरुवार को रेलवे अस्पताल पहुंचे पर डॉ राजकुमारी का भारी विरोध हुआ. यूनियन की ओर से स्पष्ट कर दिया किया कोई भी रेलकर्मी अपना इलाज डॉ राजकुमारी और डॉ बेहरा से नहीं करायेगा. जमकर चली नारेबाजी के बीच डॉ राजकुमारी को पुलिस की सुरक्षा में रेलवे अस्पताल से वापस घर भेजा गया. यहां रेलकर्मियों ने डॉ राजकुमारी के नाम पर डॉक्टर नहीं हत्यारी है नारे भी लगाये.
लोको पायलट फूलचंद कुमार की पत्नी कंचन भारती की मौत इलाज में लापरवाही के कारण हुई है. उनकी मौत के बाद डॉक्टरों ने उसे छुपाने का गंभीर कृत्य किया है. यूनियन किसी भी कीमत पर इसे सहन नहीं करेगी. श्रमिक यूनियन का धरना प्रदर्शन आरोपी डॉक्टरों पर कार्रवाई किये जाने तक जारी रहेगा. जीएम और डीआरएम से आश्वासन मिला है. जांच कमेटी गठित हुई है. जांच के बाद परिणाम का उन्हें इंतजार है.
सुनील कुमार, डिवीजनल को-आर्डिनेटर, श्रमिक यूनियन, संबलपुर
