NEW DELHI. रेलवे बोर्ड ने लोको पायलट और गार्ड की ओर से की गयी शिकायतों पर विचार करने और एक महीने के भीतर उसपर रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक बहु-विषयक समिति गठित की है. लोको पायलट संघों ने बोर्ड के फैसले का स्वागत करते हुए दावा किया कि हाल ही में हुए रेल हादसों और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विभिन्न विपक्षी सांसदों और व्यापार संघों द्वारा उनके मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाये जाने के कारण यह फैसला लिया गया है.
बोर्ड द्वारा 11 जुलाई, 2024 को जारी आदेश में बताया गया कि रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) ने मान्यता प्राप्त और गैर-मान्यता प्राप्त संघों द्वारा लोको पायलट से संबंधित उठाए गए मुद्दों/शिकायतों पर विचार-विमर्श करने और महासंघों के साथ बातचीत करने के लिए एक बहु-विषयक समिति गठित करने का निर्णय लिया है.
आदेश के अनुसार, समिति में रेलवे बोर्ड के विभिन्न विभागों के पांच कार्यकारी निदेशक और आरडीएसओ (अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन) से एक कार्यकारी निदेशक (यातायात) शामिल होंगे. बोर्ड ने आरडीएसओ के कार्यकारी निदेशक को ‘एप्टीट्यूड टेस्ट के विषय से जुड़े मामलों से निपटने के लिए’ नामित किया है.
आदेश में समिति के कार्यक्षेत्र का भी उल्लेख
आदेश में समिति के कार्यक्षेत्र का भी उल्लेख किया गया है. आदेश के अनुसार, समिति को निम्नलिखित मुद्दों की समीक्षा करनी है, जिसमें भोजन के लिए अवकाश, शौच के लिए समय, ड्यूटी के घंटे, आवधिक परीक्षण और कर्मियों की तैनाती से जुड़े नियम शामिल हैं.
जानें आदेश में क्या है
आदेश के मुताबिक, 110 किलोमीटर (किमी) प्रति घंटे के बजाये 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली रेलगाड़ियों को हाई-स्पीड ट्रेन के रूप में परिभाषित करने और 130 किमी प्रति घंटे की गति तक की ट्रेनों में एएलपी (सहायक लोको पायलट) की तैनाती प्रमुख मुद्दों में शामिल हैं.
रेलवे बोर्ड ने कहा कि जहां तक बात लोको पायलट और सहायक लोको पायलट की ‘एप्टीट्यूड टेस्ट’ (मनोवैज्ञानिक परीक्षण) की है तो समिति इस मुद्दे पर भी विचार करेगी कि ‘पदोन्नति के स्तर पर ही यह परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया जाए या नहीं. बोर्ड चाहता है कि समिति, लाल बत्ती को अनदेखा करने के बाद ‘एप्टीट्यूड टेस्ट’ में असफल होने वाले चालकों की पुनर्नियुक्ति के बारे में निर्णय ले.
समिति का मुख्यालय नयी दिल्ली होगा
आदेश के मुताबिक, ‘समिति गठन की तारीख से एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. आदेश में कहा गया कि समिति का मुख्यालय नयी दिल्ली में होगा.
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