तारकेश कुमार ओझा , खड़गपुर
कोरोना काल में बंद ट्रेनों को चालू करने के साथ ही कई पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस में बदलने का विरोध शुरू हो चुका है. आंदोलनों के लिए चर्चित पश्चिम बंगाल में ट्रेनों को एक्सप्रेस में बदलने को लेकर खासा आक्रोश है. कई इलाकों में लोग इसे लेकर एकजुट हो रहे और भविष्य में यह बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है. यही नहीं यहां रेलवे में रोकी गयी रियायतों को भी बहाल करने की मांग तेज हो रही है.
कोरोना काल से पहले चलने वाली सभी ट्रेनों को तत्काल फिर से शुरू करने की मांग करते हुए बुजुर्गों और बीमारों के लिए रियायतें फिर से खोले जाने की मांग पर आज नागरिक प्रतिरोध मंच की मेचेदा और पांशकुड़ा शाखाओं की ओर से मेचेदा व पांशकुड़ा स्टेशन पर हस्ताक्षर तथा प्रचार अभियान और संबंधित स्टेशन मास्टर को ज्ञापन सौंपा गया.
प्रतिनियुक्ति का नेतृत्व नागरिक प्रतिरोध मंच के अध्यक्ष मधुसूदन बेरा, सरोज माईती, संयुक्त सचिव तपन नायक, कार्यालय सचिव सुब्रत दास और अन्य ने किया. .दोनों स्टेशन प्रबंधकों को स्टेशन केन्द्रित सड़कों/टिकट काउंटरों/रैंप/ओवरब्रिज के संबंध में विभिन्न मांगों के साथ प्रस्तुत किया गया.
नेताओं ने शिकायत की कि हालांकि कोरोना काल के बाद स्थिति अब सामान्य है लेकिन दीघा, हल्दिया और खड़गपुर के लिए सभी लोकल ट्रेनें पहले की तरह शुरू नहीं की गई है . यहां तक कि एकमात्र कोलाघाट लोकल भी लॉन्च नहीं किया गया था. .शिरोमणि और घाटशिला जैसी पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस ट्रेनों में तब्दील कर बढ़ा हुआ किराया वसूला जा रहा है . इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और रेलवे प्रशासन को अपना फैसला बदलना होगा अन्यथा बड़े स्तर पर आंदोलन होगा .
