- रनिंग रूम में ठेकेदार-दलालों की मनमानी, लोको पायलटों ने डीआरएम के सामने कुव्यवस्था की खोली पाेल
- योग-मेडिटेशन व स्टोर रूम में ठेकेदार के कर्मचारियों का कब्जा, डीआरएम ने लगायी जमकर फटकार
- रनिंग रूम में मनाेरंजन के सामान नहीं, फूट मशाजर खराब, एसी फेल , RO का पानी भी पीने लायक नहीं
ROURKELA. रेलवे में अधिकारियों और ठेकेदार के बीच ”लूट” का गठजोड़ इतना मजबूत व तालमेल वाला है कि अब उसे तोड़ पाना कठित होता जा रहा है. इसका खुलासा रविवार को डीआरएम चक्रधरपुर तरुण हुरिया के राउरकेला स्टेशन के औचक दौरे में तब सामने आया जब घंटो में रनिंग रूम की पूरी व्यवस्था चकाचक कर दी गयी. लेकिन डीआरएम की कड़ी टिप्पणी के बावजूद उनके जाते ही पूरी व्यवस्था पूर्व की तरह यथावत हो गयी.
दरअसल, व्यवस्था की खामियों को लेकर सख्त माने जाने वाले डीआरएम तरुण हुरिया का ध्यान यूनियन की ओर से लगातार रनिंग रूम में सुविधाओं की कमियों की ओर आकृष्ट कराया जा रहा था. रनिंग रूम में गंदगी, खाने की खराब गुणवत्ता, घंटों ड्यूटी से आने के बाद बेड के लिए दो से तीन घंटें तक इंतजार करने की शिकायतें मिल रही थी. रविवार को बंडामुंडा इलेक्ट्रिक और डीजल लोको शेड के निरीक्षण के बाद डीआरएम ने राउरकेला निरीक्षण की इच्छा जतायी.
फिर क्या था लगभग एक घंटे के में ही राउरकेला रनिंग रूम की पूरी व्यवस्था बदल गयी. आनन-फानन में सफाई से लेकर दूसरी व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लिया गया. हालांकि तेज तर्रार डीआरएम की नजरों से फिर भी कुव्यवस्था नहीं छुप सकी. यहां योग-मेडिटेशन सेंटर में गद्दे और स्टोर रूम में ठेकेदार के कर्मचारियों के कब्जे पर डीआरएम ने नाराजगी जतायी और तत्काल उन्हें खाली कर लोको पायलटों के लिए स्थान सुनिश्चित कराने को कहा. रनिंग रूम में जिम के खराब उपकरणों को भी बदलने के निर्देश डीआरएम ने दिये. हालांकि भोजन को लेकर डीआरएम ने ठेकेदार और रनिंग रूम इंचार्ज को जरूरी निर्देश भी दिया.
यहां डीआरएम के निरीक्षण के दौरान ही लोको पायलटों ने अपनी बात रखी. डीआरएम को बताया कि 12 घंटे से अधिक की ड्यूटी करने के बाद जब वह रनिंग रूम आते हैं तो उन्हें Bed के लिए एक-दो घंटे तक इंतजार करना पड़ता है. विरोध करने पर उन्हें मानसिक व शारीरिक तनाव देते हुए क्रू कंट्रोलर द्वारा छह किलोमीटर दूर बंडामुंडा रनिंग रूम भेजा जाता है. राउरकेला रनिंग रूम में सफाई और भोजन की गुणवत्ता पर भी लोको पायलटों ने सवाल खड़े किये. लोको पायलटों ने रनिंग रूम में प्राथमिक उपचार के लिए फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था की भी मांग की.
नॉनवेज में मछली/मुर्गा की जगह मिलता है सिर्फ अंडा, कोई एक सब्जी-भुजिया देकर की जाती है खानापूर्ति
लोको पायलटों ने बताया कि नॉनवेज में उन्हें मछली/मुर्गा की जगह हमेशा सिर्फ अंडा ही दिया जाता है. यही नहीं सब्जी को लेकर कोई ऑप्शन नहीं दिया जाता है. ठेकेदार द्वारा एक से अधिक लोको पायलटों के लिए कोई एक सब्जी अथवा भुजिया का विकल्प दे दिया जाता है, विरोध करने पर कहां जाता है कि उन्हें इससे अधिक बचत नहीं होती है. रनिंग रूम में मनाेरंजन के सामान नहीं हैं. फूट मशाजर खराब पड़ा है. एसी फेल हैं. RO का पानी का टेस्ट अजीब है. कंबल मच्छरदानी और बेडशीट की बेहतर सफाई नहीं होती. सवाल यह उठ रहा है कि रनिंग रूम के लिए आवंटित फंड का उपयोग कहां हाे रहा है ?
डीआरएम के जाते ही सक्रिय हुए दलाल !, लोको पायलटों को मिली तबादले की ‘चेतावनी’
डीआरएम के जाते ही रनिंग रूम में अनियमितता की पोल खोलने वाले लोको पायलटों को चेतावनी मिलनी शुरू हो गयी है. रनिंग रूम की जिम्मेदारी संभालने वालों ने परिणाम भुगताने और ट्रांसफर तक के लिए तैयार रहने की धमकी दे डाली है. भयभीत कुछ लोको पायलटों ने समाचार प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर रेलहंट से आशंका जतायी कि उन्हें मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा सकता है. उनका कहना था कि रनिंग रूम की पूरी व्यवस्था पर अघोषित रूप से रेलवे मेंस यूनियन के एक नेता का कब्जा है. जिसकी सांठ-गांठ सीनियर डीईई और दूसरे अधिकारियों से है. जो लोको पायलट समस्या उठाते हैं उन्हें ऐन-केन-प्रकरेण दलाल नेता के इशारे पर प्रबंधन की ओर से परेशान किया जाने लगता है.
कौन है यह रेलवे मेंस यूनियन का दलाल नेता, जो हर माह करता है लाखों की कमाई, … खुलासा जल्द
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