GONDA. रेलवे सुरक्षा बल की हिरासत में मोतीगंज के किनकी निवासी संजय कुमार सोनकर की मौत का मामला उलझता जा रहा है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है. इसके बाद कोतवाली पुलिस ने बिसरा सुरक्षित कर लिया है. भारी विरोध और आक्रोश के बीच संजय सोनकर का पोस्टमार्टम पुलिस ने कराया था. मृतक के भाई राजू सोनकर ने बुधवार शाम नगर कोतवाली में आरपीएफ के तीन उपनिरीक्षक सुरेंद्र कुमार, आरक्षी करण सिंह यादव व अमित कुमार यादव के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसके बाद कमांडेंट ने तीनों को निलंबित कर लाइन हाजिर कर दिया है.
संजय कुमार सोनकर की मौत के बाद गांव में तनाव है और छह थानों की पुलिस को वहां कैप कराया गया है. संजय कुमार सोनकर का अंतिम संस्कार पुलिस की मौजूदगी में किया गया है. महिला थाना प्रभारी अनीता यादव की अगुवाई में पुलिस बल गांव में तैनात है. अब इस मामले में संजय के परिजनों की नजर पुलिस की कार्रवाई पर टिकी है.
बताया जाता है कि मोतीगंज थाना क्षेत्र के किनकी गांव के रहने वाले संजय कुमार सोनकर को चोरी के आरोप में मंगलवार की सुबह आरपीएफ के लोग ले आये थे. घर वालों का आरोप है कि उपनिरीक्षक सुरेंद्र कुमार, आरक्षी करण सिंह यादव व अमित कुमार यादव उसे पकड़ कर ले गये. यहां उसकी पिटाई की गयी जिससे संजय की मौत हो गई. इसके बाद ये लोग उसे ईश्वर शरण चिकित्सालय लाकर छोड़ दिया था.
संजय की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. इस मामले में आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक अनिरुद्ध राय ने मीडिया को बताया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी सब इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार, करण सिंह यादव तथा कांस्टेबल अमित कुमार यादव को उच्च अधिकारियों ने निलंबित कर दिया है. सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं. गोंडा के अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार रावत ने बताया कि मृतक का उसके स्वजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया है. सुरक्षा के मद्देनजर गांव में पुलिस बल तैनात है. पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है. बिसरा सुरक्षित किया गया है.
















































































