- बुकिंग में महिला कर्मी के पास मिला अधिक कैश तो पुरुष कर्मी के पास काउंटर में पकड़ाया रिटर्न टिकट
- दो दिनों तक टीम ने बुकिंग और पार्सल में की जांच, कई अनियमिताएं पकड़े जाने की बात आयी सामने
- रेलमंडल कॉमर्शियल विभाग में संवेदनशील पदों पर तबादलों के मामलों में लगातार हो रही अनदेखी
TATANAGAR. चक्रधरपुर रेलमंडल के राउरकेला पार्सल कार्यालय में सीबीआई की छापेमारी के बाद लगातार नये खुलासे हो रहे हैं. सीबीआई की छापेमारी में पार्सल से गिरफ्तारी के बाद जो तथ्य उभरकर सामने आये उसने पार्सल कार्यालयों में चल रही कुछ लोगों की मठाधीशी और लीज होल्डर के साथ मिलीभगत कर बिना वजन के माल चढ़ाये जाने के केस शामिल हैं. इधर अचानक शुक्रवार को जोनल विजिलेंस टीम ने टाटानगर बुकिंग और पार्सल में औचक जांच कर कई अनियमितताओं को पकड़ा है.
इन अनियमितताओं के लिए रेलमंडल के पार्सल और बुकिंग में वर्षों से कुछ चुनिंदा लोगों की बार-बार पोस्टिंग होना ही बड़ा कारण रहा है. टाटानगर पार्सल की बात करें तो इसका उदाहरण दिलीप कुमार सिंह, चंदन बनर्जी हैं तो राउरकेला में अशोक पांडे, जयदेव मुखर्जी, विशाल कुमार, ए अप्पा राव, सुशील ठाकुर, भुवनेश्वर महतो जबकि झारसुगुड़ा में राजू और गुणाधर ठाकुर ने नाम लिया जाता है. हालांकि इनमें कुछ अपवाद जरूर हो सकते है लेकिन कई लोग राउरकेला-टाटा-झारसुगुड़ा में 10 से लेकर 25 साल से अधिक समय से लोग घुमा फिराकर पदस्थापित किये जाते रहे हैं.
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हां कुछ दिनों के लिए उन्हें जरूर इधर से उधर किया गया लेकिन इसके बाद फिर उसे उनकी पोस्टिंग वहीं कर दी. संवेदनशील पदों पर तबादलों के नियम इन चुनिंदा लोगों के लिए बार-बार थिथिल किया गया. रेलवे पार्सल कार्यालयों में इसी मठाधीशी का नजीता राउरकेला और झारसुगुड़ा में सीबीआई की छापेमारी को माना जा रहा है. अब सवाल यह उठता है कि डिवीजन स्तर पर चल रहे इस खेल पर आखिर विजिलेंस की नजर क्यों नहीं जाती? संवेदनशील पदों पर तबादलों के मामले में मंडल कॉमर्शियल विभाग गंभीरता क्यों नहीं दिखाता?

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राउरकेला पार्सल में सीबीआई की छापेमारी की चर्चा अभी बंद भी नहीं हुई थी कि सीनियर डीसीएम अदित्य चौधरी की ओर से टाटानगर पार्सल में बड़ा बदलाव कर दिया गया. इसमें चीफ पार्सल सुपरवाइजर (CPS) के रूप में अमित कुमार चौधरी की ताजपाेशी शामिल है. तब सवाल यह उठाया गया था कि आखिर आखिर आठ माह में ही CS/TATA/PARCEL नौशाद अहमद को क्यों चलता कर दिया गया और आखिर अमित चौधरी में ही ऐसा क्या दिखा कि सीनियर डीसीएम ने कंट्रोल आर्डर पर ही उनकी पदस्थापना टाटानगर में कर दी. यह अब भी चर्चा का विषय बना हुआ है.
खैर.. ऊपरी स्तर पर चल रहे गोलमाल को नजर अंदाज भी कर दिया जाये तो पार्सल में अनियमितताओं का खेल जारी है. इसका पता एक बार फिर रेलवे विजिलेंस की जांच में सामने आया. शुक्रवार को विजिलेंस की दो सदस्यीय टीम ने टाटानगर में पहले पूरे एक दिन तक बुकिंग कार्यालय की गहराई से जांच की. इसमें एक महिला रेलकर्मी के काउंटर में निर्धारित से अधिक कैश पाया गया तो एक पुरुष कर्मचारी के पास रिटर्न टिकट पाया गया जिसे रद्द नहीं कर काउंटर में रखा गया था. विजिलेंस टीम ने दोनों मामलों को दर्ज कर लिया है. इसके अलावा बुकिंग में दूसरे अनियमितताओं पर भी विजिलेंस की नजर रही.
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दूसरे दिन विजिलेंस की टीम ने पार्सल कार्यालय में जांच की. हालांकि टीम पुराने मामले की जांच व बयान के लिए यहां आयी थी लेकिन इस दौरान कई अनियमिताओं पर भी उसकी नजर ठहर गयी जिसे रिकार्ड कर लिया गया है. इस दौरान एक महिला कर्मचारी को अवकाश में रहने के बावजूद बयान देने के लिए घर से बुलाने की बात भी सामने आयी है. बताया जाता है कि महिला कर्मी पर आरोप है कि उसने माल की डिलेवरी हुए बिना ही उसे सिस्टम में डिलेवर दर्शा दिया था. इस मामले में महिला कर्मचारी के अलावा पूर्व सीपीएस का भी बयान दर्ज किया गया है….रेलवे पार्सल की लीज में स्क्रैप भेजे जाने का खेल जारी …. आरोपियों को दी गयी जांच की जिम्मेदारी …आगे …















































































