Train Cancelled News. महाकुंभ की आस्था को लेकर विश्वव्यापी उबाल के बीच रेलवे के अप्रत्याशित निर्णय ने यात्रियों को परेशानी में डाल दिया है. प्रयागराज स्टेशन पर बढ़ रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अघोषित रूप से रेलवे ने कई मार्गों से यहां आने वाली दर्जनों ट्रेनों कोअचानक से रद्द करने की घोषणा कर दी है. खासकर पूर्वोत्तर भारत की और जाने वाली ट्रेनों में अभी भी अतिशय भीड़ हो रही है.
भीड़ के दो प्रमुख कारणों में एक तो महाकुंभ स्नान तो दूसरा शादी-विवाह का समय. ऐसे में ट्रेनों को अचानक निरस्त किया जाना यात्रियों के लिए बड़ा झटका साबित हो रहा. WRly के Ex ZRUCC मेंबर योगेश मिश्रा ने ट्रेनों को अचानक से रद्द किये जाने के निर्णय को लेकर रेलवे को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने पश्चिम रेलवे के महाप्रबंध के अलावा अहमदाबाद/भावनगर/बड़ौदा मंडल रेल प्रबंधकों को पत्र भेजकर चिंता जतायी है.
बताया है कि रेलवे के नियमावली व रेल बोर्ड के आदेशों के अनुसार किसी भी ट्रेन को रद्द करने के लिए 120 दिन पूर्व आदेश करने का प्रावधान है. क्योंकि पहले 120 दिन पूर्व आरक्षण ट्रेनों का होता था, वर्तमान में ट्रेनों का आरक्षण 60 दिन का हो चुका है, यात्रियों द्वारा ट्रेनों में 60 दिन पूर्व ही अपने आयोजन के अनुसार ट्रेनों में आरक्षण कराया जाता है. आरक्षण करने के लिए यात्री लोग लाइनों में लगकर टिकट को प्राप्त करते हैं और आरक्षित टिकट प्राप्त कर लेने पर अपनी यात्रा को सुनिश्चित मानकर चलते हैं. यही नहीं वापसी टिकट भी उन्होंने कंफर्म आरक्षित प्राप्त किया होता है.
परंतु इस तरह अचानक ट्रेनों को निरस्त कर देने से यात्रियों को उनकी सारी यात्रा का आयोजन निरस्त हो जाता है. वापसी टिकट में रद्दीकरण शुल्क भी देना पड़ता है. क्योंकि वह भी आरक्षित होता है. मात्र एक ट्रेन को निरस्त कर देने से यात्रियों को कितना दुख पहुंचता है जिसकी परिकल्पना करना भी अत्यंत कष्टदायक है.
भावनगर, अहमदाबाद, बड़ौदा मंडल ने रद्द की ट्रेनें
वर्तमान में भावनगर मंडल द्वारा 25 तारीख की 12941 भावनगर आसनसोल एक्सप्रेस ट्रेन , 24 तारीख की 12945 वेरावल वाराणसी ट्रेन रद्द की जा चुकी है, जबकि अहमदाबाद मंडल से 22 तारीख से 26 तारीख तक 19483 अहमदाबाद बरौनी एक्सप्रेस ट्रेन , 25 तारीख की 19489 अहमदाबाद गोरखपुर एक्सप्रेस ट्रेन , 26 तारीख की 12947 अहमदाबाद पटना एक्सप्रेस ट्रेन तथा बड़ौदा मंडल की 25 तारीख की 20903 एकता नगर वाराणसी एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द किया गया है .
जबकि सभी को यह ज्ञात है की 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि पर्व एवं महाकुंभ का शाही स्नान का अंतिम पर्व है. मुश्किल से ट्रेनों में आरक्षण सीट प्राप्त किए हुए यात्री अपनी यात्रा से मात्र एक निरस्तीकरण के आदेश से यात्रा करने में निष्फल हो रहे हैं. जहां भारत सरकार रेल मंत्रालय महाकुंभ पर्व के लिए विशेष अतिरिक्त गाड़ियां चलाई जा रही हैं, पश्चिम रेलवे ने भी 300 से अधिक विशेष गाड़ियां चलाई, वहां इन ट्रेनों को अंतिम क्षणों में रद्द करके महाकुंभ में जाने वाले यात्रियों को काफी दिक्कतें प्रदान कर दी गई.
शादी विवाह का जो मौसम चल रहा है उसमें भी लोग अपने परिवार में बेटे बेटियों की बहन की शादियों में प्रसंग हेतु अपने वतन को भी जाने के लिए ट्रेनों में आरक्षण कराए हुए थे, मात्र एक आदेश से उनके वहां पहुंचने का सारा कार्यक्रम निरस्त हो जा रहा है. ट्रेन रद्दीकरण के टिकट का किराया तो उन्हें वापस मिल जाएगा , परंतु वापसी टिकट का जो उन्होंने आरक्षण कर के रखा हुआ है अगर वह रद्द कराते हैं तो उन आरक्षित टिकटों पर जो चार्ज कटेगा उसका जवाबदेय कौन होगा ?
उनके आयोजनों को निष्फल किया गया, रेलवे ने 120 दिन को हटाकर 60 दिन किया जिससे कि लोगों की आयोजनों पर समय लोग यात्रा कर सके, आयोजन बना सके और इस प्रकार का रद्दीकरण यात्री हित में संपूर्ण रूप से अनुचित है. रेलवे बोर्ड का आदेश जो 120 दिन पूर्व का है वह आज भी लागू है ! तो उसकी अवहेलना क्यों की जा रही है ? परिचालन विभाग, यात्री प्रबंधन विभाग, क्या देख रहा है ?
यात्रियों को सुविधा देने के लिए कि यात्रियों को कष्ट में ट्रेनों को रद्द करने के लिए प्रयास कर रहा है ? कृपया संज्ञान में ले यात्री हित में ट्रेनों का निरस्तीकरण कम से कम 60 दिन पूर्व घोषित करें. शादी विवाह का समय आ गया है , त्योहारों का समय है , ऐसे में ट्रेनों का रद्द करना यात्रियों के लिए बहुत ही कष्टदायक है. अतिरिक्त ट्रेन चलाने , अतिरिक्त कोच लगाने की जगह , ट्रेन को रद्द कर देना यात्री हित में संपूर्ण रूप से उचित नहीं लगता है.
