- 18637 एसएमभीटी बेंगलुरु साप्ताहिक एक्सप्रेस में रांची निवासी सनातन एक्का बने शिकार, झारसुगुड़ा में हुआ इलाज
- सेक्शन में गांजा और केंदू पत्ता तस्करी, अवैध वेंडिंग बना नासूर, दलालों का काउंटर पर कब्जा, धड़ल्ले से बिक रही शराब
ROURKELA. यात्रा के दौरान ट्रेन में असुरक्षा की एक और घटना ने रेल प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. शनिवार की रात ट्रेन संख्या 18637 एसएमभीटी बेंगलुरु साप्ताहिक एक्सप्रेस के साधारण कोच में यात्रा कर रहे झारखंड के रांची निवासी सनातन एक्का (उम्र 35 वर्ष) पर दो किन्नरों ने हमला कर दिया.
जानकारी के अनुसार, ट्रेन के राउरकेला स्टेशन से खुलने के कुछ ही देर बाद (करीब रात 8:30 बज रही थी) दो किन्नर सनातन से पैसों की मांग करने लगे. लेकिन सनातन ने पैसे देने से इंकार कर दिया. इसी वाद-विवाद के बाद नाराज किन्नरों ने उसकी पिटाई शुरू कर दी. सिर पर हुए जोरदार वार से दाहिने हिस्से पर गहरी चोट आई.
घटना के तुरंत बाद ट्रेन की रफ्तार कम होते ही दोनों किन्नर चलती ट्रेन से कूदकर फरार हो गए. घायल यात्री ने तुरंत रेल मदद हेल्पलाइन के जरिए घटना की सूचना दी. इसके बाद जब ट्रेन झारसुगुड़ा स्टेशन पहुंची, तो वहां मौजूद रेलवे मेडिकल टीम ने सनातन का प्राथमिक उपचार किया. पट्टी कराने के बाद सनातन अपनी यात्रा जारी रखते हुए बेंगलुरु रवाना हो गया.
आरपीएफ के कार्यशैली पर उठे सवाल
इस घटना के बाद राउरकेला आरपीएफ ने अज्ञात दो किन्नरों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है. हालांकि, बार-बार यात्रियों के साथ हो रही आपराधिक घटनाओं से राउरकेला-झारसुगुड़ा रेल खंड में सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. मालूम हो कि पिछले कुछ महीनों से राउरकेला रेलवे स्टेशन लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. यहां बड़े पैमाने पर गांजा और केंदू पत्ता तस्करी, अवैध भिंडिंग व टिकट दलाली का कारोबार फल-फूल रहा है. इसके आलावा स्टेशन परिसर में खुलेआम शराब बेची जा रही है.
तीन दिन पहले ही सीबीआई की टीम ने राउरकेला रेलवे स्टेशन के पार्सल कार्यालय में छापेमारी कर एक कर्मचारी को सात हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. स्थानीय लोग तथा रेल यात्री आरोप लगाते हैं कि आरपीएफ की मिलीभगत और मनमानी के कारण यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है. यात्रियों का कहना है कि ट्रेन और स्टेशन परिसर में अपराधिक व अवैध गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन उस पर अंकुश लगाने में आरपीएफ नाकाम साबित हो रही है.
आरपीएफ मुख्यालय से कार्रवाई की मांग
आरपीएफ की महिला डीजी सोनाली मिश्रा ने पदभार संभालने के बाद देशभर में आरपीएफ के भीतर फैले भ्रष्टाचार और मिलीभगत पर सख्त कार्रवाई शुरू की है. कई जगहों पर सुधार दिखाई भी दे रहा है, लेकिन राउरकेला रेल खंड पर अब तक इसका कोई प्रभाव नजर नहीं आ रहा है. जिसे देखते हुए स्थानीय लोगों और रेल यात्रियों ने आरपीएफ डीजी से गुहार लगाई है कि राउरकेला रेल खंड में यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए. स्पष्ट है कि ट्रेन में हुए इस हमले ने एक बार फिर रेल सुरक्षा की कमजोरियों को उजागर कर दिया है. अब देखना यह होगा कि आरपीएफ इस घटना से सबक लेकर कब तक ठोस कदम उठाती है.
