- कमांडेंट और सहायक कमांडेंट की जानकारी में चल रहा केंदू पत्ता की तस्करी का खेल !
- वन विभाग आरपीएफ के बीच कई बार हो चुका है टकराव, दर्जनों बार जब्त हुआ पत्ता
ROURKELA. चक्रधरपुर रेलमंडल के राउरकेला स्टेशन पर फिर से एक बार बड़ी मात्रा में केंदू पत्ता जब्त किया गया है. जब्त केंदू पत्ता दो ट्रॉलियों में लोड किया गया था, इससे उसकी बड़ी मात्रा का सहज अनुमान लगाया जा सकता है. यह पहली बार नहीं है जब ट्रेन और स्टेशन से बड़ी मात्रा में केंदू पत्ता पकड़ा गया है. रेलवे और आरपीएफ की मौन सहमति के बीच कई बार वन विभाग ने सीधी कार्रवाई करते हुए राउरकेला समेत दूसरे स्टेशनों और ट्रेनों में चढ़ाये गये केंदू पत्ता को जब्त कर चुका है.
ऐसा कहा जा रहा हैकि अवैध कमाई के लिए आरपीएफ के अधिकारी से लेकर जवान तक यात्रियों की जिंदगी को दांव पर लगाने से नहीं चूक रहे. बेखौफ मेल और एक्स्प्रेस ट्रेनों में झारसुगुड़ा के बागडीह समेत दूसरे स्टेशनों से केंदू पत्ता चढ़ाया जाता है जो राउरकेला, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, टाटानगर और खड़गपुर होते हुए कोलकता तक पहुंचता है.
31 मार्च को 12869 CSMT-HWH EXP में राउरकेला स्टेशन से चढ़ायी गयी केंदू पत्ता की खेप लगभग 12 बंडल (लगभग 140 किलोग्राम) रेलहंट की सूचना पर SER आरपीएफ मुख्यालय के हस्तक्षेप से चक्रधरपुर में आरपीएफ की टीम ने जब्त किया था. हालांकि रेलवे के जानकार बताते ही कुछ घटनाएं तो अपवाद है लेकिन झारसुगुड़ा आरपीएफ के क्षेत्राधिकार वाले बागडीह स्टेशन से लगातार केंदू पत्ता की अवैध तस्करी सालों से की जा रही है.
यह पूरा खेल आरपीएफ के चक्रधरपुर कमांडेंट और राउरकेला के सहायक कमांडेंट की जानकारी में होता है. आलम यह है कि बागडीह से लेकर हावड़ा तक एक्सप्रेस की कौन कहे सुपरफास्ट ट्रेनों तक में अवैध रूप से केंदू पत्ता की असुरक्षित ढुलाई होती है जो किसी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकती है. हालांकि वन सामग्री की तस्करी और ट्रेनों में अवैध ढुलाई को लेकर वन विभाग और आरपीएफ के बीच कई बार टकराव हो चुका है लेकिन अवैध कमाई के इस बड़े खेल को रोकने के लिए कोई तैयार नहीं है.
वन सामग्री (केंदू पत्ता) की अवैध ढुलाई ट्रेनों की लगातार जारी है. झारसुगुड़ा के बाद छोटे स्टेशन बागडीह से आम तौर पर केंदू पत्ता ट्रेनों में चढ़ाया जाता रहा है. यह स्टेशन झारसुगुड़ा आरपीएफ पोस्ट के दायरे में आता है. केंदू पत्ता की अवैध तस्करी पर लगाम नहीं लगने के बाद यह कहा जाने लगा है कि राउरकेला आरपीएफ पोस्ट प्रभारी कमलेश समाद्दार और झारसुगुड़ा आरपीएफ प्रभारी योगेंद्र कुमार की निगहबानी और जानकारी में पूरा गोलमाल चल रहा है. हां, कभी-कभार इसे जब्त कर आरपीएफ दिखावे की कार्रवाई भी कर लेता है.
















































































