NEW DELHI/TATA. रेलवे ने सुरक्षा और संरक्षा को सुनिश्चित कराने वाली तकनीकी से जुड़े एक बड़े बदलाव को मंजूरी दे दी है. रेलवे द्वारा सभी जोन को यह निर्देशित किया गया है कि अब इंजन रिपेयरिंग शेड और इंजन कारखानों में ही फॉग सेफ डिवाइस (FSD) को स्थायी रूप से लगाया जाये. इसे लेकर आदेश भी जारी कर दिया गया है. नया सिस्टम लगाये जाने के बाद कुहासा के समय ट्रेन का गति को कम करने की जरूरत नहीं होगा और ट्रेनों का संचालन सुरक्षित तरीके से किया जा सकेगा.
रेलवे के इस निर्णय का लोको पायलटों ने स्वागत किया है. यह माना जा रहा है कि डिवाइस के इंजन में स्थायी रूप से लगाये जाने के बाद सहायक लोको पायलट (ALP) का बोझ कम हो जायेगा. अभी सहायक लोको पायलट ड्यूटी के समय इस डिवाइस को लेकर चलते हैं.
AIRF/SERMU ने रेलवे बोर्ड के इस आदेश पर संतोष जाहिर करते हुए इसे बड़ी उपलब्धि करार दिया है. ऑल इंडिया रेलवेमैन फेडरेशन द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि महासचिव कॉ शिव गोपाल मिश्रा के नेतृत्व रेलवे बोर्ड के सामने यह मांग PNM वार्ता में उठायी गयी है. फेडरेशन ने बीते 28 अप्रैल को 7 मुख्य मांगों को लेकर देश भर की लॉबी में विरोध-प्रदर्शन किया. आंदोलन की चेतावनी दी. इसका असर रहा कि 29 अप्रैल को ही रेलवे बोर्ड ने फॉग सेफ डिवाइस (FSD) के मामले में निर्णय लेेकर इसे स्थायी रूप से इंजन में स्थापित करने का आदेश जारी कर दिया.
रेलवे मेंस यूनियन रेल कर्मचारियों के हित में लगातार सक्रिय हैं. रनिंग कर्मचारियों की हर समस्या के समाधान की दिशा में प्रयास किया जा रहा. यह पहल आगे भी जारी रहेगी. आने वाले दिनों में 25 % बढ़ा हुआ माइलेज रेट भी एरियर के साथ AIRF दिलवाने का काम करेगी.
एमके सिंह, को-ऑर्डिनेटर, रेलवे मेंस यूनियन
ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि हर इंजन में FSD डिवाइस लगाये जाने से कुहासे की मौसम में ट्रेन में यात्रा करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. यह फेडरेशन के महासचिव कॉम. शिव गोपाल मिश्रा, दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस यूनियन के कॉम.गौतम मुखर्जी और रनिंग शाखा की अहम उपलब्धि है. FSD को रेल इंजन में फिट होने से सुरक्षा-संरक्षा के साथ समयबद्धता सुनिश्चित होगी और रेलवे का राजस्व भी बचेगा.
