- निवेश योजना का शिकार बने 53 रेलकर्मियों ने डीआरएम को दी संयुक्त शिकायत
- रेलवे में कार्य करने के दौरान निजी एजेंसी को प्रमोट कर रहा था लोको पायलट
SAMBALPUR. पूर्व तट रेलवे (ईस्ट कोस्ट रेलवे) के संबलपुर मंडल में एक चौंकाने वाला वित्तीय घोटाला सामने आया है, जिसमें लोको पायलट (मालगाड़ी) पद पर कार्यरत सीआर साहू पर गंभीर वित्तीय धोखाधड़ी, विश्वासघात और कर्तव्य के दुरुपयोग के आरोप लगे हैं. यह मामला 200 से अधिक रेलकर्मियों की गाढ़ी कमाई को एक फर्जी निवेश योजना में झोंकने से जुड़ा हुआ है. ट्रेन चालक के द्वारा लूट के स्वीकार हुए लोगो ने इस संबंध में संबलपुर रेल डीआरएम सुभाष सी चौधरी को लिखित शिकायत की है. साथ ही साथ आरोपी ट्रेन चालक के खिलाफ विभागीय कारवाई की मांग की है.
जाने क्या है मामला
सीआर साहू पर आरोप है कि उन्होंने “Evokart”, “Evocash” और “Delta” नामक मोबाइल एप आधारित निवेश योजनाओं का प्रचार करते हुए खुद को योजना का गारंटर बताया और कर्मचारियों को यह भरोसा दिलाया कि इन योजनाओं के प्रमोटर चंद्रशेखर साहू के पास बड़े व्यवसायिक संपत्ति, होटल, मॉल और शेयर निवेश हैं. लोको पायलट के रूप में अपनी आधिकारिक पहचान और सहकर्मियों के बीच बनी प्रतिष्ठा का दुरुपयोग करते हुए, उन्होंने सैकड़ों रेल कर्मचारियों को लाखों-करोड़ों रुपये निवेश करने को प्रेरित किया और 30 महीनों में दोगुना रिटर्न का झांसा दिया है.
धोखाधड़ी का खुलासा
निवेश के बाद अचानक सीआर साहू और चंद्रशेखर साहू ने यह दावा किया कि कंपनी की सारी संपत्ति “लूट ली गई” है और निवेशकों को भारी नुकसान हो गया है. प्राथमिक जांच में सामने आया है कि ट्रेन चालक सीआर साहू को इस घोटाले से लगभग 1.5 करोड़ रुपये का कमीशन मिला है. जबकि करीब 6 करोड़ रुपये की राशि एप संचालकों को ट्रांसफर की गई है.
कर्मचारियों पर असर
पीड़ितों में ज्यादातर निचले दर्जे के कर्मचारी हैं, जिन्होंने अपनी जीवनभर की पूंजी गंवा दी है. वे आर्थिक, मानसिक और भावनात्मक संकट से गुजर रहे हैं. शिकायत करने वाले लोगों ने संबलपुर रेलमंडल के डीआरएम से अपील की है कि, आरोपी ट्रेन चालक के सभी बैंक खातों को फ्रीज कर धनवसूली की जाए. साथ ही ट्रेन चालक सी.आर साहू को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू की जाए. अधिकाशं पीड़ित लोको पायलट संवर्ग से हैं और अब उनकी गाढ़ी कमाई निवेश के गोलमाल में फंस चुकी है.
रेलवे की साख दांव पर
इस घोटाले ने रेलवे कर्मचारियों के बीच विश्वास को गहरा आघात पहुंचाया है. शिकायतकर्ता ने मंडल रेल प्रबंधक, संबलपुर को पत्र लिखकर त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह के घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके. अब तक लगभग 53 रेलकर्मियों ने डीआरएम को संयुक्त पत्र सौंपकर यह मामला उठाया है और मामले में उच्च स्तरीय जांच कराने का अनुरोध किया है.















































































