KHARAGPUR. पूर्व घाेषित कार्यक्रम के तहत तृणमूल कांग्रेस समर्थित खड़गपुर बस्ती बचाओ संग्राम कमेटी ने बुधवार को DRM केआर चौधरी के सरकारी आवास का घेराव किया. आंदोलनकारी सुबह से ही बैनर और नारे के साथ डीआरएम आवास के सामने आकर डट गये थे. अतिक्रमण के नाम पर घरों को टूटने से भयभीत बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन में शामिल हुए थे. प्रदर्शन को लेकर डीआरएम आवास की सुरक्षा आरपीएफ और आरपीएसएफ जवानों ने संभाल रखी थी.
बताया जाता है कि शांतिपूर्ण आंदोलन तब उग्र हो गया जब मंडल रेल प्रबंधक चौधरी के कार्यालय के लिए रवाना होने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने उनके वाहन को रोकने का प्रयास किया. इस पर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के जवान आगे बढ़े और उनकी प्रदर्शनकारियों से धक्का-मुक्की की स्थिति उत्पन्न हो गई. इस घटना में तृणमूल युवा कांग्रेस के मिदनापुर सांगठनिक जिला उपाध्यक्ष असित पाल को चोट आयी है.
आसित पाल को चांदमारी अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि RPF ने बिना किसी चेतावनी के अचानक लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया. हालांकि संभावित तनाव को देखते हुए यहां पहले से रेलवे प्रशासन ने डीआरएम आवास की बैरिकेडिंग कर रखी थी. RPF के अलावा RPSF के जवानों की भी तैनात रखा गया था. प्रदर्शन कारियों पर लाठी चार्ज को लेकर अब तक रेल प्रशासन का पक्ष सामने नहीं आया है.
शांतिपूर्ण आंदोलन पर लाठी चार्ज का औचित्य नहीं : सांसद
खड़गपुर में चल रहे आंदोलन और आरपीएफ के बल प्रदर्शन को मिदनापुर से टीएमसी सांसद जून मालिया ने बर्बर बताया है. सोशल मीडिया जारी अपने बयान में उन्होंने कहा कि आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण था, परंतु डीआरएम के आदेश पर अचानक से आरपीएफ ने लाठीचार्ज कर दिया. इससे कुछ लोगों को चोटें आयी है. उन्होंने इसे “बर्बर और अलोकतांत्रिक कृत्य” बताया. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन किसी राजनीतिक दल का नहीं, बल्कि झुग्गीवासियों के अस्तित्व की लड़ाई है. लाठी या धमकी से इसे नहीं रोका जा सकता. उन्होंने असित पाल के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की और आंदोलनकारियों के साथ मजबूती से खड़े रहने की बात भी कही.
