- खड़गपुर डीआरएम ने सार्वजनिक क्षेत्र में राजनीतिक हस्तक्षेप पर जतायी चिंता, कहा : यात्रियों और रेलकर्मियों की सुरक्षा खतरे में
- गैरकानूनी कार्यों पर कार्रवाई रोकने के लिए डीआरएम बंगला घेराव के लिए अतिक्रमणकारियों को उकसा रहे टीएमसी के नेता
- रेलवे के परिसर में अवैध रूप से चल रहे राजनीतिक कार्यालय, जिला अध्यक्षों को नोटिस भेजे जाने से नेताओं की बढ़ी है बेचैनी
KHARAGPUR. दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर डिवीजन में असामाजिक गतिविधियों और रेलवे संपत्ति पर अनधिकृत अतिक्रमण की बढ़ती घटनाओं के कारण रेलवे प्रशासन गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है. रेलवे वर्कशॉप और खड़गपुर क्षेत्र में चोरी, अतिक्रमण से घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि के साथ सार्वजनिक क्षेत्र में राजनीतिक हस्तक्षेप, अव्यवस्था के साथ यात्रियों और रेलकर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है. खड़गपुर रेलवे स्टेशन, कालोनियां, साइडिंग क्षेत्रों और प्रशासनिक कार्यालयों क्षेत्र गैरकानूनी गतिविधियों का केंद्र बन रहे हैं, जो रेल प्रशासन की चिंता का कारण बने हैं. यह कहना है खड़गपुर डीआरएम केआर चौधरी का.
सोमवार को डीआरएम केआर चौधरी मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने स्पष्ट कहा कि रेलवे परिसर में बड़ी संख्या में अनधिकृत राजनीतिक पार्टी कार्यालय चल रहे हैं, जिसके लिए उनके जिला अध्यक्षों को नोटिस भेजा गया है. रेल क्षेत्र में असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाने के लिए लगातार कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है जिससे अतिक्रमणकारियों में बेचैनी है. रेलवे के कानूनी अभियान को रोकने के लिए राजनीतिक दलों के नेता गैरकानूनी हथकंडे अपनाकर आतंक का माहौल बना रहे हैं.
इन नेताओं में शामिल प्रदीप सरकार, देबाशीष चौधरी, रोहन दास सहित टीएमसी के नेता अतिक्रमणकारियों को 11.06.2025 को डीआरएम बंगला, यानी आवासीय परिसर का अवैध रूप से घेराव करने के लिए उकसा रहे हैं, जिससे रेलवे कॉलोनियों में आतंक और डर पैदा हो रहा है. इनकी मंशा रेलवे अधिकारियों को कानून के अनुसार काम करने से रोकने की है जो बीएनएस धारा 126(2), 127 और 334 के अनुसार कानून का उल्लंघन है.
इसी तरह की गैरकानूनी घेराव का एक मामला 31 मई 2025 को हुआ, जहां 150 लोगों ने सुवर्णरेखा ऑफिसर्स रेस्ट हाउस के पास एक रेलवे परिसर की दीवार को अवैध रूप से गिरा दिया. भीड़ का नेतृत्व रोहन दास और अन्य कर रहे थे. उसकी जांच चल रही है. रोहन दास कई बार ऐसी गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त रहे और रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. इसके ऊपर रेलवे अधिनियम, 1989 के तहत कार्रवाई शुरू की गई है.
चार मार्च को डीआरएम बंगला का घेराव दुर्भाग्यपूर्ण घटना, पुलिस ने किया असहयोग
डीआरएम ने मीडिया को बताया कि 4 मार्च 2024 को एक महत्वपूर्ण और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम में टीएमसी के जिला नेता देबाशीष चौधरी के नेतृत्व में लगभग 300 टीएमसी समर्थकों ने डीआरएम बंगला और रेलवे ऑफिसर्स क्लब, 6वें एवेन्यू, खड़गपुर का घेराव किया. इस मामले में आरपीएफ टाउन पोस्ट के पोस्ट कमांडर एस. समद्दार पर ही स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था. यह रेलवे के नेतृत्व वाले अतिक्रमण विरोधी और सुरक्षा अभियानों के दौरान स्थानीय अधिकारियों से असहयोग की भावना को दर्शाता है.
रेलवे अपनी संपत्ति की रक्षा-सुरक्षा और परिचालन निरंतरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध
डीआरएम ने स्पष्ट किया तमाम चुनौतियों के बावजूद, रेलवे प्रशासन परिचालन और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण अपनी जमीन को अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाकर हासिल करेगा. इसके लिए अभियान रेलवे प्रशासन, आरपीएफ और स्थानीय नागरिक निकायों की संयुक्त टीम द्वारा किया जा रहा है. पटरियों, कॉलोनियों और कार्यशालाओं के किनारे अवैध रूप से बनाए गए ढांचों को हटाया जा रहा है. इससे पहले सभी को नोटिस जारी की गयी है. रेलवे को माल ढुलाई और यात्री केंद्र के रूप में खड़गपुर के महत्व को देखते हुए विस्तार, आवास और परिचालन सुरक्षा के लिए भूमि की आवश्यकता है. रेलवे राष्ट्र की संपत्ति है और नागरिकों से अनुरोध है कि इसकी रक्षा करने में सहयोग करें.
पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में सबसे अधिक अतिक्रमण की घटनाएं
डीआरएम ने मीडिया को बताया कि 1 अप्रैल 2023 तक के रिकॉर्ड के अनुसार, पश्चिम बंगाल राज्य (केजीपी डिवीजन के अधिकार क्षेत्र) में कुल 8,824 अतिक्रमणों में से अकेले खड़गपुर क्षेत्र में 9.30 हेक्टेयर में 4,651 अतिक्रमण हैं. इसके अतिरिक्त, पूरे डिवीजन में 5,322 बेदखली आदेश लंबित हैं, जिनमें से 1,872 स्थानीय अधिकारियों के असहयोग के कारण खड़गपुर बस्ती क्षेत्र से संबंधित हैं. हालांकि वे पीपीई अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कर्तव्यबद्ध हैं. आरपीएफ ने रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 145, 146 और 147 के तहत कार्रवाई शुरू की है. 2024 में 28 मामले जबकि 2025 12 मामले अब तक दर्ज किये गये हैं जो नशा, गैरकानूनी प्रवेश, कर्तव्यों में बाधा और रेलवे परिसर में सार्वजनिक उपद्रव सहित अपराधों से संबंधित हैं.
