नई दिल्ली. नई दिल्ली स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 12-13 में रविवार की रात अचानक यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी. एफओबी और सीढि़यों के ऊपर जगह खत्म हो रही थी. आलम व समय 15 फरवरी वाला था, जब प्लेटफार्म पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गयी थी. एफओबी पर भीड़ से यात्रियों में डर का माहौल बन गया था. हालांकि कुछ देर में भीड़ छंट गयी और सबकुछ सामान्य हो गया.
अब रेलवे इस मामले को लेकर मौन है. दरअसल, रविवार की नई दिल्ली स्टेशन से चलने वाली शिवगंगा एक्प्रेस, स्वतंत्रता सेनानी, जम्मू राजधानी, लखनऊ मेल और मगध एक्सप्रेस विलंब से चल रही थी. स्वतंत्रता सेनानी प्लेटफार्म नंबर 13 से रवाना होती है जबकि शिवगंगा एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर 12, जम्मू राजधानी प्लेटफार्म नंबर 12 से, लखनऊ मेल प्लेटफार्म नंबर 12, मगध एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर 14 से आम तौर पर रवाना होती है. सभी ट्रेनों का समय रात 8 बजे से लेकर 10 बजे के बीच का है.
ये ट्रेनें भी रात प्लेटफॉर्म नंबर 12, 13, 14 से रवाना होती है जो आसपास हैं. रविवार की रात ट्रेनों के लेट होने से प्लेटफार्म और एफओबी पर भीड़ जुटने लगी थी. यात्री परेशान थे. हालांकि पूर्व की गलती को सीख लेते हुए रेलवे अधिकारी सतर्क थे. आरपीएफ और सीनियर अधिकारियों ने मोर्चा संभाला और भीतर को नियंत्रित किया. मामले की गंभीरता को देखते हुुए उत्तर रेलवे के जीएम भी स्टेशन पर पहुंच गए थे.
इस दौरान अधिकारियों ने सीसीटीवी की मदद से भीड़ का आंकलन किया और आरपीएफ और कर्मियों ने मिलकर लोगों को प्लेटफार्म और एफओबी से सर्कुलेटिंग एरिया में भेजा. इससे कुछ देर में ही हालात काबू में आ गए. उत्तर रेलवे के सीपीआरओ हिमाशु शेखर ने मीडिया को बताया कि वीकेंड में भीड़ अधिक होती है. इस वजह से स्टेशन पर यात्रियों की संख्या अधिक थी लेकिन भगदड़ जैसे हालात से उन्होंने भी इंकार किया.
