PRAYAGRAJ. उत्तर मध्य रेलवे में प्राईवेट अस्पताल से अनुबंध समाप्त होने के बाद उसका नवीनीकरण नहीं किया गया है. नये अनुबंध को लेकर तैयार फाइल तकनीकी दांवपेंच में उलझी हुई है और इसका खामियाजा रेलकर्मी भुगत कर रहे हैं. गंभीर मरीजों को इलाज के लिए उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ रहा है तो उसके लिए कीमत भी चुकानी पड़ रही है.
उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ (UMRKS) के महामंत्री रूपम पाण्डेय ने जीएम को पत्र भेजकर इस रेफर केस को लेकर तत्काल पहल करने का अनुरोध किया है. उन्होंने बताया है कि उत्तर मध्य रेलवे से प्राईवेट हास्पिटल का अनुबंध समाप्त हुए कई माह बीत चुके है लेकिन प्रशासन और मेडिकल विभाग की लापरवाही के चलते फाइल विभाग- विभाग घूम रही है.

रूपम पाण्डेय, महामंत्री, UMRKS
इससे गंभीर मरीजो को इलाज के लिए भटकना पङ रहा है. गंभीर मरीजों को प्राईवेट हास्पिटल मे रेफर नहीं किया जा पा रहा है. इससे बेहतर इलाज के लिए रेलकर्मी और उसके परिजन परेशान है. यहां से रेफर होने वाले अस्पताल में दिल्ली सहित कई हास्पिटल है. अगर रेल प्रशासन अनुबंध पर जल्द निर्णय लेता है तो बड़ी संख्या में रेलकर्मियों को इसका फायदा मिलेगा.
उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ के आशीष मिश्रा, निर्भय सिंह, अजय सिंह, सत्यम गुप्ता, सभाजीत चौबे, रूकमानंद पाण्डेय, रज्जन ओझा, संदीप गुप्ता, बीरबल ठाकुर, अमित शुक्ला, मनीष जायसवाल, पवन मालवीय, ध्रुब नंदन आदि ने इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर प्राईवेट हास्पिटल में रेफर की व्यवस्था शुरू करने की मांग की है.
मालूम हो कि उत्तर मध्य रेलवे में लगभग 48 निजी अस्पतालों से रेलवे का पूर्व में अनुबंध था जहां वह सीधे इलाज करा सकते थे. इससे रेलकर्मियों को सीधा लाभ मिलता था. वर्तमान में अनुबंध खत्म होने से 66 हजार से अधिक रेलकर्मियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
