Connect with us

Hi, what are you looking for?

Rail Hunt

देश-दुनिया

रेलवे की सुरक्षा को अभेद बनायेंगे कोरस के कमांडों, तैनाती शुरू

रेलवे की सुरक्षा को अभेद बनायेंगे कोरस के कमांडों, तैनाती शुरू
  • आरपीएफ डीजी अरुण कुमार की सोच का नतीजा है नयी कमांडों फोर्स
  • बुलेट प्रूफ जैकेट, विशेष हेलमेट व अत्याधुनिक हथियारों से रहेंगे लैस

रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली

रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में आतंकी खतरे से निबटने के लिए रेलवे ने विशेष कमांडों दस्ते का गठन किया है. कोरस का मतलब कमांडो फॉर रेलवे सिक्योरिटी है. इसके लिए कमांडों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है जो किसी भी तरह की अप्रिय हालातों से निपटने में सक्षम हैं. कोरस को आतंकी हमले के साथ ही नक्सली हमला से लेकर प्राकृतिक आपदा में यात्रियों को जान बचाने का प्रशिक्षण दिया गया है. पहले चरण में कोरस के 1200 कमांडो देशभर में तैनात करने की योजना है. 15 अगस्त के मौके पर कमांडो फोर्स को रेलवे में शामिल कर लिया गया है. इनकी तैनाती उन स्थानों पर की जायेगी जहां अक्सर खतरे की आशंका बनी रहती है.रेलवे की सुरक्षा को अभेद बनायेंगे कोरस के कमांडों, तैनाती शुरू

रेलवे छत्तीसगढ़ के जगदलपुर और दंतेवाड़ा, उत्तर-पूर्व राज्यों के संवेदनशील इलाके से लेकर जम्मू कश्मीर आदि में इनकी तैनाती कर सकता है. रेलवे अधिकारियों के मानना है कि नक्सली, आतंकी और उल्फा के हमलों के डर से कई इलाकों में रेलवे प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पा रहे है. उन स्थानों पर इन कमांडोज की मदद से रेलवे अपने प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करेगी. आरपीएफ डीजी अरुण कुमार के अनुसार इन जवानों को एनएसजी और मार्कोस की तर्ज पर ट्रेनिंग दी गई है. मार्कोस जहां समुद्री ऑपरेशन में महारत हासिल रखते हैं. वहीं एनएसजी के जवानों के पास अलग-अलग इलाकों में ऑपरेशन की महारत है. इसी तरह रेलवे के ऑपरेशंस को अंजाम देने के लिए कोरस को खासतौर पर तैयार किया गया है. कोरस में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स और रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स के जवानों को शामिल किया गया है. इनकी खास तरह की यूनिफार्म होगी. इनके पास बुलेट प्रूफ जैकेट तक विशेष हेलमेट मौजूद होगा. इनके पास अत्याधुनिक हथियार भी रहेंगे.

कोरस कमांडों में जवान की उम्र सीमा 30 से 35 के बीच रखी गयी है. इनकी ट्रेनिंग एनएसजी, फोर्स वन और ग्रेहाउंड जैसे कमांडोड के साथ करायी गयी है. माना जा रहा है कि यह प्रयोग रेलवे सुरक्षा बल के डीजी अरुण कुमार की सोच का नतीजा है. कोरस कमांडों की ट्रेनिंग एनएसजी के मानेसर स्थित मुख्यालय के अलावा नक्सल आपरेशनों के लिए आंध्र प्रदेश व तेलंगाना पुलिस द्वारा विशेष रूप से तैयार ‘ग्रे हाउंड्स’ फोर्स के सेंटरों में चार चरणों में पूरी की गयी है.

Spread the love
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest

You May Also Like

न्यूज हंट

रुटीन तबादलों का रास्ता हुआ साफ, डीजी/आरपीएफ ने जवान से लेकर एएससी तक का रखा ध्यान    Transfer System Changed In RPF. देश भर में...

न्यूज हंट

आरती ने रात ढाई बजे ‘ पुरुष लोको पायलट से की थी बात’ फिर लगा ली फांसी : परिजनों का आरोप  रतलाम में पदस्थापित...

न्यूज हंट

रेल परिचालन के GR नियमों की अलग-अलग व्याख्या कर रहे रेल अधिकारी, AILRSA ने जतायी आपत्ति GR 3.45 और G&SR के नियमों को दरकिनार कर...

न्यूज हंट

AGRA. उत्तर मध्य रेलवे के आगरा रेलमंडल में दो मुख्य लोको निरीक्षकों ( Transfer of two CLIs of Agra) को तत्काल प्रभाव से तबादला...