Connect with us

Hi, what are you looking for?

Rail Hunt

खुला मंच

खड़गपुर : मार्च का मांगा आरक्षण, बना दिया मई का, मामला फंसा तो बोल दिया – सॉरी

खड़गपुर : मार्च का मांगा आरक्षण, बना दिया मई का, मामला फंसा तो बोल दिया - सॉरी
  • आरक्षण क्लर्क की लापरवाही से बुरे फंसे अमिताभ, तनाव में काट दी पूरी रात
  • सीनियर डीसीएम को टवीट कर दी पूरी घटना की जानकारी, कार्रवाई का इंतजार

खड़गपुर. आरक्षण क्लर्क की एक चूक के कारण झपाटापुर, गोपालनगर निवासी अमिताभ कुमार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. अमिताभ कुमार ने 4 मार्च को ही हावड़ा-यशवंतपुर एक्सप्रेस के 3एसी कोच में 31 मार्च के लिए तीन टिकट आरक्षित कराया था. लेकिन आरक्षण क्लर्क ने 31 मार्च की जगह 31 मई 2019 का टिकट बनाकर उन्हें दे दिया. काउंटर पर भीड़ के कारण टिकट पर कुल राशि की जांच करने के बाद अमिताभ कुमार वापस लौट गये.

खड़गपुर : मार्च का मांगा आरक्षण, बना दिया मई का, मामला फंसा तो बोल दिया - सॉरीइस तरह परिवार के साथ यशवंतपुर जाने के लिए पूरी तैयारी कर चुके अमिताभ कुमार की सांसें तब अटग गयी जब यात्रा से एक दिन पूर्व 29 मार्च को उन्होंने अपने आरएसी आरक्षण की स्थिति जानने के लिए टिकट पर नजर दौड़ाई. अमिताभ के टिकट पर यात्रा की तिथि 31 मई 2019 दर्ज थी जबकि उन्होंने आरक्षण के लिए 31 मार्च 2019 का फार्म भरा था. अमिताभ कुमार के लिए यह बड़ा ही जटिल और संशय की स्थिति थी. उनकी पूरी रात तनाव में गुजर गयी.

दूसरे दिन 30 मार्च शनिवार की सुबह अमिताभ भागे-भागे खड़गपुर आरक्षण केंद्र पहुंचे. यहां जांच करने पर पता चला कि उन्होंने आरक्षण फॉर्म पर तिथि तो 31 मार्च 2019 की ही भरी थी लेकिन आरक्षण क्लर्क ने चूक से टिकट 31 मई 2019 का बना दिया है. यात्रा के अंतिम क्षण में टिकट बनाने में हुई चूक को लेकर आरक्षण क्लर्क ने सहज भाव से सॉरी तो बोल दिया लेकिन अब बड़ी समस्या यशवंपुर एक्सप्रेस में आरक्षण पाने की थी. यात्रा से एक दिन पूर्व हावड़ा-यशवंतपुर एक्सप्रेस में आरक्षण पाने की उम्मीद रखना ही बेमानी है. ऐसी स्थिति में फंसे अमिताभ कुमार ने हर संभव विकल्पों की तलाश शुरू की. एकमात्र विकल्प प्रिमियम टिकट की दर काफी अधिक होने से परेशानी बढ़ गयी. आरक्षण क्लर्क की लापरवाही के कारण होने वाली परेशानी की जानकारी टवीट से सीनियर डीसीएम कुलदीप तिवारी को भी दी गयी है.

खड़गपुर : मार्च का मांगा आरक्षण, बना दिया मई का, मामला फंसा तो बोल दिया - सॉरीरेलवे में आरक्षण को लेकर यात्रियों को यह हिदायत जरूर दी जाती है कि वह आरक्षण खिड़की छोड़ने से पूर्व अपने टिकट की स्थिति व राशि की अवश्य जांच कर ले, लेकिन यह सलाह देकर  रेलकर्मी अपनी चूक व लापरवाही के साथ जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकते. अक्सर टिकट काउंटर पर यात्रियों की कतार और आपाधापी में यात्री टिकट की जांच नहीं कर पाते है. ऐसे में क्लर्क की छोटी से चूक व लापरवाही का खामियाजा यात्री को गहरी मानसिक पीड़ा और आर्थिक नुकसान के रूप में उठाना पड़ता है.

Spread the love
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबरें

You May Also Like

रेलवे यूनियन

Unified Pension Scheme (UPS) के विरोध में UMRKS के नेताओं ने आवाज बुलंद की बुलंद, निशाने पर फेडरेशन PRAYAGRAJ. Unified Pension Scheme (UPS) के...

रेलवे यूनियन

पश्चिम मध्य रेलवे कर्मचारी परिषद ने सीआरबी को थमायी समस्याओं की सूची, लाइन बॉक्स सुविधा जारी रखने का अनुरोध BHOPAL. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन...

Breaking

Patna. चालक की सूझबूझ से बिहार में बड़ा रेल हादसा टल गया. दरअसल कटिहार-मालदा रेलखंड पर आदिना और एकलखी स्टेशन के बीच अप लाइन...

Breaking

There is an urgent requirement for additional manpower to maintain the railways’ ever-increasing assets and safe train operations, Board Chairman Satish Kumar has said,...