BANDAMUNDA. रेलनगरी बंडामुंडा में कोयले का अवैध कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है. हद तो तब हो गयी जब शुक्रवार को चक्रधरपुर मंडल के RPF कमांडेंट पी शंकर कुट्टी यहां निरीक्षण को पहुंचे. बताया जाता है कि उस दिन भी बंडामुंडा में कोयले की अवैध ढुलाई और खरीद-बिक्री चल रही थी. इस बात का पता चला जब किसी ने प्रमाण के साथ शुक्रवार के दिन में कोयला तस्करी का फोटो रेलमंत्री को ट्वीट कर भेज दिया.
आरपीएफ के सूत्रों का कहना है कि कमांडेंट यहां रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के रुटीन निरीक्षण पर आये थे. उसी दौरान बंडामुंडा की मुख्य सड़को पर कोयले के अवैध कारोबारी बेधड़क गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे. तब सवाल यह उठता है कि इन लोगों को किसका संरक्षण प्राप्त है? क्या आरपीएफ इस कृत्य में संलिप्त है? क्या कमांडेंट का खौफ भी यहां के लोगों को नहीं?
बंडामुंडा में कोयले का कोई गोदाम नहीं, मालगाड़ी से उतारा जाता है कोयला !
स्थानीय सूत्रों के अनुसार बंडामुंडा,आरएस कॉलोनी, कूकड़ा गेट में लंबे समय से ट्रेनों से कोयले की चोरी और अवैध बिक्री का धंधा चल रहा है. यहां कोयले का कोई गोदाम नहीं है. तब सवाल यह उठता है कि यहां कोयला कहां से आता है और विभिन्न स्थानों पर यहां से कोयले की सप्लाई कैसे होती है? सूत्रों की माने तो यहां कंपनियों के लिए आया कोयला मालगाड़ी से निकाला जाता है. रात के अंधेरे में इसे कॉलोनी के ठिकानों तक पहुंचा दिया जाता है.
इसके बाद उसे दिन के उजाले में आसानी से इधर से उधर करने का खेल चलता है. लोग भी यह मानते है कि RPF की सहमति के बिना यह संभव नहीं है. काला सोना ही यहां RPF की कमाई का बड़ा जरिया भी बन चुका है. चोर मालगाड़ी का रैक खोलकर पहले कोयला गिरा देते है. फिर उसे उठा लिया जाता है. ऐसे कई मामले यहां पहले भी सामने आ चुके हैं.
2020 में IPF एमके सोना तो 2022 में आरवीपी सिंह हुए थे अटैच
यहां कोयला चोरी की बात से वैसे तो आरपीएफ अधिकारी इंकार करते रहे लेकिन यह बताना लाजिमी है कि 18 फरवरी 2020 को बंडामुंडा इंस्पेक्टर एमके सोना को इसी कोयला की चोरी पर लगाम नहीं लगा पाने के कारण गार्डेनरीच मुख्यालय अटैच कर दिया गया था जबकि एसआई, एएसआई, हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल समेत पांच लोगों को आद्रा डिवीजन में तबादला किया गया था. उसी समय बतौर प्रभारी आरवीपी सिंह को बंडामुंडा का चार्ज दिया गया था. रेलहंट ने तभी इस बात की आशंका जतायी थी कि अब किसकी बारी ?
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इसके दो साल बाद ही इंस्पेक्टर आरवीपी सिंह (रणविजय प्रताप सिंह) दिसंबर 2022 में डीआरसी चक्रधरपुर से अटैच कर दिये गये थे. उनके स्पेशल जवानों में शामिल एके सिंह और राहुल यादव को तक सस्पेंड कर दिया गया है. यह सब बंडामुंडा यार्ड के पी केबिन के पास खड़ी मालगाड़ी से कोयला उतारते आरएस कॉलोनी निवासी दिनेश मुंडा को पकड़े जाने के बाद की गयी कारवाई में हुआ था.
















































































