- पोस्टिंग का खेल या शोषण का तरीका !, IRSTMU महासचिव आलोक चंद्र ने रेल मंत्री को भेजा पत्र
बात बड़े पते की है पर है अतिमहत्वपूर्ण. जैसा कि रेलवे में पदोन्नति के नियम निर्देशित हैं पर फिर भी ज्यादातर रेल कर्मचारी पदोन्नति नहीं लेना चाहते हैं खासकर सिग्नल एवं टेलिकॉम विभाग में. कारण बड़ा ही स्पष्ट है पदोन्नति पर ट्रांसफर लगभग तय ही होता है. पर सवाल यह नहीं कि पदोन्नति पर ट्रांसफर होता है पर सवाल ये है कि क्या ये ट्रांसफर स्वेच्छा से नहीं दिया जा सकता है? पोस्टिंग का खेल या शोषण का तरीका, IRSTMU महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश ने रेल मंत्री को कर्मचारियों में विश्वास जगाने तथा पदोन्नति को और पारदर्शी बनाने का नायाब बताते हुए एक पत्र लिखा है.

आलोक चंद्र
उनका कहना है कि कर्मचारियों को ऑप्शन दिया जाना चाहिए कि वो उपलब्ध खाली जगहों पर में से किसे चुनना चाहता है? पर हमेशा की तरह रेलवे के अधिकारी अपने चहेतों को तो अच्छे स्टेशन पर पदोन्नति दे देते हैं और कर्मठ कर्मचारियों को भेजा जाता है दूरदराज स्टेशनों पर जहां फिर होता है उनके शोषण का नया खेल.
खेल भी ऐसा जिसमें कई बार कर्मचारियों की खूद की जान पर भी बन आती है या कई बार उनका परिवार भी टूट जाता है या परिवार बर्बादी के कगार पर पहुंच जाता है. आखिर ये खेल कौन बंद करेगा और कैसे ?
मुझे इसलिए लगता है कि इसका एक समाधान है पदोन्नति पाने वाले सभी कर्मचारियों को पार्दर्शिता के साथ उपलब्ध खाली स्थानों की जानकारी दी जानी चाहिए तथा उनसे ऑप्शन पूछा जाना चाहिए कि कर्मचारी को कहां जाने की इच्छा है फिर वरियता सूची के आधार पर कर्मचारियों को मांगें गए स्थान पर पदोन्नति दिया जाना चाहिए. इससे कर्मचारियों में आत्मविश्वास भी भरेगा और उसे पदोन्नति में स्थानांतरण पर कोई आपत्ति भी नहीं होगी और रेल कर्मचारियों के पदोन्नति की प्रक्रिया में भी पार्दर्शिता आएगी.
