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SER : ट्रॉली बैग पर रोक के लिए 30 को देशव्यापी भूख हड़ताल, 12 हजार कर्मचारियों ने जीएम को भेजा पत्र

SER : ट्रॉली बैग पर रोक के लिए 30 को देशव्यापी भूख हड़ताल, 12 हजार कर्मचारियों ने जीएम को भेजा पत्र
  •  1 जून 2022 से लागू होने वाली योजना को एक माह तक टाले जाने के संकेत
  •  अब तक रेलवे के दोनों फेडरेशनों ने इस मामले में स्पष्ट रूख नहीं किया जाहिर

कोलकाता/चक्रधरपुर.

रेल प्रबंधन रनिंग कर्मचारियों को मिलने वाली लाइन बॉक्स व्यवस्था को खत्म करने की घोषणा कर चुका है. एक जून 2022 से उसके स्थान पर लोको पायलट, गार्ड आदि रनिंग कर्मचारियों के लिए ट्रॉली बैग सिस्टम शुरू किया जा रहा है. इसका विरोध हर स्तर पर हो रहा लेकिन रेल प्रशासन अपने निर्णय पर अड़ा है. संभव है यूनियनों के दबाव और विरोध प्रदर्शन के बीच ट्राली बैग योजना को लागू करने में कुछ समय देने कीमांग की जा रही है. हालांकि अब इससे पीछे हटने को रेल प्रशासन भी तैयार नहीं है. लिहाजा इसे लेकर देश भर में विरोध दर्ज कराने के लिए 30 मई को रनिंग कर्मचारी भूख हड़ताल करेंगे.

SER : ट्रॉली बैग पर रोक के लिए 30 को देशव्यापी भूख हड़ताल, 12 हजार कर्मचारियों ने जीएम को भेजा पत्रदक्षिण पूर्व रेलवे की महाप्रबंधक सुश्री अर्चना जोशी पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि रेलवे अब इस व्यवस्था को ढोने को तैयार नहीं है. इसकी जगह वैकल्पिक उपायों पर विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने इस मामले को लेकर 30 जून को कोलकाता में बैठक बुलायी है जिसमें यूनियन के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है. ट्रॉली बैग की व्यवस्था को लेकर रनिंग कर्मचारियों के विरोध के बीच रेलवे फेडरेशन नेता बहुत संभलकर बयान दे रहे. प्रत्यक्ष तौर पर उन्होंने भी रनिंग कर्मचारियों की हां में हां तो मिलायी है लेकिन निर्णायक पहल करने की स्थिति में वह स्वयं को खड़ा नहीं पा रहे हैं.

खड़गपुर : लोको पायलट व गार्ड की लाइन बॉक्स व्यवस्था को समाप्त करने के विरोध में प्रदर्शन

लिहाजा आंदोलन की कमान अब अनुरोध पर जाकर ठहर गयी है. अपनी अंतिम उत्मीद के साथ दक्षिण पूर्व रेलवे के 12 हजार से अधिक रनिंग कर्मचारियों ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर महाप्रबंधक से अविलम्ब ट्रॉली बैग पर रोक लगाने की मांग की है. SER में जोनल स्तर पर ज्वाइंट अपील की गयी है. इसे लेकर 30 मई को अखिल भारतीय स्तर पर रनिंग रूम में भूख हड़ताल कर पूरे देश के हजारों लोकों पायलट गार्ड व सहायक लोको पायलट अपना विरोध दर्ज करायेंगे. इसमें मेस यूनियन, मेंस काग्रेस, गार्ड काउंसिल व एलारसा समेत अन्य यूनियन शामिल रहेंगी.

ऐसा नहीं है कि ट्रॉली बैग को लेकर सिर्फ दक्षिण पूर्व रेलवे में कोहराम मचा हुआ है, विरोध की आवाज पूरे देश के हर लॉबी से उठ रही है लेकिन अब तक रेल प्रशासन इस पर मौन है. यहीं नहीं एक जून 2022 से ट्रॉली बैग की व्यवस्था लागू करने की घोषणा की जा चुकी है. ऐसा माना जा रहा है कि फेडरेशनों के विरोध के कारण इसे एक माह तक टाला जा सकता है लेकिन फिलहाल जोनल स्तर पर इसके विरोध में आंदोलन चल रहे हैं. जोनल सेक्रेटरी ने लाइन बॉक्स को ब्रेक यान और लोको में शिफ्ट करने की बात रखी. वहीं SER महाप्रबंधक ने 30 मई को लाइन बॉक्स मुद्दे पर बैठक बुलायी है जिसमें विभिन्न यूनियनों का पक्ष वह सुनेंगी. ट्रेनों में लाइन बॉक्स की पुरानी व्यवस्था को रेलवे बंद करने की तैयारी में दो साल से लगा है लेकिन गार्ड एवं ड्राइवरों की नाराजगी को लेकर अब इसे अमल में नहीं लाया जा सका.

31 मई को स्टेशन मास्टरों के सामूहिक उपवास की चेतावनी के बीच रनिंग कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर रेलवे बोर्ड भी दवाब में है. ऐसा माना जा रहा है एक-दो दिन में रेलमंत्री इस मामले में हस्तक्षेप कर कोई सर्वमान्य रास्ता निकाल सकते है ताकि विकास की दौड़ में चल रही रेलवे को फिलहाल रेलकर्मियों के आक्रोश से बचाया जा सके.

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