- 68 रेल मंडल के प्रबंधक होंगे प्रभावित DRM के लिए नया आदेश, अधिकारी बोले- यह सही निर्णय नहीं
- वरीय अधिकारियों ने बोर्ड के निर्णय पर जताया असंतोष, बोले – सीनियर्स का गिरेगा मनोबल, कार्यक्षमता होगी प्रभावित
New Delhi. रेलवे बोर्ड ने अपने 68 रेल मंडलों के लिए मंडल रेल प्रबंधकों (डीआरएम) की नियुक्ति के लिए नये दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी है, जिसके अनुसार डीआरएम के रूप में चयन के लिए विचार किए जा रहे अधिकारियों की आयु अन्य पात्रता मानदंडों के अलावा 52 वर्ष से कम होनी चाहिए. तीन सितंबर, 2024 को जारी दिशा-निर्देशों में कुछ नए पात्रता मानदंड पेश किए गए हैं, जिनमें यह भी शामिल है कि अधिकारियों को रेलवे/रेलवे के सार्वजनिक उपक्रमों में न्यूनतम 15 वर्ष का अनुभव होना चाहिए. इसमें हालांकि आयु सीमा में कोई छूट नहीं दी गई है, जिससे वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों और विशेषज्ञों का एक वर्ग निराश है. दिशानिर्देश में कहा गया है, डीआरएम के रूप में चयन के लिए जिन अधिकारियों पर विचार किया जा रहा है, उनकी आयु उस रिक्ति वर्ष की पहली जनवरी को 52 वर्ष से कम होनी चाहिए, जिसके लिए चयन सूची बनाई जा रही है. इसमें पिछली स्थिति को ही दोहराया गया है.
विशेषज्ञों ने रेलवे बोर्ड के इस निर्णय का स्वागत किया
विशेषज्ञों ने रेलवे बोर्ड के इस निर्णय का स्वागत किया है कि नये दिशा-निर्देशों में डीआरएम के पद के लिए पात्र होने से पहले किसी अधिकारी के लिए रेलवे के साथ 15 वर्षों तक काम करना अनिवार्य कर दिया गया है, जबकि उनके अनुसार पिछले दिशा-निर्देशों में ऐसा नहीं था. एक पूर्व डीआरएम ने कहा, पहले सरकारी नौकरियों में 22 वर्ष का समग्र कार्य अनुभव आवश्यक था, लेकिन अब रेलवे में इसे 15 वर्ष कर दिया गया है, जो एक सकारात्मक निर्णय है.
नए दिशा-निर्देश में एक नया पात्रता मानदंड भी पेश
इसके अलावा, नए दिशानिर्देश में एक नया पात्रता मानदंड भी पेश किया गया है, जिसके अनुसार अधिकारी के पूरे करियर की वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) को ध्यान में रखा जाएगा और उसके पूरे करियर में कम से कम 60 प्रतिशत ‘उत्कृष्ट’ एपीएआर होना चाहिए. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, दिशानिर्देश में एक और बात जोड़ी गई है कि इच्छुक अधिकारी के पास डीआरएम के रूप में तैनाती के लिए अपने पिछले दस एपीएआर में कम से कम पांच मंजूरी होनी चाहिए. पिछले दिशानिर्देशों में, पांच एपीएआर में पांच मंजूरी की आवश्यकता थी.
फैसले पर कुछ ने जताया असंतोष, कुछ दिखे सहमत
पूर्व में डीआरएम के पद पर तैनात रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, मेरा मानना है कि डीआरएम की नियुक्ति को उम्र के आधार पर सीमित करना सही निर्णय नहीं है. इसमें छूट की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा, इससे बहुत से अधिकारियों का मनोबल गिरेगा, जिन्हें पहले से पता होता है कि जब वे डीआरएम के लिए पात्र होंगे, तब तक उनकी आयु 52 वर्ष हो चुकी होगी. ऐसे अधिकारी कई अन्य योग्य उम्मीदवारों की तुलना में अधिक प्रतिभाशाली और कुशल हो सकते हैं.
कई अन्य पूर्व डीआरएम भी इस विचार से सहमत दिखे और उन्होंने कहा कि रेल मंडल को गतिशील और ईमानदार अधिकारी की जरूरत है, क्योंकि इसकी कमाई हजारों करोड़ रुपये में होती है और कोई भी गलत निर्णय रेलवे के लिए बड़ा झटका होता है. रेलवे के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, डीआरएम पद के लिए योग्य अधिकारियों को लगभग एक वर्ष तक गहन प्रबंधन प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वे सभी प्रकार की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो सकें क्योंकि यह एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण पद है. नए दिशानिर्देश में हालांकि यह भी कहा गया है कि सक्षम प्राधिकारी प्रशासनिक आवश्यकताओं और जनहित को ध्यान में रखते हुए लिखित में कारण दर्ज करने के बाद उपयुक्त मामले में एक या एक से अधिक शर्तों में छूट दे सकता है.