- ड्यूटी ऑफ नहीं मिलने से नाराज क्रू कटक लॉबी में ही चादर बिछाकर लेट गये, तब दिया गया ऑफ
Bhubaneswar. रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव लोको पायलटों के आराम को लेकर चाहे जितनी चिंता जाहिर कर ले, रेलवे अधिकारियों की मनमानी के आगे उनकी एक नहीं चल रही है. यदा-कदा ऐसी घटनाएं हो रही है कि रेलवे अधिकारियों की जमीनी हकीकत सामने आ जाती है. नया मामला ईस्ट कॉस्ट रेलवे के खुर्दा रोड डिवीजन के अंतर्गत कटक लॉबी में सामने आया है. लोको पायलटों के शोषण के खिलाफ संगठित होकर लोको पायलटों ने खुर्दा डीआरएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर विरोध भी दर्ज कराया है.

ड्यूटी ऑफ नहीं करने से नाराज क्रू में सो रहे लोको पायलट
यहां क्रू ने ड्यूटी आवर स्प्लिट करने से जब मना कर दिया तो ऑन ड्यूटी क्रू कंट्रोलर ने उन्हें ड्यूटी ऑफ करने ही नहीं दिया. कार्य के घंटे अधिक होने के कारण पायलट के सब्र का बांध टूट चुका था. अत्यधिक थकान के कारण वो कटक लॉबी में ही चादर बिछाकर लेट गये. उस दौरान उन्हें काफी परेशानी का भी सामना करना पड़ा. हालांकि जब यह मामला अधिकारियों तक पहुंचा तो कटक लॉबी में उनकी ड्यूटी ऑफ दी गयी.
दरअसल भद्रक लॉबी के लोको पायलट वाईएस दास, सहायक लोको पायलट एनके सेनापति, ट्रेन मैनेजर सीआर पांडा को भद्रक से खुर्दा रोड के लिए 22/03/2025 को 23.15 बजे बुक किया गया. उनका ऑन ड्यूटी समय 23:00 बजे का था. गाड़ी में कार्य करते हुए बारंग स्टेशन पर उनका ड्यूटी आवर 14 घंटे से अधिक हो गया.
फिर उन्हें गुड्स ट्रेन से कटक लॉबी में ड्यूटी ऑफ करने के लिए भेजा गया. कटक लॉबी में पहुंचने तक उनका कुल ड्यूटी आवर 17 घंटे से अधिक हो चुका था. कटक लॉबी के इंचार्ज क्रू कंट्रोलर और मॉनिटरिंग कर रहे चीफ लोको इंस्पेक्टर ने क्रू को ड्यूटी आवर स्प्लिट करने को कहा. मतलब कि ड्यूटी आवर बीच से ब्रेक करने को कहा गया ताकि CMS सिस्टम में ज्यादा ड्यूटी आवर शो नहीं कर सके. ऐसा कर रेलवे अधिकारी यह साबित करने का प्रयास करते है कि लोको पायलटों से निर्धारित ड्यूटी आवर से अधिक कार्य नहीं कराया जा रहा है.
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हालांकि क्रू ने ड्यूटी आवर स्प्लिट करने से मना कर दिया. इससे नाराज होकर ऑन ड्यूटी क्रू कंट्रोलर ने क्रू को ड्यूटी ऑफ करने नहीं दिया. इससे नाराज और अत्यधिक थकान के कारण क्रू कटक लॉबी में ही चादर बिछाकर लेट गए. यहां इन लोगों को मानसिक व शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि मामला ऊपर तक पहुंचने पर कटक लॉबी में उनकी ड्यूटी ऑफ दी गयी.
12 घंटे से ऊपर की ड्यूटी को ब्रेक दिखाते है क्रू कंट्रोलर
लोको पायलटों का कहना है कि क्रू कंट्रोलर के कहने पर चीफ क्रू कंट्रोलर 12 घंटे से ऊपर की ड्यूटी को ब्रेक दिखा देते हैं. ऐसे में 18 घंटे की ड्यूटी को सिस्टम में दो भाग में दर्शाया जाता है. यानी पहले 12 घंटे फिर 6 घंटे. क्रू में यह खेल अधिकारियों की जानकारी में होता है. जब लोको पायलट को 12 घंटे के बाद दो घंटे का रेस्ट और फिर छह घंटे की ड्यूटी दिखायी जाती है जबकि हकीकत में लोकाे पायलट उस समय तक 18 घंटे की ड्यूटी पूरा कर चुका होता है.
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