PATNA. रेलवे की विभागीय पदोन्नति परीक्षा हमेशा से ही विवादों में घिरी रही है. रेलवे बोर्ड स्तर पर इसमें आपेक्षित सुधार को लेकर कार्य प्रणाली में कई बार बदलाव किये गये, इसके बावजूद पंडित दीन दयाल उपाध्याय रेलवे डिवीजन (DDU Railway Division) में सीबीआई की टीम ने लोको पायलटों की प्रमोशन परीक्षा में बड़े स्तर पर किये गये फर्जीवाड़े का खुलासा कर पदोन्नति परीक्षाओं की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर दिया था.
अब नया मामला रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ/पूर्व मध्य रेलवे/पटना RRC/ECR/PATNA का सामने आया है. जिसमें GDCE की विभागीय पदोन्नति परीक्षा में Merit Index का पालन नहीं करने की बात सामने आयी है. बताया जा रहा है कि रेलवे बोर्ड द्वारा जारी फार्मूला के अनुसार परीक्षा का मेघा सूचकांक विभिन्न शाखाओं के अलग-अलग टाॅप 10 अभ्यर्थी या 0.1% अभ्यर्थियों का औसत निकाल कर जारी किया जाना था, लेकिन रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ/पटना ने मेघा सूचकांक के नियमों का पालन नहीं किया, जिससे यांत्रिक शाखा के अभ्यर्थियों को अन्य शाखाओं की अपेक्षा पदोन्नति में अधिक अवसर मिला है.
इस पदोन्नति परीक्षा के बाद विभिन्न शाखाओं के वंचित अभ्यार्थियों ने Merit Index के अनुपालन पर सवाल उठाते हुए पूरे सिस्टम को सवालों के घेरे में लाया है. अभ्यार्थियों के अनुसार रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ, पटना ने RRC/ECR/HRD/RECTT/GDCE/2023 , दिनांक 16.08.2023 को अधिसूचना जारी कर सामान्य विभागीय प्रतियोगी परीक्षा (GDCE) के लिए रिक्तियों का विभागीय विवरण के साथ पात्रता की शर्तें एवं चयन प्रक्रिया का विवरण भी जारी किया था. इसमें आवेदन करने की अंतिम तिथि 16.09.2023 थी लेकिन परीक्षा का आयोजन 10 जनवरी 2025 को किया गया. 16 माह बाद 19.06.2025 को इसका परिणाम जारी किया गया. इसके बाद परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने परिणाम जारी करने में रेलवे बोर्ड के दिशानिर्देशों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. अवेदकों ने चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि Merit Index का अनुपालन नहीं करने के कारण उन्हें विभागीय पदोन्नति के अवसर से वंचित कर दिया गया है.
रेलवे बोर्ड द्वारा जारी फार्मला के अनुसार परीक्षा का मेघा सूचकांक विभिन्न शाखाओं के अलग-अलग टाॅप 10 अभ्यर्थी या 0.1% अभ्यर्थियों का औसत निकाल कर जारी किया जाना है. लेकिन रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ/पटना ने मेघा सूचकांक के नियमों का पालन किया, जिससे यांत्रिक शाखा के अभ्यर्थियों को अन्य शाखाओं की अपेक्षा अधिक लाभ मिला है. यह जांच का विषय है.
दरअसल रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ,पटना द्वारा जारी अधिसूचना में ही उल्लेखित था कि विभिन्न शाखाओं के सामान पदों (Common Post) के लिए चयन मेघा सूचकांक (Merit Index) के आधार पर किया जाएगा तथा उम्मीदवार के योग्यता के अनुसार उपयुक्त पद प्रदान किया जाए. लेकिन हुआ इसका उलटा. 19.06.2025 को प्रकाशित परिणाम पर आवेदकों ने सवाल उठाया और कहा कि यह मेघा सूचकांक (Merit Index ) के अनुसार नहीं है. मेघा सूचकांक का अनुपालन नहीं किये जाने और अपनायी गयी प्रक्रिया में यांत्रिक शाखा के अभ्यर्थियों को अधिक लाभ मिला है.
अधिसूचना का नहीं हुआ अनुपालन, निशाने पर आये रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ के चेयरमैन
अधिसूचना में कनीय अभियंता (ट्रेक मशीन) के लिए 94 रिक्तियों का विवरण दिया गया था. 10.01.2025 को परीक्षा हुई और 19.06.2025 को परिणाम जारी किया गया. परिणाम सामने आने के बाद अभ्यर्थियों ने कहा कि इसमें वर्णित मेघा सूचकांक फार्मूला का पालन नहीं किया गया है. इसके बाद अभ्यर्थियों ने मामले को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एवं महानिदेशक कार्मिक तक पहुंचाया है.
मालूम हो कि इससे पहले पूर्व पश्चिम मध्य रेलवे के रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ, जबलपुर में ऐसे ही मामला सामने आया था. हालांकि तब वहां परिणाम को रद्द कर मेघा सूचकांक फार्मूला के आधार पर फिर से परिणाम घोषित किये गये थे. इस मामले में रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ/पटना के अध्यक्ष सीएस आजाद का कहना है कि विभागों के रिक्तियों के आधार पर मेरिट लिस्ट बनायी गयी है. यह मामला रेलवे बोर्ड तक पहुंचाया गया है. अभ्यार्थियों का मानना है कि अगर निष्पक्ष जांच हो तो परिणाम बदल सकते है और सबकी नजरें अब रेलवे बोर्ड और कार्मिक महानिदेशक के संभावित निर्णय पर टिकीं हुई है.
