- भोला सिंह संतरागाछी, शैलेश सीनी, विक्रम सिंह खड़गपुर तो सुधीर की आर यार्ड में पोस्टिंग
- मलय का दाव गया खाली, सीएससी के रीडर होने का हरेंद्र को मिला फायदा, मेचदा तबादला
KOLKATA. दक्षिण पूर्व रेलवे (South Eastern Railway) जोन में आरपीएफ इंस्पेक्टरों (RPF/IPF) के तबादले की सूची जारी हो गयी है. पैरवी और पैसे की गूंज के बीच जो तबादले हुए है उसमें रेलहंट की संभावना लगभग शत-प्रतिशत सटीक साबित हुई है. जिन मलाईदार पोस्ट के लिए पैसा व पैरवी की बात चल रही थी, डीओ जारी होने के बाद RPF महकमे में उस बात पर यकीन करने वालों की संख्या बढ़ गयी दिखती है. ऐसा माना जाता है मलाईदार माने जाने वाले आरपीएफ पोस्ट पर चुनिंदा लोगों की पोस्टिंग के लिए आईजी कार्यालय ने ”बीच आफ रेस्ट” के नियम को भी शिथिल कर दिया.
हां, यह बात अलग है कि एक ओर वरीयता में कुछ इंस्पेक्टर एक के बाद फिर लगातार अहम पोस्टों पर तैनाती पाते रहे तो दूसरी ओर पोस्टिंग के इंतजार में बैठे उन इंस्पेक्टरों के हाथ मायूसी आयी है जो तीन साल से शंटिंग में रह कर हवा में लहर गिनने की बारी आने का इंतजार कर रहे थे. इसमें कई लोगों को गंभीर आरोप और दूसरे कारणों से आईजी की नाराजगी झेलनी पड़ी.
हालांकि लगातार अच्छे पोस्ट पर तैनाती का इंतजार कर रहे मलय कुमार सन्यासी का दाव इस बार खाली गया है. कई आरोपों से घिरे सन्यासी को मेचदा से खड़गपुर में ही प्रोसिक्यूशन सेल की जिम्मेदारी दी गयी है. उनकी जगह सीएससी के रीडर हरेंद्र कुमार की पदस्थापना की गयी है. उन्हें सीएससी के नजदीक रहने का फायदा मिला है.
वहीं दूसरी ओर टाटा सीआइबी के शैलेश चंद्रा को सीनी में पोस्टिंग मिली है. जबकि चक्रधरपुर पोस्ट के विक्रम सिंह को खड़गपुर स्टेशन पोस्ट तो खड़गपुर स्टेशन पोस्ट से सुधीर कुमार को खड़गपुर स्टेशन से वहीं आर यार्ड में पोस्टिंग दी गयी. वहीं सीआईबी चक्रधरपुर से भोला सिंह को इस बार जोन के अहम पोस्टों में शामिल पश्चिम बंगाल के संतरागाछी जनरल पाेस्ट की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. जबकि सीआईबी टाटा में आईवीजी कोलकाता से रविशंकर सिंह को भेजा गया है. आरपीएफ के सूत्रों का कहना है कि पैसे और पैरवी को अगर एक ओर रखा जाये तो आईजी संजय कुमार मिश्रा ने अहम पोस्टों पर तैनाती में दीर्घकालीक अनुभव को आधार बनाया है.
