Connect with us

Hi, what are you looking for?

Rail Hunt

जोन/बोर्ड/डिवीजन

अखिल भारतीय रेल राजभाषा प्रतियोगिता में मणाली देव शर्मा व अंकित उपाध्याय ने मारी बाजी, SER के लोको पायलट मुकेश सिंह ने लहराया परचम

  • आधुनिक कोच फैक्ट्री (एमसीएफ), रायबरेली राजभाषा का बना संगम, तीन दिन चली प्रतियोगिताएं  
  • दक्षिण पूर्व रेलवे के लोको पायलट मुकेश कुमार सिंह को वक्तृत्व प्रतियोगिता में देश में चौथा स्थान मिला 

Raebareli. आधुनिक कोच फैक्ट्री (एमसीएफ), रायबरेली में तीन दिनों तक चलने वाले अखिल भारतीय रेल राजभाषा प्रतियोगिताओं का गुरुवार को समापन हो गया. 7 से 9 अक्टूबर तक चले आयोजन ने न केवल रेलकर्मियों की भाषाई प्रतिभा को मंच दिया, बल्कि राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार और संवर्धन की दिशा में एक सशक्त संदेश भी दिया. प्रतियोगिताओं का आयोजन रेलवे बोर्ड एमसीएफ के राजभाषा विभाग के सहयोग से हुआ.

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य रेलकर्मियों को कार्यस्थल पर हिंदी के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करना और भाषा के माध्यम से एकता की भावना को मजबूत बनाना था. तीन दिवसीय इस प्रतियोगिता में देशभर की विभिन्न रेल इकाइयों से आए प्रतिभागियों ने निबंध लेखन, टिप्पण एवं प्रारूपण तथा वक्तृत्व जैसी प्रतियोगिताओं में अपनी रचनात्मकता और अभिव्यक्ति का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. समापन समारोह में महाप्रबंधक प्रशांत कुमार मिश्रा, महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा श्रीमती भारती मिश्रा, रेलवे बोर्ड की निदेशक (राजभाषा) सुश्री बी. सगुना सहित रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने प्रतिभागियों को सम्मानित किया और विजेताओं को पुरस्कार दिये.

लोको पायलट मुकेश कुमार सिंह ने लहराया SER का परचम 

निबंध लेखन प्रतियोगिता में पूर्वोत्तर सीमा रेल की मणाली देव शर्मा ने प्रथम स्थान हासिल किया, जबकि वक्तृत्व प्रतियोगिता में उत्तरी रेल के अंकित कुमार उपाध्याय विजेता बने. टिप्पण एवं प्रारूपण श्रेणी में भी प्रतिभागियों ने अपनी भाषाई दक्षता और प्रस्तुति से निर्णायकों को प्रभावित किया. वहीं वक्तृत्व प्रतियोगिता में दक्षिण पूर्व रेलवे चक्रधरपुर रेलमंडल के लोको पायलट मुकेश कुमार सिंह ने जोन का परचम लहराया. उन्हें प्रतियोगिता में देश भर में चौथा स्थान मिला.

 

कार्यक्रम के समापन अवसर पर एमसीएफ के बच्चों और प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समारोह को और भी जीवंत बना दिया. पारंपरिक और आधुनिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने न केवल दर्शकों का मन मोह लिया बल्कि यह भी दर्शाया कि भाषा और संस्कृति का संगम कैसे किसी भी आयोजन को यादगार बना सकता है.

राजभाषा केवल संप्रेषण का माध्यम नहीं, बल्कि यह हमारे संस्कारों और राष्ट्रीय एकता की आत्मा है : जीएम 

महाप्रबंधक प्रशांत कुमार मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि “रेलवे और हिंदी, दोनों ही भारत को एक सूत्र में बांधने का कार्य करते हैं. राजभाषा केवल संप्रेषण का माध्यम नहीं, बल्कि यह हमारे संस्कारों और राष्ट्रीय एकता की आत्मा है.” उन्होंने प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएं न केवल भाषा के प्रचार में सहायक हैं बल्कि कर्मचारियों के आत्मविश्वास और अभिव्यक्ति कौशल को भी प्रोत्साहित करती हैं.

समारोह का संचालन उपमुख्य राजभाषा अधिकारी श्री अष्टानंद पाठक ने किया, जिन्होंने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और आयोजकों का धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया. उनके धन्यवाद शब्दों के साथ यह तीन दिवसीय आयोजन संपन्न हुआ, जिसने हिंदी भाषा की गरिमा और रेल परिवार की एकजुटता दोनों को नई ऊंचाई प्रदान की. एमसीएफ रायबरेली का यह आयोजन इस बात का प्रतीक बन गया कि जब भाषा, संस्कृति और सेवा का संगम होता है, तो परिणाम केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्सव बन जाता है.

Spread the love
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

अभी अभी

You May Also Like

आरपीएफ-जीआरपी

सर्विस कंपनी में संविदा पर सफाई कर्मी है पकड़ा गया आकाश, रेलवे में नौकरी करने का सपना था दसवीं में फेल, सामाजिक रुतबा बढ़ाने...

जोन/बोर्ड/डिवीजन

उम्मीदों पर फिरा पानी, इस साल भी 78 दिनों के बोनस में मिलेंगे अधिकतम 17,951 रुपये Indian Railway Bonus. भारतीय रेलवे ने अपने लाखों...

आरपीएफ-जीआरपी

SER जोन में अवैध वेंडर यूनियनों ने आरपीएफ पर लगाया जबरन कार्रवाई करने का आरोप  KHARAGPUR. रेलवे में अवैध वेंडरों की मनमानी की कहानी...

जोन/बोर्ड/डिवीजन

धनबाद मंडल के बरकाकाना में हुए खुलासे के बाद डीआरएम ने दिए जांच के आदेश  यूनियन के पदाधिकारी है आरोपी इंचार्ज एमपी महतो, छह...