- ट्रेन से लेकर स्टेशन तक अवैध हॉकर, 20 रुपये में बेचा जा रहा 15 रुपये का पानी , यह है जनदर्शन !
रायपुर. यात्रियों की समस्याएं जानने-सुनने और ऑन द स्पॉट उनका निवारण करने के के लिए रायपुर रेल मंडल में जनदर्शन शिविर लगाया गया. यह शिविर रायपुर रेलवे स्टेशन के वीआईपी लाउंज में लगाया गया था. यहां खानापूर्ति के लिए आधा दर्जन यात्रियों को जरूर बुला लिया गया लेकिन आम यात्री समस्याओं की जगह कुली, वेंडर्स और पार्सल से जुड़े कर्मचारियों को आमंत्रित कर भीड़ जुटाने की रश्म अदायगी की गयी.
सीनियर डीसीएम ने अवधेश कुमार त्रिवेदी के बंद एसी कमरे में यात्रियों की समस्या सुनने को लेकर सवाल भी उठाये गये. हालांकि यह कैंप ट्रेन में हो रही समस्याओं के निस्तारण हेतु लगाया गया था. इसमें स्टेशन पर यात्रियों की जानकारी हासिल करने का प्रयास नहीं किया गया. बंद करने में हो रही सुनवाई में कई यात्रियों ने जाने से इंकार कर दिया.
हालांकि रेल प्रशासन को जनदर्शन की खानापूर्ति तो करनी थी लिहाजा सीआई और दूसरे इंस्पेक्टर कुछ संभ्रांत यात्रियों को खोज ले आये लेकिन आम यात्रियों की समस्याओं को जानन-समझने और दूर करने का प्रयास शायद ही किया गया. ऐसे में जनदर्शन शिविर की उपयोगिता कितनी प्रभावित रही यह तो रेल प्रशासन के आला अधिकारी ही बता सकेंगे. चूंकि जनदर्शन के कवरेज से मीडिया को दूर रखा गया तो रेलवे ने अपने शिविर की तस्वीर खुद की साक्ष की और सूचना भी.
उठ रहे अहम सवाल
सवाल उठता है कि यात्रियों के लिए आयोजित जनदर्शन शिविर को ओपन फॉर ऑल क्यों नहीं किया गया? रेलवे अधिकारियों ने वेटिंग रुम, स्टेशन प्लेटफार्म में जाकर यात्रियों की परेशानी क्यों नहीं देखी ? उसने वहां जाकर क्यों नहीं पूछताछ की गयी ? आम यात्रियों की समस्या जानने के लिए दूसरे स्त्र पर क्या प्रयास किये गये? शिविर में यात्रियों को आमंत्रित करने के लिए कौन से प्रक्रिया अपनायी गयी ? यात्रियों के लिए आयोजित शिविर में स्टेशन के वेंडर्स, कुली और दूसरे कर्मचारियों को क्यों आमंत्रित किया गया?
ऐसा कहा जा रहा है कि रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों को जनदर्शन में नहीं बुलाकर पार्सल का काम करने वाले वेंडर्स व दूसरे लोगों को बुला लिया था ताकि बड़े साहब से जटिल सवाल नहीं पूछे जाये और मुद्दों की बात भी सामने नहीं आये. हां रश्म अदायगी के लिए कुछ यात्रियों के जरूर बुला लिया गया था लेकिन उनकी समस्याएं भी आम यात्रियों से अलग रही.
ट्रेन से लेकर स्टेशन तक अवैध हॉकर, 20 रुपये में बेचा जा रहा 15 रुपये का पानी
रेलवे यात्री की माने तो स्टेशन पर 15 रुपये में बिकने वाला पानी 20 रुपये मे खुलेआम बेचा जा रहा है. रेलनीर की जगह लोकल ब्रांड का पानी वेंडर बेच रहे लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं. विरोध करने पर यात्रियों से हाथापायी की जाती है. अवैध वेंडरों की गतिविधि स्टेशन से लेकर ट्रेनों में नजर आती है. बेडरोल व सफाई से जुड़ी समस्याओं हर दिन की बात है लेकिन शिकायत के नाम पर सिर्फ दिखावे की कार्रवाई होती है. आम अगर यह प्रक्रिया भी दिखावे की कार्रवाई थी तो धन्य हो रेलवे का जनदर्शन!
रेलवे की ओर से ही जारी की गयी तस्वीरें बता रही है कि कैंप में केवल 2-3 यात्री ही आम नजर आ रहे है बाकी रायपुर रेलवे स्टेशन में रोजाना यात्रियों से डील करने वाले कुली, वेंडर्स और पार्सल ऑफिस से जुड़े लोग ही नजर आ रहे है. अब सवाल है कि बंद एसी कमरे में ये कैसा जनदर्शन !
