- लोको पायलटों के आंदोलन में उतरी पत्नियां, डीआरएम से मांगा न्याय, भोजन-पानी को तरसे अधिकारी
RANCHI. लोको पायलटों के सांकेतिक धरना-प्रदर्शन के बीच गुरुवार को महिलाओं ने रांची डीआरएम कार्यालय का घेराव कर दिया. घेराव में शामिल लोको पायलटों की पत्नियों ने रेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये और अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. महिलाओं का कहना था कि रांची डिवीजन में लोको पायलटों को हेड क्वार्टर ओवरसूट करके 14-15 घंटे काम लिया जा रहा है. जबकि रेलवे ने लोको पायलट को हेडक्वार्टर में रिलिफ कर 16 घंटे रेस्ट देने का नियम बनाया है लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा.
डीआरएम कार्यालय पर प्रदर्शन करने पहुंचने वाली महिलाओं में अधिकांश लोको पायलटों की पत्नियां थी जिनका आक्रोश सिर चढ़कर बोल रहा था. महिलाओं का कहना था कि लोको पायलटों से लगातार 12 से 14 घंटे काम लिया जा रहा है तो रेलवे बोर्ड के प्रावधानों के अनुसार पायलटों को रेस्ट नहीं दिया जा रहा. इससे लोको पायलटों की मानसिक व शारीरिक स्थिति बिगड़ रही है और इसका प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ रहा है.
इससे रेलवे की सेफ्टी भी प्रभावित हो रही है और हादसे की आशंका बनी रहती है. महिलाओं ने मीडियो से बातचीत में कहा कि डीआरएम यह तय करें कि नियम के अनुसार ही लोको पायलटों से ड्यूटी ली जाये. नियम नहीं तोड़ा जाये. रेलवे बोर्ड ने जो आदेश दिया है उसके विपरीत व्याख्या कर स्थानीय अधिकारी लोको पायलटों के साथ मजदूर से भी बुरा व्यवहार कर रहे हैं यह अंग्रेजी राज की याद दिला रहा है.
यही नहीं मानसिक परेशानी और अधूरी नींद में ड्यूटी से मना करने वाले लोको पायलटों का निलंबित कर दिया जाता है. नियम के विरूद्ध ड्यूटी करने से इंकार करने वालों को अनुशासन की कार्रवाई का निशाना बनाया जा रहा. ऐसे में पूरा परिवार परेशान है. यह बात रेल प्रशासन को समझनीं होगी. महिलाएं घंटों डीआरएम आफिस के सामने जमी रही. हालांकि उन्हें नियम के अनुसार काम लेने का आश्वासन रेल प्रशासन की ओर से देकर समझाने का प्रयास किया गया. दिलचस्प बात यह रही कि महिलाओं के प्रदर्शन के कारण डीआरएम कार्यालय का गेट जाम रहा और रेलवे के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक भोजन-पानी को तरस गये. रेल अधिकारी भोजन के लिए घर नहीं जा सके.
फैमिली काउंसेलिंग पर भी भड़की महिलाएं
महिलाओं का कहना था कि एक तो रेलवे नियमों के विपरीत काम करा रहा है. लोको पायलट अत्याधिक दबाव में हैं. उनकी बातों को सुना नहीं जा रहा. विरोध करने वालों को सस्पेंड किया जा रहा है. अब दूसरी ओर काउंसेलिंग के नाम पर परिवार पर दबाव बनाने की दूसरी रणनीति अपनायी जा रही है. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अब फैमिली की काउंसेलिंग की जायेगी. यह उन्हें स्वीकार नहीं है.
