- रेल मंत्री ने कहा परियोजना का 360 KM का हिस्सा हुआ पूरा, समुद्र के नीचे सुरंग बनाने का काम जारी
Ahmedabad. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास और आणंद में बुलेट ट्रेन परियोजना (Bullet Train Project) की प्रगति की समीक्षा की. गुजरात के एक दिवसीय दौरे के दौरान, मंत्री ने पश्चिमी रेलवे जोन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पहुंचकर निर्माण कार्य का विस्तार से निरीक्षण किया.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “स्टेशन का डिजाइन और स्वरूप अहमदाबाद की संस्कृति और विरासत को दर्शाएगा.” उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पुनर्विकास कार्य साढ़े तीन साल में पूरा हो जाएगा. पश्चिमी रेलवे के अनुसार, अहमदाबाद स्टेशन के पुनर्विकास का काम नवंबर 2023 में सौंपा गया था और इसे जून 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
वैष्णव ने 200 मीटर लंबे स्टील ब्रिज का दौरा किया
परियोजना की समीक्षा करने के बाद, वैष्णव ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 200 मीटर लंबे स्टील ब्रिज का दौरा किया. वैष्णव ने कहा कि पुल का ‘गार्डर’ भारत में बनाया गया है और घटकों का निर्माण हापुड़ के सालासर संयंत्र में किया गया है. मुंबई और अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर लंबे हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर पर बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेगी, जिसमें 12 स्टेशन होंगे. परिचालन शुरू करने की समय सीमा के बारे में पूछे जाने पर वैष्णव ने कहा कि काम बहुत तेजी से जारी है और जल्द से जल्द परिचालन शुरू करने के लिए सभी प्रयास किये जा रहे हैं. रेल मंत्री ने कहा परियोजना का 360 KM का हिस्सा हुआ पूरा, समुद्र के नीचे सुरंग बनाने का काम जारी है.
मंत्री ने आणंद में निर्माणाधीन बुलेट ट्रेन स्टेशन का भी दौरा किया और कार्य प्रगति की सराहना की. उन्होंने पत्रकारों से कहा, “करीब 360 किलोमीटर लंबे मार्ग पर निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और शेष कार्य भी तत्परता से जारी है.”
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना
कुल लंबाई: 508 कि.मी. (गुजरात और डीएनएच: 352 कि.मी., महाराष्ट्र: 156 कि.मी.) 12 स्टेशनों की योजना बनाई गई है. (मुंबई, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद, साबरमती)
स्थिति (27 फरवरी 2025 तक)
- वायाडक्ट का निर्माण कार्य जोरों पर है
- वायाडक्ट निर्माण: 272 कि.मी.
- पियर निर्माण कार्य: 372 कि.मी.
- पियर की नींव: 386 कि.मी.
- गर्डर कास्टिंग: 305 कि.मी.
13 नदियों पर पुलों का निर्माण पूरा हो गया है. पार (वलसाड जिला), पूर्णा (नवसारी जिला), मिंधोला (नवसारी जिला), अंबिका (नवसारी जिला), औरंगा (वलसाड जिला), वेनगनिया (नवसारी जिला), मोहर (खेड़ा जिला), धाधर (वडोदरा जिला), कोलक नदी (वलसाड जिला), वत्रक नदी (खेड़ा जिला), कावेरी नदी (नवसारी जिला), खरेरा (नवसारी जिला) और मेशवा (खेड़ा ज़िला)
- छह स्टील ब्रिज और पांच पीएससी ब्रिज पूरे हो चुके हैं
- ध्वनि अवरोधक 130 कि.मी. से अधिक क्षेत्र में लगाए जा चुके हैं
- गुजरात में अब तक 112 कि.मी. ट्रैक बेड का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है
- गुजरात में ओवरहेड विद्युतीकरण का काम शुरू हो चुका है
- महाराष्ट्र में बीकेसी और शिलफाटा के बीच 21 कि.मी. लंबी सुरंग का काम निर्माणाधीन है
- एनएटीएम की मदद से महाराष्ट्र के पालघर जिले में सात पर्वतीय सुरंगों का निर्माण चल रहा है
- गुजरात के आठ में से छह स्टेशनों का ढांचागत कार्य पूरा हो चुका है
- महाराष्ट्र में, तीनों एलिवेटेड स्टेशनों पर काम शुरू हो गया है, और मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन पर बेस स्लैब की ढलाई की जा रही है
