- 2029 तक पुराने कोचों को बदलने और दुर्घटनाओं में 90% की कमी का किया दावा
NEW DELHI. रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को संसद के बजट सत्र में रेलवे की उपलब्धियों को गिनाया. रेल मंत्री ने बताया कि भारतीय रेलवे ब्रिटेन से लेकर फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, इटली, स्पेन रोमानिया जैसे देशों को कोच से लेकर इंजन तक एक्सपोर्ट कर रहा है. पिछले एक दशक में इंडियन रेलवे ने मैन्यूफेक्चरिंग की दिशा में उल्लेखनीय काम किया है, जिसका असर अब दिख रहा है.
रेलमंत्री ने पिछले 10 साल में दी गई नौकरियों की भी जानकारी दी है. कहा कि रेलवे ट्रैक से लेकर बोगी और इंजन तक को अपग्रेड कर रही. प्रयास है कि कम समय में अधिकतम दूरी तय की जा सके. चल रहे काम का परिणाम दिखने लगा है. सेमी हाई-स्पीड ट्रेन के बाद अब देश में बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी जोरशोर से चल रही है.
अश्विनी वैष्णव ने इंडियन रेलवे की ओर से युवाओं को दी गई नौकरियों के बारे में भी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि रेलवे ने पिछले 10 साल में 5 लाख नौकरियां दी हैं. मंत्री ने आगे कहा कि UPA के 10 साल में 4 लाख नौकरियां दी गई थीं. कहा कि हमारी प्राथमिकता गरीब, लोअर मिडिल क्लास और मिडिल क्लास रहा है. कुंभ के दौरान हुए हादसे पर भी उन्होंने बड़ी बात कही है. रेल मंत्री ने कहा, ‘ओवरऑल कुम्भ में सब ठीक रहा, एक घटना हुई जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रही. उसकी जांच हाई पावर कमेटी कर रही है. 200 से ज़्यादा लोगों से पूछताछ हुई है. आगे ऐसा न हो इसके लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.
राज्यों का सहयोग नहीं मिलने से लटके है काम
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बारे में भी जानकारी दी है, कि रेलवे का काम कहां और क्यों अटका है. उन्होंने कहा, केरल में रेलवे के फ्लाईओवर में राज्य सरकार का सहयोग मिले तो और जल्दी काम हो. पश्चिम बंगाल में जमीन अधिग्रहण में बहुत दिक्कत आती है. कानून व्यवस्था का मसला आ जाता है. कुछ जगहों पर रेल प्रोजेक्ट के लिए बंगाल सरकार को ज़मीन देनी है, वो नहीं मिल पा रही है. हरियाणा, राजस्थान, एमपी जैसे राज्यों में तेजी से काम हो रहा है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भविष्य की योजनाओं पर भी अहम जानकारी दी है. उन्होंने सदन में कहा, ‘आने वाले समय में मार्होरा (सारण, बिहार) से लोकोमोटिव्स का निर्यात शुरू होगा, जहां 100 से ज्यादा लोकोमोटिव्स निर्यात किए जाएंगे. जल्द ही लोग दुनिया भर में बिहार में बना लोकोमोटिव देख सकेंगे. इसके अलावा, तमिलनाडु से फोर्ज़ व्हील्स (पहिए) का उत्पादन किया जाएगा और इसका भी निर्यात किया जाएगा. आज हमारे देश से ऑस्ट्रलिया को रेलवे कोच एक्सपोर्ट हो रहा है.’
