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Kota Railway Division : डीईएन, एईएन के सामने एसएसई ने ईएसएम को पीटा, पटरी पर घसीटा, डीआरएम भी मौन!

प्रतीकात्मक
  • कई घटनाओं के बाद भी अनसेफ वर्किंग में नहीं हो रहा सुधर, डीआरएम तक पहुंचा मामला  
  • ट्रैकमेंटेनर और ट्रालीमैन पर मारपीट करने का आरोप, आरोपी एसएसई संघ का पदाधिकारी 
  • IRSTMU ने घटना को बताया दुर्भाग्यपूर्ण, कहां किसी को ड्यूटी बाधित करने का अधिकार नहीं 

KOTA. पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा रेल मंडल में अगर रेलवे में अराजकता चरम पर है कहा जाये तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. नया मामला गंगापुर-बयाना रेल खंड स्थित पिलौदा स्टेशन के पास शनिवार 5 जुलाई को सामने आयी. जब डीईएन ऐश्वर्य आलोक, एईएन एके जैन, एसएसई समय सिंह मीणा की मौजदूगी में ट्रैक मेंटेनर और ट्रालीमैन ने सिग्नल मेंटेनर के साथ मारपीट की. इस कृत्य में डीईएन ऐश्वर्य आलोक, एईएन एके जैन, एसएसई भी शामिल नजर आये. इलेक्ट्रिकल सिग्नल मेंटेनर (ईएसएम) लखन लाल के साथ पहली गाली गलौज की गयी  फिर उसका गिरेबान पकड़ कर उसे रेल पटरी पर घसीटा गया. इसमें उसका मोबाइल टूट गया तो यूनिफॉर्म भी फट गया. रविवार 6 जुलाई को यह मामला डीआरएम के पास पहुंचा.

अनसेफ वर्किंग रोका तो कर दी पीटाई, पीडि़त कर्मचारी ने की यह शिकायत

दरअसल यह सारा मामला अनसेफ वर्किंग से जुड़ा है. बताया जाता है कि ट्रॉली करने से पहले कंट्रोल से ऑथोरिटी लेना होता है और पर्सनल नंबर एक्सचेंज करने के बाद ही ब्लॉक सेक्शन में ट्रॉली को ले जाने का प्रावधान है. यदि ब्लॉक सेक्शन में ट्रॉली है तो कंट्रोल उसे ध्यान में रख कर ही गाड़ी चलाएगा साथ ही ट्रॉली से ब्लॉक सेक्शन फेल नहीं होना चाहिए यह भी अधिकारी को सुनिश्चित करना है

यहां अपनी शिकायत में पिलौदा स्टेशन पर इलेक्ट्रिकल सिग्नल मेंटेनर (ईएसएम) पद पर तैनात कर्मचारी लखन लाल ने बताया कि कोटा कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी कि पुश ट्रॉली ने छोटी उदई और पिलौदा स्टेशनों के बीच ब्लॉक सेक्शन फेल कर दिया है. कंट्रोल रूम ने इस ट्राली की जीपीएस कैमरे से फोटो खींचने के निर्देश दिए थे. इसके बाद मौके पर पहुंची ट्रॉली के उन्होंने फोटो लिया. साथ ही एक्सेल काउंटर फेल होने से बचने की जानकारी देते हुए लिए अधिकारियों से ट्रॉली को उठाकर निकालने का अनुरोध किया था. इसके बाद उसके साथ यह कृत्य किया गया.

अपनी इंसल्ट मान कर भड़के अधिकारी ! 

बताया जाता लखन की बात को तौहीन मानकर ट्रॉली में सवार मंडल इंजीनियर ऐश्वर्या आलोक, सहायक मंडल इंजीनियर गंगापुर एके जैन तथा वरिष्ठ खंड अभियंता (रेल पथ) समय सिंह मीना जो (मजदूर संघ के मंडल के पदाधिकारी हैं), ने अभद्रता और गाली गलौज  शुरू कर दी. आक्रोशित ऐश्वर्या ने लखन का कॉलर पकड़ लिया. इसके बाद ट्रॉलीमैन एवं ट्रैकमेंटनरों ने भी हाथापाई की और लखन को करीब 10 मीटर तक रेल पटरियों की गिट्टियों पर घसीटते ले गये. इससे उसकी वर्दी फट गई. मोबाइल टूट गया और गले की माला भी गायब हो गई. बाद में बड़ी मुश्किल से इन लोगों ने लखन को छोड़ा.

अधिकारियों ने किया अनसुना, डीआरएम ने दिया भरोसा, भयभीत है लखन 

लखन ने इस पूरे मामले की शिकायत अपने अधिकारियों को की, लेकिन किसी भी अधिकारी ने मामले के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. लखन ने अपनी शिकायत में बताया कि इस घटना के बाद वह अपने आप को बहुत ही डरा हुआ है और बहुत ही अपमानित महसूस कर रहे हैं. पीड़ित कर्मचारी का कहना है कि यदि उसके साथ कुछ अनहोनी होती है तो उसके जिम्मेदार ट्रॉली में सवार अधिकारी और उनके साथ मारपीट करने वाले इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारी होंगे. इसके बाद लखन ने पूरे मामले की जानकारी डीआरएम अनिल कालरा को दी. डीआरएम ने मामले को संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है. परन्तु दो दिन बीत जाने के बाद भी किसी भी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

IRSTMU के अध्यक्ष नवीन ने दुर्भाग्यपूर्ण घटना की भर्त्सना

IRSTMU के अध्यक्ष नवीन कुमार ने घटना पर आपत्ति जताई और कहा कि प्रशासन द्वारा उचित कार्यवाही होनी चाहिए. किसी भी अधिकारी द्वारा कर्मचारी को उसकी ड्यूटी बाधित करने का कोई अधिकार नहीं है ना ही उसे इस प्रकार मारपीट करने या करवाने का अधिकार है.

दो दिन बाद भी डीआरएम ने नहीं लिया एक्शन, न करायी जांच 

छह जुलाई काे यह मामला डीआरएम तक पहुंचाय लेकिन अब तक मामले मेंकिसी तरह की जांच शुरू नहीं हुई है. डीआरएम के मौन को रेलकर्मी संदिग्ध मान रहे हैं. इसे लेकर सिग्नल एंड टेलीकम्यूनिकेशन विभाग के कर्मचारियों में आक्रोश देखा जा रहा है. कहां जा रहा कि आला अफसरों के सामने ही जब कर्मचारी मारपीट करेंगे और नियमों का अनुपालन नहीं होगा तो दुर्घटनाओं को लेकर जिम्मेदारी कैसे तय की जायेगी? हालांकि यह मामला धीरे-धीरे तुल पकड़ रहा है और सक्षम माध्यम से बात को सेफ्टी अनुपालन में चूक बताकर रेलवे बोर्ड तक भी पहुंचाया गया है. अब तक इस मामले में डीईएन ऐश्वर्य आलोक, एईएन एके जैन, एसएसई समय सिंह मीणा का पक्ष सामने नहीं आ सका है.

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