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चक्रधरपुर : तबादले की पारदर्शी व्यवस्था से प्रताड़ित महसूस कर रहे ‘राहत’, प्रमोशन के बाद मिली इच्छित पोस्टिंग

चक्रधरपुर रेलमंडल में सर्विस रिव्यू के लिए 163 रेलकर्मियों की सूची जारी
  • संवेदनशीन पदों पर रुटीन तबादले के कारण कई लोग हो गये हैं घर-परिवार से दूर
  • धीरे-धीरे ही सही आवेदनों पर होने लगी है सुनवाई, कई को अपनी बारी का है अब भी इंतजार
  • अप्रैल 2018 में किये गये तबादलों के मद में करोड़ों रुपये बतौर एलाउंस करना पड़ा था भुगतान

चक्रधरपुर. रेलमंडल में लंबे समय बाद कॉमर्शियल विभाग के कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कार नजर आ रही है. हालांकि यह मुस्कान उन लोगों के चेहरे पर है, जिनकी मुराद पूरी हो गयी है अथवा जिन्हें इच्छित पोस्टिंग मिल गयी है. कई लोग अभी भी इसके इंतजार व आस में है कि तबादलों की पारदर्शी व्यवस्था का लाभ आज नहीं तो कल उन्हें भी मिल ही जायेगा. हाल के दिनों में बड़ी राहत टिकट निरीक्षक संवर्ग को मिली है जिन्हें पदोन्नति के बाद ऑन रिक्वेस्ट पोस्टिंग दी गयी है.

चक्रधरपुर : तबादले की पारदर्शी व्यवस्था से प्रताड़ित महसूस कर रहे 'राहत', प्रमोशन के बाद मिली इच्छित पोस्टिंग

सीनियर डीसीएम मनीष पाठक

इस माह के दूसरे सप्ताह में रेलमंडल के कॉमर्शियल विभाग की एक और तबादला सूची जारी हुई है जिसमें नौ टिकट निरीक्षक शामिल है, जिनको डिप्टी सीटीआई से सीटीआई में पदोन्नति मिली है. इसमें अधिकांश को पदोन्नति के बाद उनके वर्तमान स्थल पर ही रखा गया है और अगर किसी का तबादला हुआ है तो ऑन रिक्वेस्ट उनकी पोस्टिंग भी कर दी गयी है.

चक्रधरपुर : तबादले की पारदर्शी व्यवस्था से प्रताड़ित महसूस कर रहे 'राहत', प्रमोशन के बाद मिली इच्छित पोस्टिंग

एमएन ओझा, पूर्व सीनियर डीसीएम, सीकेपी

रेलकर्मियों का कहना है कि एक लंबे समय बाद साल 2003 का वह काल उन्हें स्मरण हो आया है जब सीनियर डीसीएम महेंद्र नाथ ओझा हुआ करते थे और उनके हर आवेदन पर ससमय सुनवाई हो जाती थी. वर्तमान में महेंद्र नाथ ओझा एनसीआर इलाहाबाद में प्रिसिपल सीसीएम है. वर्तमान सीनियर डीसीएम मनीष पाठक की तुलना कॉमर्शियल के कर्मचारी एमएन ओझा से करने लगे हैं.

डिवीजन में तबादलों पर एक चर्चा का जिक्र जरूर करना चाहूंगा जब एक साल पूर्व डिवीजन के एक सीनियर टीटीई ने वर्तमान सीनियर डीसीएम पर यह कहकर टिप्पणी की थी कि ”आवेदन तो बड़े साहब हंसकर स्वीकार करते हैं और ट्रक भर कर आश्वासन भी देते हैं, लेकिन उसके बाद महीनों का इंतजार…. खत्म ही नहीं होता”. आज कॉमर्शियल के कर्मचारी यह खुलकर कहने लगे है कि रुटीन तबादलों के नाम पर उनकी मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना का दौर खत्म हो रहा है और धीरे-धीरे सबकी वापसी हो रही है.

”आवेदन तो बड़े साहब हंसकर स्वीकार करते हैं और ट्रक भर कर आश्वासन भी देते हैं, लेकिन उसके बाद महीनों का इंतजार…. खत्म ही नहीं होता”. अब तबादलों में मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना का दौर खत्म हो रहा है.

चक्रधरपुर : तबादले की पारदर्शी व्यवस्था से प्रताड़ित महसूस कर रहे 'राहत', प्रमोशन के बाद मिली इच्छित पोस्टिंग

सतेंद्र कुमार

चक्रधरपुर : तबादले की पारदर्शी व्यवस्था से प्रताड़ित महसूस कर रहे 'राहत', प्रमोशन के बाद मिली इच्छित पोस्टिंग

राजेश चक्रवर्ती

पदोन्नति की जारी सूची में पहले नंबर अशोक कुमार प्रधान को प्रोमोशन के बाद चक्रधरपुर में ही पोस्टिंग दी गयी है. दूसरे नंबर पर जूड स्नीड है जिन्हें राउरकेला से ऑन रिक्वेस्ट टाटा में पोस्टिंग दी गयी है. तीसरे नंबर राजेश चक्रवर्ती को टाटा से राउरकेला भेजा गया है, वह पहले राउरकेला में ही थे और उनका परिवार आज भी वहीं है. चौथे नंबर पर नवनीत मिश्रा है जिनकी पोस्टिंग चक्रधरपुर से राउरकेला ऑन रिक्वेस्ट की गयी है. पांचवे नंबर पर जनकदेव मांझी को राउरकेला से पदोन्नत के बाद राउरकेला में ही पोस्टिंग दी गयी है.

चक्रधरपुर : तबादले की पारदर्शी व्यवस्था से प्रताड़ित महसूस कर रहे 'राहत', प्रमोशन के बाद मिली इच्छित पोस्टिंग

नवनीत मिश्रा

चक्रधरपुर : तबादले की पारदर्शी व्यवस्था से प्रताड़ित महसूस कर रहे 'राहत', प्रमोशन के बाद मिली इच्छित पोस्टिंग

जनकदेव मांझी

छठे नंबर पर रेलमंडल के सबसे वरिष्ठ टिकट निरीक्षकों में शामिल सतेंद्र कुमार है जिनकी पोस्टिंग राउरकेला से टाटानगर की गयी है. उनका परिवार टाटानगर में था और तबादले के बाद उन्हें भी मानसिक व शारीरिक परेशानी हो रही थी. वहीं सातवें नंबर पर अमरेश बनर्जी की पोस्टिंग सीकेपी से सीकेपी में ही गयी है जबकि आठवें नंबर में कमलेश कुमार पांडेय को राउरकेला से ऑन रिक्वेस्ट सीकेपी भेजा गया है. यहां यह बताना लाजिमी होगा कि दोनों टाटा के ही रहने वाले है. तबादला सूची में नौवे नंबर पर एफ कुल्लू है जिन्हें टाटा से वापस राउरकेला ऑन रिक्वेस्ट पोस्टिंग दी गयी है.

चक्रधरपुर : तबादले की पारदर्शी व्यवस्था से प्रताड़ित महसूस कर रहे 'राहत', प्रमोशन के बाद मिली इच्छित पोस्टिंग

कमलेश कुमार पांडेय

चक्रधरपुर : तबादले की पारदर्शी व्यवस्था से प्रताड़ित महसूस कर रहे 'राहत', प्रमोशन के बाद मिली इच्छित पोस्टिंग

अमरेश बनर्जी

बताते चले कि चक्रधरपुर रेलमंडल कॉमर्शियल विभाग में तब उथल-पुथल शुरू हो गया था जब 22 जून 2017 को बतौर सीनियर डीसीएम भास्कर ने प्रभार ग्रहण करते ही संवेदनशील पदों पर लंबे अर्से से जमे कर्मचारियों का तबादला करना शुरू किया. अप्रैल 2018 में ही सीनियर डीसीएम भास्कर ने चार बार में 223 से अधिक कर्मचारियों के तबादले की सूची जारी करायी. बताया जाता है कि उन्होंने लगभग साढ़े चार सौ तबादले किये जिसमें टिकट केंद्र, पार्सल एवं टीटीई शामिल थे. तबादलों के मद में करोड़ों रुपये बतौर एलाउंस रेलकर्मियों को भुगतान करना पड़ा था.

एडमिनिस्ट्रेटिव इनटरेस्ट की जगह ऑन रिक्वेस्ट से लाखों बचाये

चक्रधरपुर के सीनियर डीसीएम मनीष पाठक ने तबादला व पोस्टिंग के बीच मात्र ”एक शब्द” बदलकर रेलवे के लाखों रुपये बचा लिया. नियमानुसार पदोन्नति के बाद तबादलों का प्रावधान है. यह एडमिनिस्ट्रेटिव इन्टरेस्ट पर होता है. ऐसा करने से अमूमन एक रेलकर्मी को तबादले के बदले 40-50 हजार का अलाउंस के साथ 10 दिन का अवकाश देना होता है. लेकिन अगर यह पोस्टिंग ऑन रिक्वेस्ट है तो रेलवे को तबादलों के एवज में कोई अलाउंस व अवकाश नहीं देना होता. इस तरह सीनियर डीसीएम ने रेलवे के खाते से निकलने वाला लाखों रुपये बचा लिया.

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