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Chakradharpur Division : लोको पायलटों के ट्रांसफर आदेश से उपजे आक्रोश के बीच पीएनएम मीटिंग शुरू, दबाव में यूनियन नेता!

  • चक्रधरपुर रेलमंडल में 10 साल वाले लोको पायलटों का होगा लॉबी ट्रांसफर, प्रशासन ने मांगा ऑप्शन
  • मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न को लेकर यूनियन को-ऑर्डिनेटर समेत पदाधिकारी भी निशाने पर 

CHAKRADHARPUR. चक्रधरपुर मंडल रेल प्रशासन ने 18 मार्च 2025 को एक आदेश जारी कर 10 साल से एक लॉबी में ड्यूटी करने वाले लोको पायलटों को दूसरी लॉबी में ट्रांसफर करने के लिए ऑपशन मांगा है. सभी प्रकार के कार्य में लगे लोको पायलटों को एक सप्ताह यानी 24 मार्च 2025 तक ऑपशन देने को कहा गया है. ऐसा नहीं करने पर उनका तबादला प्रशासन अपने आवश्यकता के अनुसार कर देगा.

सीनियर डीपीओ (Sr DPO) की ओर से जारी ट्रांसफर के इस आदेश को लेकर लोको पायलटों में गहरा आक्रोश है. रेलवे मेंस यूनियन के मंडल संयोजक एमके सिंह भी इसी संवर्ग से आते हैं लिहाजा लोको पायलटों के निशाने पर सीधे-सीधे मंडल संयोजक और रनिंग ब्रांच की उनकी टीम भी आ गयी है. लोको पायलटों का कहना है अब तक लोको पायलटों से सीनियर डीईई (ओपी) द्वारा डिमांड मंगाकर ट्रांसफर की प्रक्रिया की जाती थी. यह पहली बार हुआ जब पर्सनल विभाग इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का दावा कर रहा, जबकि हकीकत में इस प्रक्रिया ने उन्हें मानसिक, शारीरिक और आर्थिक उत्पीड़न में उलझा दिया है.

रेल प्रशासन के आदेश से लोको पायलटों में गहरा आक्रोश है. लोको पायलटों का कहना है कि भले ही नीतिगत रूप से तबादले की यह प्रक्रिया और निर्णय सही हो सकता है, लेकिन यह रेलकर्मियों ही नहीं उनके परिवार और बच्चों को भी गहरे तक प्रभावित करेगा जिसका प्रभाव सैकड़ों लोको पायलटों के मासनिक दबाव के साथ ट्रेन परिचालन पर भी पड़ेगा. इसमें आर्थिक उत्पीड़न भी संभव है. उनका कहना है कि यह निर्णय अचानक बिना यूनियन की सहमति से संभव नहीं है. यही कारण है कि लोको पायलटों के निशाने पर मेंस यूनियन नेता भी है.

आलम यह है कि यूनियन के शीर्ष नेतृत्व को अपने ही कैडरों के आक्रोश का  शिकार बनना पड़ रहा है. लोको पायलटों के इस आक्रोश के बीच दक्षिण पूर्व रेलवे में एकल यूनियन के रूप में सामने आयी रेलवे मेंस यूनियन का 73वीं स्थायी वार्ता तंत्र (PNM) मीटिंग चक्रधरपुर में शुरू हो चुकी है. इसमें यूनियन की ओर से 30 एजेंडा रखा गया है जिस पर बात होनी है. यूनियन की ओर गुरुवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि इसमें कई मामलों पर रेल प्रशासन के साथ पहली ही बैठक में सहमति बनी है.

हालांकि यूनियन के इस एजेंडें में लोको पायलटों के ट्रांसफर पॉलिसी पर कोई चर्चा नहीं हुई लेकिन यूनियन नेतृत्व पर इस बात का भारी दबाव है कि वह इस मामले को पीएनएम में औपचारिक रूप से ही सही लेकिन उठाये और कोई सर्वमान्य रास्ता निकाले ताकि लोको पायलटों को मानसिक दबाव से बचाया जा सके. अब देखने वाली बात होगी कि टाटानगर इलेक्ट्रिक लोको शेड प्रकरण समेत अन्य मामलों में अब तब बैकफुट पर चल रहे रेलवे मेंस यूनियन के नेता इस मामले में फ्रंट फुट पर खड़े होकर रेलकर्मियों की मांग को लेकर दबाव बना पाते है या नहीं ?

एचआरए और ट्रांसफर एलाउंस का लगेगा झटका, यूनियन का मौन संदिग्ध 

लोको पायलटों का कहना है कि सीनियर डीपीओ के नये आदेश से रनिंग कर्मचारियों के सामने सांप-छुछुंदर वाली स्थिति हो गयी है. जो लोको पायलट अपने परिवार व बच्चों के साथ स्थिर हैं अब उनका तबादला होता है तो पूरा परिवार अस्थिर हो जायेगा. उनके बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी. वहीं अगर रेल प्रशासन के अनुसार लोको पायलट ऑप्शन देता है तो उसे ट्रांसफर एलाउंस नहीं मिलेगा, इस तरह उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान होगा. वहीं तबादले के बाद एचआरए भी प्रभावित होगा. क्योंकि ट्रांसफर के बाद उन्हें नये स्थान पर रेलवे क्वार्टर लेना होगा. जबकि हर जगह रेलवे क्वार्टरों की स्थिति जगजाहिर है. ऐसे में कोई क्वार्टर खाली रहेगा तो उनका एचआरए रोक दिया जायेगा. पूरे मामले में बड़ा आक्रोश यूनियन नेतृत्व के मौन को लेकर है. कहां जा रहा है कि अगर रेलवे मेंस यूनियन पहल नहीं करती है तो दूसरी यूनियनें इसे मुद्दा बनाकर आगे बढ़ेंगी तब जोन में एकल यूनियन बनकर उभरी रेलवे मेंस यूनियन के नेताओं के लिए दुविधा वाली स्थिति उत्पन्न हो सकती है.

30 एजेंडों पर चर्चा, डीआरएम की मौजूदगी वाली आज की बैठक होगी निर्णायक  

चक्रधरपुर डीआरएम सभागार में गुरुवार को रेल प्रशासन और रेलवे मेंस यूनियन के बीच पीएनएम बैठक वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी डॉ ऋषभ सिन्हा की अध्यक्षता में हुई. इसमें प्रबंधन के समक्ष पहले से पेश 30 मुद्दों पर चर्चा की गयी. इसमें चार मुद्दों पर रेल प्रशासन ने स्वीकृति जतायी. यूनियन की ओर से चक्रधरपुर, टाटानगर व बंडामुंडा रेलवे अस्पताल की ओपीडी में चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने, एंबुलेंस, पीएमइ मेडिकल चेकअप के लिए अस्पतालों का विकल्प देने, पुराने अस्पताल भवनों को तोड़कर झारसुगुड़ा व टाटानगर में नये अस्पताल भवन बनाने, चक्रधरपुर में दवा वितरण के लिए दो काउंटर बनाने व विद्युत (सामान्य) में ट्रेन लाइटिंग, एसी व विद्युत विभाग में कार्यरत रेलकर्मियों को पदोन्नति देने व एसी लगाने की प्रक्रिया को सरल करने के मुद्दों पर बता की गयी. इसमें पर प्रशासन ने सहमति जतायी. बैठक में पहले ट्रेनों की लेट लतीफी और ट्रांसफर,  रनिंग कर्मचारियों के लांग आवर्स ड्यूटी का मुद्दे पर भी चर्चा की गयी. पीएनएम की डीआरएम तरुण हुरिया की मौजूदगी में शुक्रवार यानी 21 मार्च को होनी वाली बैठक निर्णायक होगी.

रेलवे मेंस यूनियन (SERMU) की (PNM) बैठक के एजेंडें पर चर्चा 

1. टाटानगर में डबल एम्बुलेंस की व्यवस्था।

2. ओपीडी में अतिरिक्त डॉक्टरों की बहाली।

3. महिला हॉस्पिटल स्टाफ के लिए चेंजिंग रूम एवं नए बेड की व्यवस्था।

4. सीनी में एम्बुलेंस एवं स्थायी डॉक्टर की नियुक्ति।

5. झारसुगुड़ा में एक और डॉक्टर की तैनाती।

6. Sick करने के लिए BN-100 की आवश्यकता नहीं होगी, “उम्मीद कार्ड” ही काफी

7. DPS और ब्रांच लाइन के कर्मचारियों को PME (पेरियोडिकल मेडिकल एग्जामिनेशन) के लिए मिलेगा स्थल का विकल्प

8. CKP और TATA में महिलाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग मेडिसिन काउंटर

9. झारसुगुड़ा में नया हेल्थ यूनिट भवन जल्द बनेगा, 24 घंटे चिकित्सा सुविधा मिलेगी

10. टाटानगर में नया अस्पताल बनाने की योजना का प्रारूप तैयार कर मुख्यालय भेजा जाएगा।

11. हार्ट अटैक के बढ़े केस को लेकर CKP हॉस्पिटल में एक सप्ताह का स्पेशल जांच ड्राइव

12. क्वार्टर में AC लगाने के लिए विशेष अनुमति आवश्यक नहीं, बिजली बिल पर भी हुई बात

13. कर्मचारियों की पदोन्नति एवं कार्यस्थल पर सुविधाएं देने पर भी रेल प्रशासन सहमति

 

 

 

 

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