- यात्री ने रेलवे व पीएमओ को ट्वीट कर आधे घंटे में 26 बच्चियों को मानव तस्करों से बचाया
- मुजफ्फरपुर-बांद्रा अवध एक्सप्रेस के कोच एस-5 की घटना
- पश्चिमी चंपारण की रहने वाली बच्चियों को आगरा ले जाया जा रहा था
गोरखपुर. एक यात्री की हिम्मत और सतर्कता से ट्रेन में सवार 26 बच्चियों को कथित मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ा लिया गया. इन बच्चियों के साथ दो युवक थे. इस पर एक यात्री को शक हुआ. उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पीएमओ, रेल मंत्री पीयूष गोयल, रेल मंत्रालय, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को टैग कर ट्वीट किया. इसके बाद आरपीएफ और जीआरपी हरकत में आई और बच्चियों को आधे घंटे में रेस्क्यू कर लिया गया.
यह मामला मुजफ्फरपुर-बांद्रा अवध एक्सप्रेस के कोच एस-5 का है. रेलवे एसपी पुष्पांजलि ने बताया कि नरकटियागंज से बच्चियों को आगरा ले जाया जा रहा था. सभी की उम्र करीब 10 से 14 साल है. सभी पश्चिमी चंपारण की रहने वाली हैं. बच्चियों को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया गया है. हिरासत में लिए गए संदिग्धों ने पूछताछ में बताया कि वे बच्चियों को आगरा के मदरसे में पढ़ाई के लिए ले जा रहे थे. उनके बयानों की पुष्टि के लिए जीआरपी ने बच्चियों के परिजनों से संपर्क किया. फिलहाल मानव तस्करी की आशंका को देखते हुए जांच की जा रही है.
यात्री ने कहा- जल्दी मदद कीजिए : घटना पांच जुलाई की है. अवध एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे एक यात्री ने रेलवे को ट्वीट किया, ‘‘मैं अवध एक्सप्रेस के एस-5 कोच में ट्रेवल कर रहा हूं. मेरे कोच में 25 लड़कियां हैं. सभी नाबालिग हैं. उनमें से कुछ रो रही हैं. सभी असुरक्षित महसूस कर रही हैं. मुझे मानव तस्करी का शक है. ट्रेन अभी हरिनगर स्टेशन पर है. अगला स्टेशन बागा और फिर गोरखपुर होगा. जल्दी उनकी मदद कीजिए.”
सादी वर्दी में दो जवान चढ़े: ट्वीट के बाद जीआरपी ने सादे कपड़ों में दो पुलिसकर्मियों को कप्तानगंज स्टेशन से ट्रेन में चढ़ाया. गोरखपुर स्टेशन तक वे बच्चियों पर नजर रखे हुए थे. गोरखपुर में बाकी पुलिस दल ने दोनों युवकों को हिरासत में ले लिया और बच्चियों को छुड़ा लिया.
सभार भास्कर
