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Tatanagar Station : रेलवे पार्किंग में समाजसेवी ठेकेदार के गुर्गों को डीएसपी ने दिखायी औकात, वर्दीवालों ने खदेड़-खदेड़ कर पीटा!

  • रेलवे स्टेशन के इन आउट गेट पर भी ठेकेदार का कब्जा, आरपीएफ मौन, शांति भंग होने की बनने लगी आशंका 
  • स्टेशन डायरेक्टर के मौन के बीच पार्किंग कर्मियों की मनमानी जारी, पार्किंग से बाहर निकलकर करने लगे वसूली
  • स्टेशन में रायफल लेकर घूम रहे लोग, ठेकेदार के बचाव में सीनियर डीसीएम के बयान के निकाले जा रहे निहितार्थ   

JAMSHEDPUR. टाटानगर रेलवे स्टेशन में पार्किंग शुल्क वसूली को लेकर होने वाले विवाद के बीच खुद को समाजसेवी बताने वाले ठेकेदार का उदंड चेहरा सामने आया है. ठेकेदार का कर्मचारी बताने वाले आधा दर्जन से अधिक लोग रायफल लेकर रेलवे क्षेत्र में चहलकदमी करते नजर आ रहे. स्टेशन के इन और आउट गेट पर ठेकेदार के लोगों ने कब्जा जमा लिया है. स्टेशन डायरेक्टर के मौन, आरपीएफ की चुप्पी के बीच स्टेशन एक बार फिर खूनी टकराव की ओर बढ़ रहा है.

हालांकि शनिवार देर रात में समाजसेवी पार्किंग ठेकेदार के गुर्गो का सामना शहर के दबंग डीएसपी भोला प्रसाद से हो गया. फिर क्या था वर्दीवालों ने पूरे पार्किंग क्षेत्र में ठेकेदार के उन कर्मियों को छुपने तक का मौका नहीं दिया. वर्दीवालों ने उनकी पूरे पार्किंग क्षेत्र में खदेड़-खदेड़ कर पिटाई की. बिना ड्रेस के ये लोग ठेकेदार का आदमी बता रहे थे जो डीएसपी भोला प्रसाद की सफेद रंग की स्कॉपियों को यह कहकर रोक दिया था कि ‘पहले पर्ची कटाइये, फिर आगे जाइये’.

भोला प्रसाद गाड़ी लेकर मुख्य गेट के पास ड्रॉपिंग एरिया में पहुंचे, वहां आकर भी उनसे रसीद दिखाकर पार्किंग शुल्क देने की मांग पर बिना ड्रेस में आये पार्किंग कर्मचारी उलझ गये. डीएसपी ने अपना परिचय दिया लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ. आउट गेट पर भी डीएसपी की गाड़ी को रोका गया. इसके बाद डीएसपी भोला प्रसाद अपने रंग में आये और स्कॉर्पियो पार्किंग के बीचोंबीच रोक दी. पार्किंग कर्मियों से मैनेजर व मालिक को बुलाने को कहा. डीएसपी ने फोन कर आस-पास की पुलिस पार्टी को बुला लिया.

इसके बाद जो हुआ उसे देखकर अब ठेकेदार की मनमानी झेल रहे आसपास के लोगों, टेंपो चालकों की आंखों चौड़ी और कलेजा ठंडा हो गया. पुलिस के जवानों ने पूरे पार्किंग में समाजसेवी बताने वाले ठेकेदार के लोगों की धुनाई की. चार-पांच कर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. आधे घंटे तक यह खेल चलता रहा और दबंग ठेकेदार के गुर्गे भीगी बिल्ली बने दुबके या भागते नजर आये. हमेशा की तरह पूरे हंगामे के बाद रेल पुलिस आयी. इसके बाद कार्य करने वाले पार्किंग कर्मियों से उनका आधार फोटो के साथ पहचान की पूरी जानकारी मांगी गयी है.

पार्किंग के मैनेजर से रेल पुलिस ने सूची उपलब्ध कराने को कहा है. यहां यह भी कहा गया है कि सभी स्टाफ कंपनी के आई कार्ड के साथ पार्किंग के इन और आउट गेट पर तैनात रहेंगे. हालांकि डीएसपी भोला प्रसाद ने इस घटना पर चुप्पी साध रखी है लेकिन पार्किंग में जो कुछ हुआ उससे आम लोग, ठेकेदार के तथाकथित गुर्गों से परेशान आसपास के दुकानदार-टेंपो चालकों के कलेजे को ठंडक जरूर मिली है. हालांकि इस घटना के बाद कई सवाल रेल प्रशासन के सामने उठ खड़े हुए है.

फिलहाल स्टेशन के आउट गेट पर कुर्सी लगाकर बैठे पार्किंग ठेकेदार के लोग हर जाने वाली गाड़ी को रोक रहे है. इससे वहां हर समय जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है. डीएसपी की देर रात की गयी कार्रवाई के बाद भी स्थिति यथावत है. आउटगेट पर उन गाड़ियों-दोपहिया को भी रोका जा रहा है जो इन गेट से सीधे आकर बाहर निकल रही है. स्टेशन पार्किंग से लेकर पोर्टिगो तक से आरपीएफ नदारत है. इन और आउट गेट पर ठेकेदार के कब्जे को लेकर रेल प्रशासन सवालों के घेरे में है. लोग सीनियर डीएसएम के अलावा आरपीएफ के मौन मौन का अलग-अलग निहितार्थ निकाल रहे हैं.

सीनियर डीसीएम से शहरवासियों और आम  यात्रियों के सवाल ! 

  • अगर ठेकेदार की तैयारी पूरी नही थी तो उसे पार्किंग हैंडओवर किस आधार पर दिया गया
  • ठेकेदार के कर्मचारियों की पहचान नहीं तो उन्हें वसूली करने की छूट रेलवे  ने क्यों दे दी  
  • स्टेशन इन और आउट गेट की जिम्मेदारी ठेकेदार को किस नियम से सौंप दी गयी है    
  • पोर्टिंगो से लेकर ड्रॉपिंग लाइन की व्यवस्था ठेकेदार को किस नियम से सौंप दी गयी   
  • रेल परिसर में समाजसेवी व दूसरी गतिविधियां आयोजित करने की छूट ठेकेदार को किसने दी 
  • रेलवे परिसर में रायफल लेकर दहशत फैलाने पर रेल प्रशासन ने नोटिस क्यों नहीं किया 
  • बिना एडवांस लाईसेंस फीस जमा कराये किस नियम से पार्किंग हैंडओवर दे दिया गया
  • ठेकेदार पार्किंग परिसर से बाहर जाकर वसूली कर रहा, इस पर क्या कार्रवाई की गयी  
  • अगर रेल प्रशासन ने चुनिंदा व्यवस्था ठेकेदार को नहीं सौंपी तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गयी ? 

…. जारी ….

रेलहंट का प्रयास है कि सच रेल प्रशासन के सामने आये. ऐसे में अगर किसी को यह लगता है उसकी बात नहीं सुनी जा रही है तो वह अपना पक्ष whatsapp 9905460502 पर भेज सकते है, उसे पूरा स्थान दिया जायेगा. 

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