कोलकाता : दक्षिण पूर्व रेलवे ने चक्रवात यास के प्रभाव का सही आकलन कर रेलवे को होने वाले संभावित नुकसान को काफी कम कर लिया है. रेलवे द्वारा ता, 26 मई को जारी बयान में बताया गया कि पहले से एहतियाती उपाय करने के कारण तूफान का असर रेलवे ट्रैक पर कम किया जा सका. संभाग और मुख्यालय कार्यालयों से चौबीसों घंटे मौसम पर नजर रखी गयी जिससे रेलवे के संस्थागत ढांचे को नुकसान से बचाया जा सका. यात्री ट्रेन सेवा को स्थगित करने की योजना प्रभावशाली रही.
खड़गपुर-भद्रक सेक्शन, खड़गपुर-टाटानगर सेक्शन और हावड़ा-खड़गपुर सेक्शन में ट्रेन की आवाजाही पहले ही रोक दी गई थी. सुरक्षा उपायों के रूप में बिजली का करंट भी बंद कर दिया गया. खड़गपुर-भद्रक सेक्शन में कुछ स्थानों पर पेड़ की शाखा रेलवे ट्रैक पर गिरने की घटनाएं हुई लेकिन उन्हें दुरुस्त कर चल रही मालगाड़ी सेवा को 16.00 बजे बहाल कर दिया.
नहरों के जलस्तर में वृद्धि के कारण आस-पास का क्षेत्र के लोगों ने फुलेश्वर और कोलाघाट स्टेशन पर शरण ली है. उन्हें रेलकर्मियों ने चाय-नाश्ता का इंतजाम किया. चक्रवात यास का प्रभाव मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र और ओडिशा पर पड़ा जो खड़गपुर डिवीजन के अधिकार क्षेत्र में थे. हालांकि तीन डिवीजनों में खराब मौसम का असर पड़ा है. आद्रा और चक्रधरपुर मंडल में मध्यम श्रेणी और रांची मंडल में भारी बारिश हुई है.
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