RAIPUR. रेलवे में कानून और नियमों के अनुपालन का दायित्व तो आरपीएफ पर है. लेकिन जब आरपीएफ का आला अधिकारी ही नियमों को दरकिनार करने लगे तो छोटे अधिकारी और जवान क्या करेंगे? यह सवाल इन दिनों बिलासपुर जोन के आरपीएफ महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है. कारण चर्चा बीते दिनों आरपीएफ के एक अधिकारी के निरीक्षण को लेकर उठ रहे हैं.
बताया जा रहा है कि आरपीएफ के एक बड़े अधिकारी ने दो दिन पहले ही रायपुर रेल मंडल में दुर्ग-भिलाई का निरीक्षण किया है. साहब यहां बिना वर्दी में ही निरीक्षण करने गये थे. हालांकि इस निरीक्षण दौरे में साहब की पत्नी भी साथ रायपुर आयी थी जो रेस्ट हाउस में रुकी थी. अब यहां चर्चा इस बात की होने लगी है कि यह दौरा विभागीय था या निजी ?
भिलाई स्टेशन पर निरीक्षण में आरपीएफ के अधिकारी ने सीसीटीवी रूम, स्टॉल समेत अन्य स्थानों का निरीक्षण किया और इसके बाद वह दुर्ग पहुंचे. यह निरीक्षण तो विभागीय था लेकिन साहब की मौजूदगी बिना वर्दी में भिलाई और दुर्ग रेलवे स्टेशन में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गयी. तब सवाल यह उठाया जाने लगा कि यह विभागीय दौरा था या निजी.
लगे हाथ महकमे में आरपीएफ के अधिकारियों को लेकर दूसरी चर्चा भी शुरू हो गयी है. एक बड़े आरपीएफ अधिकारी के बंगले में ड्यूटी करने वाले स्टॉफ की 9 दिन की सैलरी पिछले दिनों काट दी गयी थी. इसके पीछे की वजह कपड़े और अंडरगार्मेंट्स न सुखाने की सजा बतायी गयी. इसके बाद जवान की पत्नी ने पोस्ट पहुंचकर हंगामा किया और बात आईजी तक पहुंची. हालांकि यह मामला आगे तक नहीं गया लेकिन साहब के बिना वर्दी में निरीक्षण ने चर्चाओं का बाजार जरूर गर्म कर दिया है.















































































