- केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने निवेशकों को परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के अवसर तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया
- मध्य प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2025 (जीआईएस-2025) में बोले रेलमंत्री, 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य है
Bhopal. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे अगले वित्त वर्ष में 100 प्रतिशत विद्युतीकरण हासिल कर लेगा. उन्होंने कहा कि रेलवे नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग भी तेजी से बढ़ा रहा है. मध्यप्रदेश के साथ बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद मध्यप्रदेश वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन (जीआईएस) 2025 को ऑनलाइन संबोधित करते हुए रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि सरकार ने 2030 तक रेलवे को शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने निवेशकों को परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के अवसर तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया और आश्वासन दिया कि भारतीय रेल परमाणु स्रोतों से उत्पन्न बिजली खरीदेगी. मध्य प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2025 (जीआईएस-2025) में बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा, मैं अनुरोध करना चाहूंगा कि यदि मध्य प्रदेश में एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जा सकता है, तो भारतीय रेल इससे बिजली खरीदने के लिए एक समझौता करने में बहुत खुश होगी। पवन ऊर्जा भी हमारे लिए बहुत दिलचस्प है.
उन्होंने कहा कि अब तक रेलवे का 97 प्रतिशत से अधिक विद्युतीकरण हासिल किया जा चुका है और वित्त वर्ष 2025-26 तक यह 100 प्रतिशत विद्युतीकरण हासिल कर लेगा. मंत्री ने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से बिजली प्राप्त करने के बारे में कहा कि अब तक रेलवे को आपूर्ति करने के लिए 1,500 मेगावाट क्षमता पहले ही तय की जा चुकी है. उन्होंने कहा, ‘‘मध्यप्रदेश के साथ आज हस्ताक्षरित 170 मेगावाट बिजली खरीद समझौता (पीपीए) इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.’’
रेलवे, वारी एनर्जीज और रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) के बीच पीपीए पर हस्ताक्षर किए गए हैं. मंत्री ने आश्वासन दिया कि रेलवे मध्यप्रदेश से जो भी नवीकरणीय ऊर्जा है, उसे खरीदने के लिए तैयार है, बशर्ते आपूर्ति स्थिर रहे. उन्होंने कहा, ‘‘यदि मध्यप्रदेश परमाणु ऊर्जा संयंत्र भी स्थापित कर सकता है, तो रेलवे खरीदने के लिए तैयार है. हम पवन ऊर्जा में भी रुचि रखते हैं.’’ वैष्णव ने कहा कि रेलवे नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति के लिए मध्यप्रदेश के साथ हस्ताक्षरित समान मॉडल पर अन्य राज्यों के साथ भी पीपीए पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को 2025-26 के लिए 14,745 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड रेल बजट मिला है. उन्होंने कहा, ‘‘2014 से पहले मध्यप्रदेश में रेलवे लाइनों के निर्माण की दर सालाना केवल 29-30 किमी हुआ करती थी, जो अब बढ़कर 223 किमी प्रति वर्ष हो गई है. काम की गति 7.5 गुना बढ़ गई है और कोष में 23 गुना वृद्धि की गई है.’’ मंत्री ने राज्य में कई नई स्वीकृत रेल परियोजनाओं का भी जिक्र किया और चल रही परियोजनाओं की प्रगति के बारे में जानकारी दी. मध्यप्रदेश से जुड़ी विभिन्न रेल परियोजनाओं में वर्तमान में कुल 1.04 लाख करोड़ रुपये का निवेश जारी है.
