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किसान आंदोलन से रेलवे को 1200 करोड़ से अधिक का हुआ नुकसान, गुर्जरों ने रोकी रफ्तार

किसान आंदोलन से रेलवे को 1200 करोड़ से अधिक का हुआ नुकसान, गुर्जरों ने रोकी रफ्तार
  • गुर्जर आंदोलन का भी दिखने लगा असर, कई ट्रेेनों के मार्ग बदले गये तो कई रद्द 

नई दिल्ली. पंजाब में किसान द्वारा किये जा रहे आंदोलन से रेलवे को 1200 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. यह आंदोलन अब भी जारी है. रेलवे बोर्ड की ओर से जारी बयान के अनुसार 2225 से अधिक मालगाड़ियों का परिचालन आंदोलन के कारण प्रभावित हुआ है. आंदोलनकारी पंजाब में कई स्थानों पर रेलवे ट्रैक और प्लेटफार्मों पर धरना दे रहे हैं. यही कारण है कि सुरक्षा को ध्यान में रखकर ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया गया है.

उधर, गुर्जर आंदोलन के कारण पश्चिम मध्य रेलवे को कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है तो कई का मार्ग बदला गया है. ट्रेन नंबर 02952 दिल्ली-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस को डायवर्ट किया गया है. यह ट्रेन नई दिल्ली-कोटा-रतलाम होकर जाती थी. अब यह परिवर्तित मार्ग आगरा-झांसी-बीना-श्री हिरदाराम नगर नागदा होकर चलेगी. राजस्थान में गुर्जर आंदोलन (Gurjar agitation) का सीधा असर रेलवे परिचालन पर पड़ा रहा है. इसके कारण तीन दिनों से रेल परिचालन प्रभावित हो रहा. गुर्जर समुदाय के लोगों के रेल की पटरियों पर डटे रहने से कई का मार्ग बदला गया हैं.

वहीं किसान आंदोलनकारियों ने जंडियाला, नाभा, तलवंडी साबो और बठिंडा में ट्रेनों को रोककर अपना विरोध दर्ज कराया है. चार नवंबर की सवेरे छह बजे पंजाब के अलग-अलग 32 स्थानों पर आंदोलनकारियों के डटे रहने के कारण रेल परिचालन बाधित हो रहा था. इसका असर पंजाब के अलावा जम्मू और कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश की ओर माल परिवहन पर भी पड़ा है.

पंजाब से खाद्यान्न, कंटेनर, ऑटोमोबाइल, सीमेंट, कोक और उर्वरकों की आपूर्ति अधिक प्रभावित हुई है. यहां से हर दिन 40 से अधिक रैक लोड होते है. पंजाब से गुजरने वाली सभी यात्री ट्रेनों का परिचालन भी आंदोलन के कारण प्रभावित हुआ है. वर्तमान में चलायी जा रही 1350 से अधिक ट्रेनों को रद्द किया गया है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पंजाब के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पटरियों एवं रेल कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है.

पंजाब के किसान तीन कृषि बिलों का विरोध कर रहे हैं. किसान 24 सितंबर से ही बिल का विरोध कर रहे है और उसके बाद से ही रेलवे ट्रैक और स्टेशनों की व्यवस्था को ठप करना शुरू कर दिया था. इस आंदोलन के कारण रेलवे को फिरोजपुर, अंबाला, दिल्ली और बीकानेर डिवीजन में रेल परिचालन रद्द करना पड़ा. अभी आंदोलनकारियों ने 22 अक्टूबर को कुछ शर्तों के साथ मालगाड़ियों के चलाने की अनुमति दी है.

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