- जोनल रेलवे परीक्षा कैलेंडर तैयार कर रिक्तियों की देंगे जानकारी
- विभागीय परीक्षा में भ्रष्टाचार पर प्रभावी रोक के लिए की गयी पहल
NEW DELHI. रेलवे बोर्ड ने बुधवार, 5 मार्च 2025 को लिये गये एक अहम निर्णय में सभी प्रकार की विभागीय पदोन्नति परीक्षा आयोजन करने के जोनल और डिवीजन के अधिकार को सीमित कर दिया. यहां बुधवार को उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया. इस तरह अब सभी विभागीय पदोन्नति परीक्षाएं रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) आयोजित करेगा.
यह परीक्षा केंद्रीयकृत कंप्यूटर आधारित (सीबीटी) होगी. इसकेलिए सभी जोनल एक परीक्षा कैलेंडर तैयार करेंगे और सभी परीक्षाएं इसी कैलेंडर के आधार पर आयोजित करायी जायेंगी. विभागीय पदोन्नति परीक्षा में लगातार सामने आ रही धांधली, अनियमितता और भ्रष्टाचार से सीधे संलिप्तता सामने आने के बाद नया निर्णय लिया गया है. मालूम हो कि बीते दिनों डीडीयू और बड़ोदरा डिवीजन में विभागीय पदोन्नति परीक्षा में बड़े गोलमाल की घटनाओं के बाद रेलवे बोर्ड ने उच्च स्तरीय बैठक कर आनन-फानन में यह निर्णय लिया है.
इसके साथ ही रेलवे बोर्ड ने ग्रुप ‘सी’ पदों पर सभी लंबित विभागीय चयनों को रद्द कर दिया है, जिन्हें चार मार्च तक अंतिम रूप नहीं दिया गया और अनुमोदित भी नहीं किया गया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
ऐसा माना जा रहा है कि नये निर्णय से परीक्षाओं में निष्पक्षता आयेगी और व्यवस्था अधिक पारदर्शी होगी. इसके साथ ही यह भी माना जा रहा है कि अब तक विभागीय पदोन्नति को लेकर आयोजित की गयी परीक्षाओं को रद्द किया जायेगा और नये सीरे से उनका आयोजन होगा.
कहा जा रहा है कि रेलवे बोर्ड स्तर पर 2015 से ही 7 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों की कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं आयोजित की जा चुकी हैं, जिनमें कोई पेपर लीक, प्रतिरूपण (Impersonation), रिमोट लॉग-इन, या जासूसी उपकरणों (Spy Devices) के उपयोग की घटनाएं सामने नहीं आईं.
मालूम हो कि रेलवे बोर्ड ने ग्रुप ‘सी’ पदों पर सभी लंबित विभागीय चयनों को रद्द करने की घोषणा की है जिन्हें चार मार्च तक अंतिम रूप नहीं दिया गया और अनुमोदित भी नहीं किया गया है. विभागीय पदोन्नति परीक्षा में लगातार भद्द पिटने के बाद रेलमंत्री और रेलवे बोर्ड चैयरमैन के स्तर पर निर्णय लिये जाने की बात सामने आयी है.
बुधवार को सभी रेलवे जोन के महाप्रबंधकों को भेजे गए एक परिपत्र में, बोर्ड ने कहा, ‘‘हाल के दिनों में विभागीय चयन में देखी गई कई अनियमितताओं के कारण, विभागीय चयन ढांचे पर फिर से विचार करने का निर्णय लिया गया है और सभी लंबित चयन/एलडीसीई/जीडीसीई (ग्रुप सी के भीतर) जिन्हें चार मार्च तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है और अनुमोदित नहीं किया गया है, उन्हें रद्द माना जाए. उसने कहा कि अगले आदेश तक कोई और चयन शुरू नहीं किया जा सकता है.
यह माना जा रहा है कि रेलवे बोर्ड का यह निर्णय पारदर्शी, निष्पक्ष एवं विश्वसनीय परीक्षा प्रणाली को और मजबूत करेगा तथा उम्मीदवारों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करेगा.
