- चक्रधरपुर रेलमंडल में आते ही रेंगने लगती है सुपरफास्ट-एक्सप्रेस और विशेष ट्रेनें
- अब तक के सबसे खराब दौर में चल रहा है सीकेपी रेलमंडल का परिचालन रेशियो
NEW DELHI/CKP. रेलवे बोर्ड ने विशेष ट्रेनों के विलंब को लेकर सख्त निर्देश जारी किया है. इसमें ट्रेनों की रियल टाइम निगरानी करने को कहा गया है. यही नहीं रेलवे बोर्ड ने अब इन खास ट्रेनों के विलंब की सीधी जिम्मेदारी मंडल रेल प्रबंधकों (डीआरएम) को दे दी है. यानि यदि ट्रेनें विलंब होती है तो उसके लिए जिम्मेदार डीआरएम भी ठहराये जायेंगे. रेलवे बोर्ड का यह आदेश उन ट्रेनों के लिए है जो रेलवे की नजर में विशेष कैटेगरी में आती है. यानी रेलवे बोर्ड के इस आदेश का असर सामान्य एक्सप्रेस ट्रेनों के यात्रियों को राहत देने वाला नहीं होता दिख रहा है.
जब ट्रेनों के परिचालन की बात आती है तो चक्रधरपुर रेलमंडल सबसे आगे खड़ा नजर आता है. कारण यहां ट्रेनों के समयबद्ध परिचालन को लेकर कोई आदेश मायने नहीं रखता. रेलमंडल के दायरे में आते ही एक्सप्रेस-सुपरफास्ट से लेकर विशेष ट्रेनों तक का दम निकल जाता है. आलम यह है कि बिलासपुर डिवीजन तक राइट टाइम चलने वाली ट्रेनें भी चक्रधरपुर रेलमंडल में प्रवेश करते हुए चार से छह घंटे विलंबित हो जाती है. यह हर दिन की बात है. न कोई जिम्मेदारी, न जबावदेही, न विवाद, न विरोध, सब कुछ महीनों से यथावत चल रहा है.
रेलवे को कोसते हुए यात्री अपनी यात्री पूरी कर रहे हैं. कभी-कभी तो आदित्यपुर से टाटानगर के बीच की दो किलोमीटर की दूरी तय करने में यहां तीन से चार घंटे बिना किसी कारण के लग जाते हैं. हां, यात्री ही नहीं रेलकर्मी भी इस बात को मानने लगे है कि अगर रेलमंडल के भीतर किसी स्टेशन तक जाना हो तो एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ने की जगह किसी मालगाड़ी के गार्ड रैक में बैठकर सफल कर ली जाये तो बेहतर है. इससे समय की बचत होती और मानसिक पीड़ता कम होगी सो अलग.
विशेष ट्रेनों के विलंब पर दिखायी सख्ती, बाकी ट्रेनों के यात्री रहेंगे भगवान भरोसे !
अब रेलवे बोर्ड ने विशेष ट्रेनों का लेकर नये निर्देश जारी किये है उसका फायदा रेलमंडल से होकर गुजरने वाली वंदेभारत-राजधानी और दुरंतो जैसी ट्रेनों के यात्रियों को मिल सकता है. क्योंकि रेलमंडल में इन ट्रेनों की भी दुर्गति हो जाती थी. अब शायद इन ट्रेनों के यात्रियों के कुछ राहत मिल जायेगी. रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि किसी भी हाल में विशेष ट्रेनें देर से न चलें. इसके लिए हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाएगी. रेलवे में लंबे समय से यह धारणा रही है कि विशेष ट्रेनों की निगरानी सामान्य मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों की तरह नहीं होती है. इसके चलते ये ट्रेनें अक्सर देरी से चलती हैं. यात्रियों को इससे असुविधा झेलनी पड़ती है.
अब रेलवे इस स्थिति को बदलने की दिशा में कदम उठा रहा है. रेलवे बोर्ड ने सभी डीआरएम को निर्देश दिया है कि वे स्वयं इन ट्रेनों की निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि ट्रेनें निर्धारित समय पर चलें. रेलवे बोर्ड के अनुसार रेल भवन में बने वॉर रूम से सभी विशेष ट्रेनों की वास्तविक समय (रियल टाइम) में निगरानी की जाएगी. अब देखना है कि विशेष ट्रेनों के परिधि से बाहर आकर अन्य ट्रेनों के यात्रियों को रेलवे बोर्ड किस नजरीये से देखता है.
पहले से देरी से चल रही मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों के समय सुधार पर रहेगा जोर
हालांकि फिलहाल सभी प्रमुख मार्गों पर विशेष ट्रेनों की समयपालन दर पर भी नजर रखी जाएगी. अगर कोई मेल या एक्सप्रेस ट्रेन पहले से देरी से किसी नए मंडल के अधीन आती है तो संबंधित मंडल को हरसंभव प्रयास करना होगा कि वह आगे का विलंब कम करे, न कि बढ़ाए. इस बिंदु को अब प्रत्येक मंडल के प्रदर्शन मूल्यांकन में शामिल किया जाएगा.
रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (सूचना एवं प्रचार) दिलीप कुमार ने बताया कि यह पहल यात्रियों की सुविधा और भरोसे को मजबूत करेगी. समय पर ट्रेनों के संचालन से न केवल सवारियों को राहत मिलेगी बल्कि रेल सेवाओं की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी.
