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रेलवे की जमीन पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, रिहायशी कॉलोनियां व कॉमर्शियल कॉप्लेक्स बनाकर करोड़ों कमाने की तैयारी

रेलवे की जमीन पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, रिहायशी कॉलोनियां व कॉमर्शियल कॉप्लेक्स बनाकर करोड़ों कमाने की तैयारी
  • झारखंड के टाटानगर में 10 हेक्टयेर जमीन पर निर्माण कार्य शुरू करने की योजना
  • रेलकर्मियों को मिलेंगे नये फ्लैट, आम लोगों को भी बाजार भाव से सस्ता मकान मिलने की आशा

नई दिल्ली. रेलवे की योजना ने अगर मृर्त रूप लिया तो आने वाले समय में खाली पड़ी हजारों हेक्टेयर भूमि में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, रिहायशी कॉलोनियां व कॉमर्शियल कॉप्लेक्स आबाद होंगे जिनसे रेलवे करोड़ों कमाने की तैयारी में है. यह काम पीपीपी मॉडल पर किया जायेगा यानि रेलवे बिना कुछ लगाये अपनी जमीन के एवज में अरबों रुपये की कमाई कर सकेगी.

इस क्रम में 100 साल पुरानी जर्जरहाल रेलवे कॉलोनियों की जगह कर्मचारियों को बेहतर सुविधाओं से युक्त फ्लैट बनाकर दिया जायेगा. रेलवे इसका फायदा लाखों रेलकर्मियों को होगा जो वर्तमान में जर्जरहाल रेलवे क्वार्टर में रहने को विवश है. ऐसा माना जा रहा है कि रेलवे की हजारों हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा है जिसे रेलवे धीरे-धीरे अपने उपयोग के हिसाब से कब्जा मुक्त कराकर उसका व्यवसायिक उपयोग करेगी.

रेलवे की लीज जमीन पर रियल स्टेट डेवलपर्स आम लोगों को भी बाजार भाव से सस्ती कीमत पर फ्लैट बनाकर देंगे. इससे रेलवे राजस्व बनाकर अपने संसाधनों का विकास करेगी. योजना के तहत रेल लैंड डेवलपमेंट आथॉरिटी (आरएलडीए) गुवाहाटी, हैदराबाद सहित तीन स्थानों पर रेलवे कॉलोनियों के पुनर्विकास का काम शुरू कर चुका है.

आरएलडीए के उपाध्यक्ष वेद प्रकाश डुडेजा ने मीडिया को बताया कि देशभर की 84 साइट्स पर नए साल में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. इसमें 600 हेक्टयेर जमीन लीज पर दी जायेगी. 25,000 रेलवे स्टाफ के लिए क्वार्टर-फ्लैट बनाए जाएंगे. बोली लगाकर रेलवे की जमीन 99 साल की लीज पर दी जाएगी.

दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड आदि राज्यों में रेलवे की जमीन का पुर्नमूल्यांकन किया जा रहा है जहां पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, कालोनियां, कॉमर्शियल कॉप्लेक्स बनाने के लिए तेजी से सर्वे चल रहा. उत्तर प्रदेश में प्रयागराज झांसी रेलवे स्टेशन के समीप सात हेक्टेयर जमीन लीज पर देने की योजना पर निर्णय हो चुका है. यहां मल्टी स्टोरी बिल्डिंग व कॉमर्शियल कॉपलेक्स बनाए जाएंगे.

रेलवे की जमीन पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, रिहायशी कॉलोनियां व कॉमर्शियल कॉप्लेक्स बनाकर करोड़ों कमाने की तैयारीगोखरपुर, वारणासी, लखनऊ, मुरादाबाद, झांसी, आगरा आदि में जर्जर रेल कालोनियों के स्थान पर मल्टी स्टोरी फ्लैट-क्वार्टर बनेंगे. बरेली के इज्जतनगर में रेल भूमि लीज पर देने के साथ रेलवे स्टाफ क्वार्टर, कार्यायल, हेल्थ केयर सेंटर आदि बनाया जाएगा. बिहार के पटना में टीटीई रेस्ट हाऊस और झारखंड के टाटानगर में 10 हेक्टयेर जमीन पर निर्माण कार्य किया जाएगा.

देशभर की 84 साइट्स पर नए साल में निर्माण कार्य शुरू होगा. आरएलडीए के उपाध्यक्ष वेद प्रकाश डुडेजा ने मीडिया को बताया कि देशभर की 84 साइट्स पर नए साल में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. इसमें 600 हेक्टयेर जमीन लीज पर दी जायेगी. 25,000 रेलवे स्टाफ के लिए क्वार्टर-फ्लैट बनाए जाएंगे. बोली लगाकर रेलवे की जमीन 99 साल की लीज पर दी जाएगी. इसमें 100 स्थानों पर कॉमर्शियल ग्रीनफील्ड साइट्स हैं. इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और रियाहशी आवास की समस्या का समाधन होगा.

(हिंदुस्तान सभार)

 

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