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चेन्नई सम्मेलन से नया उत्साह लेकर लौटे बीआरएमएस के प्रतिनिधि, DPRMS के पवन को मिला केंद्रीय नेतृत्व

चेन्नई सम्मेलन से नया उत्साह लेकर लौटे बीआरएमएस के प्रतिनिधि, DPRMS के पवन को मिला केंद्रीय नेतृत्व
  • भारतीय रेलवे मजदूर संघ का 20 वां अखिल भारतीय त्रैवार्षिक अधिवेशन हुआ संपन्न, 

खड़गपुर. भारतीय रेलवे मजदूर संघ के 20वें अखिल भारतीय त्रैवार्षिक अधिवेशन की सफलता के बाद प्रतिनिधियों की वापसी शुरू हो गयी है. दक्षिण पूर्व रेलवे जोन से गये प्रतिनिधि अधिवेशन नये उत्साह के साथ वापस लौट रहे है. ऐसा इसलिए भी है कि इस बार जोन के पवन कुमार को ही अखिल भारतीय नेतृत्व की जिम्मेदारी मिली है जो SER जोन के लिए बड़ी और जिम्मेदारी वाली बात है. यही कारण है कि जोन के प्रतिनिधि अति उत्साहित है और इस उत्साह का संचार यहां लौटने के बाद रेलकर्मियों के बीच अपनी पैठ बढ़ाने के रूप में किया जायेगा. यह अधिवेशन 9 एवं 10 अप्रैल को चेन्नई में संपन्न हुआ था. कार्यक्रम का उद्घाटन भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिरण्यमय पांडया ने की जबकि मुख्य अतिथि केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव थे. मुख्य वक्ता के रूप में बी सुरेन्द्रन उपस्थित थे. भारतीय रेलवे मजदूर संघ से संबंद्ध विभिन्न जोनों के यूनियनों ने इसमें भागीदारी की.

चेन्नई सम्मेलन से नया उत्साह लेकर लौटे बीआरएमएस के प्रतिनिधि, DPRMS के पवन को मिला केंद्रीय नेतृत्व

भारतीय रेलवे मजदूर संघ के केंद्रीय अध्यक्ष पवन कुमार

दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ के विभिन्न मंडलों से पदाधिकारी भी कार्यक्रम में सम्मिलित होने चेन्नई गये थे. कार्यक्रम में दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ केन्द्रीय पदाधिकारी यथा नवनिर्वाचित महामंत्री बलवंत सिंह, अध्यक्ष पवन कुमार, उपाध्यक्ष मनीष चंद्र झा, उपाध्यक्ष श्रवन कुमार, संगठन मंत्री पी. के. पात्रो, खजांची अभिषेक कुमार उपस्थित थे. खड़गपुर कारखाना के कारखाना सचिव पी. के. कुंडु, संकेत एवं दूरसंचार शाखा के शाखा सचिव पी. श्रीनिवास तथा अन्य पदाधिकारीगण यथा छविलाल, रंजीत कुमार, संजय शुक्ला, रितेश कुमार मिश्रा, संजय शुक्ला, मुकेश कुमार, भवानी चंद्र गोप, रतन कुमार, विवेक पांडे आदि सम्मेलन में शामिल हुए.

अधिवेशन में विभिन्न मुद्दों जैसे रेलवे के निजीकरण/निगमीकरण पर रोक, नई पेंशन स्कीम को समाप्त कर पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करना, बिना किसी सीलिंग के सभी को रात्रि भत्ता देना, संविदा कर्मियों का स्थायीकरण तथा न्यूनतम वेतन 18000 रु पर बोनस का निर्धारण आदि पर विचार किया गया. रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ किसी आवश्यक कार्य से जुड़े होने के कारण कार्यक्रम में आभासी माध्यम से जुड़े. उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि रेलवे में निजीकरण/ निगमीकरण के बारे में अन्य यूनियनों एवं विपक्षी पार्टियों द्वारा भ्रामक व मिथ्या प्रचार किया जा रहा है. रेलवे में निजीकरण अथवा निगमीकरण नहीं किया जाएगा. रेलवे देश में विकसित नई तकनीकों का उपयोग कर आत्मनिर्भरता पर जोर दे रही है.

चेन्नई सम्मेलन से नया उत्साह लेकर लौटे बीआरएमएस के प्रतिनिधि, DPRMS के पवन को मिला केंद्रीय नेतृत्ववंदेभारत जैसी ट्रेन इसका जीता जागता उदाहरण है. ट्रेनों में संरक्षा हेतु कवच प्रणाली का प्रयोग किया जा रहा है. इस प्रणाली से दुर्घटना पर रोक लगेगी। सरकार नई पेंशन प्रणाली को समाप्त करने हेतु एक कमेटी गठित की है. इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. कार्यक्रम के अंत में पेरम्बूर के रेलवे कल्याण मंडप से इंटीग्रल कोच फैक्टरी तक एक विशाल रैली निकाली गई. जिसमें विभिन्न जोनों से उपस्थित लगभग हजार-डेढ़ हजार की संख्या में पदाधिकारीगण व कर्मचारीगण शामिल हुए.

अधिवेशन के दूसरे दिन भारतीय रेलवे मजदूर संघ के पदाधिकारियों का चुनाव हुआ. जिसमें सर्वसम्मति से पवन कुमार , अध्यक्ष एवम् मंगेश देशपांडे को सेक्रेटरी जनरल के रूप में चुना गया. पवन कुमार के अध्यक्ष के रूप में चुने जाने से दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ के पदाधिकारियों में हर्षोल्लास फैल गया.

प्रेस विज्ञप्ति 

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