Gwalior. North Central Railway के Jhansi मंडल के ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर पुनर्विकास कार्य यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बनने लगा है. यहां काम काफी धीमी गति से चल रहा है. स्टेशन के चारों ही प्लेटफार्म पर खुदाई है. बारिश होते ही यात्रियों की परेशानी बढ़ जाती है. बैठने के लिए जगह तलाश करना होता है. Railway Redevelopment Project के तहत स्टेशन (Gwalior station) पर चल रहे निर्माण कार्य का लक्ष्य दिसंबर 2024 तक पूरा किया जाना था लेकिन अब उसे अगस्त 2025 तक बढ़ा दिया गया.
काम अधूरा होने के कारण अब उसे दिसंबर तक बढ़ाया गया है. स्टेशन निर्माण का कार्य 535 करोड़ की लागत से पूरा किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट का लेट होने बिल्डिग शिफ्ट होने के साथ परेशानी आई, जिसमें आरपीएफ, जीआरपी आदि की बिल्डिग शामिल है. निर्माण कार्य के बलते प्लेटफार्म पर जगह जगह तारों का जाल बिछा हुआ है. इससे सभी प्लेटफार्म पर ट्रेन पकड़ने कले यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसका कारण यह है कि प्लेटफार्म पर कम जगह होने की वजह से ट्रेन से यात्री चढ़ते और उतरते समय इन तारों तक पहुंच जाते हैं. यह तार प्लेटफार्म पर लगी लाइट का टेलीकॉम कंपनी के हैं.
चारों ही प्लेटफार्म पर काम के चलते अब एक से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने में काफी समय लग रहा है. ऐसे में यात्रियों की सुविधा के लिए प्लेटफार्म एक पर भी वो रास्ते शॉर्टकट बना दिए हैं. जिसमें से एक रास्ता सर्कुलेटिंग एरिया से प्लेटफार्म के बीच में पहुंचने के लिए नए जनरल बुकिंग के बगल से बना दिया है. इस रास्ते में इतनी भीड़ रहती है कि लोगों की यहां से निकलने में अब मजबूरी बन गई है. यहां कई जगह तक गंदगी और टॉयलेट तक लोग कर देते हैं.
पार्किंग एरिया में काफी परेशानी
रेलवे स्टेशन पर आने वाले वाहन चालकों को अपने वाहन खड़े करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसका कारण यह है कि निर्माण कार्य के चलते पार्किंग एरिया अभी अस्थाई रूप से काफी कम जगह में संचालित हो रहा है. इससे यहां पर काफी वाहनों को सर्कुलेटिंग एरिया में ही खड़ा करना पड़ रहा है. जिससे यहां आने वाले यात्रियों को प्लेटफार्म तक पहुंचने में भी काफी परेशानी आ रही है. वहीं कई यात्रियों की तो कभी-कभी ट्रेन तक इस परेशानी के चलते छूट जाती है.
टॉयलेट तक की व्यवस्था नहीं है
स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को मूलभूत सुविधाओं में पानी और टॉयलेट की सबसे ज्यादा परेशानी आ रही है. पानी तो जैसे तैसे मिल भी जाता है. लेकिन टॉयलेट के लिए यात्रियों को काफी दिक्कतें आ रही है. हालात यह है कि प्लेटफॉर्म पर आने वाले यात्रियों को टॉयलेट की सुविधा एक छोर से दूसरे छोर पर ही मिल पा रही है. उसमें भी काफी गंदगी के बीच टॉयलेट में जाना पड़ता है.















































































