KOLKATTA . कलकत्ता हाइकोर्ट ने गुरुवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए भारतीय रेलवे को महत्वपूर्ण आदेश जारी किया. भारतीय रेलवे द्वारा संचालित लोकल या एक्सप्रेस ट्रेनों में महिला डिब्बों में पुरुष यात्रियों के सफर करने का आरोप लगाते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. इस याचिका में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाये गये थे. गुरुवार को हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा है कि लोकल या एक्सप्रेस ट्रेनों में महिला कोच में नियम तोड़ कर कुछ पुरुष यात्रा कर रहे हैं. इसे तुरंत बंद करना होगा.
हाइकोर्ट ने नियम तोड़ कर मेल या एक्सप्रेस ट्रेन के महिला कोच में यात्रा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है. मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान निर्देश दिया कि इस घटना को रोकने के लिए हर स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा गार्ड की संख्या बढ़ायी जाये. याचिकाकर्ता के वकील तमाल सिंह राय ने कहा कि उनकी मुवक्किल प्रियता भट्टाचार्य पेशे से वकील हैं. वह हर दिन लोकल ट्रेन से यात्रा करती हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि महिला स्पेशल ट्रेनों में महिलाओं के अलावा कई पुरुष भी यात्रा करते हैं, जिससे महिला यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि कई मामलों में पुरुष यात्रियों ने महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार भी किया है. याचिकाकर्ता का दावा है कि उन्होंने इस शिकायत के बारे में रेलवे को कई बार लिखा है, लेकिन अब तक रेलवे ने कोई जवाब नहीं दिया है.
मामले में रेलवे के वकील ने दावा किया कि बिना टिकट खरीदे यात्रा करने के आरोप में अकेले सियालदह डिविजन में जून 2024 तक 3477 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. रेलवे ने यह भी कहा कि मातृभूमि ट्रेनों में महिला सुरक्षा गार्ड तैनात किये जा रहे हैं. मुख्य न्यायाधीश ने रेलवे को इन सभी घटनाओं को रोकने के लिए और अधिक प्रयास करने का निर्देश दिया, ताकि इन घटनाओं को पूरी तरह से रोका जा सके.