जबलपुर. मालगाड़ी के ड्राइवर की लापरवाही रेलवे को भारी पड़ गई. सिंगरौली से कटनी तक के 260 किमी लंबे ट्रैक पर 47 जगह ज्वाइंट ब्रेक हुए हैं. एक ज्वाइंट को बनाने का खर्चा है तकरीबन 55 हजार. इधर, रेलवे ने पटरियों को सुधारने का काम शुरू कर दिया है, जिसमें हफ्ते भर का समय लग सकता है.
गौरतलब है कि गुरुवार को सिंगरौली से कटनी के लिए रवाना हुई मालगाड़ी में खराब इंजन लगा था. इंजन के ब्रेक रिलीज न होने से पहिए का एक हिस्सा चपटा हो गया. जब भी यह चपटा हिस्सा पटरी से टकराता, उससे हथौड़े की मार जैसी आवाज निकलती. खास बात तो यह है कि इस आवाज को 260 किमी तक किसी ने नहीं सुना. जबकि इस बीच 10 बड़े स्टेशन और 40 से ज्यादा रेलवे क्रॉसिंग गेट आए.
50 लाख से ज्यादा होंगे खर्च
जानकारों के मुताबिक एक ज्वाइंट बनाने में 55 हजार का खर्च आएगा. इन्हें बनाते वक्त ज्वाइंट को आगे-पीछे किया जाएगा, जिससे दूसरे छोर को भी नुकसान पहुंचेगा. इस वजह से ज्वाइंट की संख्या भी बढ़ सकती है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक ट्रैक को दुरूस्त करने में 50 लाख से ज्यादा खर्च होंगे.
कार्रवाई की जद में आएंगे स्टेशन मास्टर
जबलपुर डीआरएम ने इस पूरे मामले की जांच के लिए सीनियर अधिकारियों की एक कमेटी बना दी है. जांच में गंभीरता बरती गई तो कई स्टेशन मास्टर और गेट मेन का सस्पेंड होना तय है.
ऐसे समझें नुकसान को
- – माल गाड़ी के सबसे पीछे गार्ड के साथ खराब इंजन को जोड़ा गया था.
- – इस इंजन में ड्राइवर सुमन कुमार भी था, जो सिंगरौली से कटनी तक आया.
- – इंजन का ब्रेक ठीक कार के हैंड ब्रेक की तरह होता है, जिसे नहीं खोला गया.
- – पहिए को चलने में ताकत लग रही थी, जिससे एक हिस्से में चपटापन आ गया.
- – यह हिस्सा जैसे ही पटरी से टकराता, हथौड़े सी आवाज निकलती.
- – जैसे ही यह हिस्सा ज्वाइंट में टकराता है, वह क्रेक हो जाता.
मामले की विस्तृत जांच के लिए सीनियर अधिकारियों का एक जांच दल बनाया है. वहीं पटरियों को सुधारने का काम जारी है.इसमें 5 से 6 दिन लग सकते हैं.
सुधीर कुमार, डीआरएम, जबलपुर मंडल