कानपुर. आरपीएफ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त मनोज सिंह ने झकरकटी में आरपीएफ की पुरानी बैरक के आयोजित होने वाले श्रीकृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी समारोह के लिए चंदा वसूली करने के आरोप में कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन के इंस्पेक्टर बुद्धपाल सिंह समेत पांच को निलंबित कर दिया है. इसमें आरपीएफ के दो दरोगा और दो कांस्टेबिल शामिल हैं. रेल प्रशासन ने ट्विटर पर वायरल मुहर छपी चंदा पर्ची के वायरल होने पर मामले में संज्ञान लिया.
आरपीएफ कानपुर सेंट्रल के इंस्पेक्टर बुद्धपाल सिंह, दरोगा मोहम्मद असलम, कांस्टेबल विवेकानंद तिवारी और अनिल शर्मा के अलावा आरपीएफ की इंटेलीजेंस विंग एसआईबी के दरोगा सोमवीर को निलंबित किया गया है. कार्रवाई की पुष्टि प्रयागराज मंडल के पीआरओ अमित सिंह ने की है.
इस मामले को सबसे पहले जनता से रिश्ता वेबपोर्टल ने उठाया था. इसमें वेंडरों से भगवान के नाम पर चंदा वसूली करने की बात कही गयी थी. हर वेंडर को 2100 रुपए की रसीद काटी जा रही थी. रसीद में बकायदा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आरपीएफ बैरक झकरकटी कानपुर की मोहर लगी थी. वेंडरों का आरोप है कि आरपीएफ भगवान के नाम पर जबरन चंदा वसूली की जा रही हैं. आरपीएफ पर रेलवे की छवि पर दाग लगाने वाला कदम बताया गया. यह वसूली प्रभारी के संज्ञान में थी.
चंदा वसूली की जानकारी रेलवे जीएम, जीएमएनसीआर, डीआरएम और सीटीएम व आरपीएफ के उच्च अधिकारी को ट्वीट पर दी गयी थी. इसके बाद जांच के आदेश दिये गये. आरपीएफ ने इस मामले के संज्ञान में आने की बात मीडियो कही थी. बताया था कि एक दारोगा और दो सिपाहियों को जांच के लिए नियुक्त किया गया है. इससे पहले सभी निलंबित हो गये.