Connect with us

Hi, what are you looking for?

Rail Hunt

खुला मंच

कोरोना काल , रेल यात्रा बेहाल …!!

कोरोना काल , रेल यात्रा बेहाल ...!!

तारकेश कुमार ओझा

वाकई भौकाल मचाने में हम भारतीयों का कोई मुकाबला नहीं . बदलते दौर में दुनिया दो भागों में बंटी नजर आ रही है . एक स्क्रीन की दुनिया और दूसरी असल दुनिया . इस बात का अहसास मुझे कोरोना की नई लहर के बीच की गई रेल यात्रा के दौरान हुआ . भांजी की शादी में शामिल होने मुझे अपने शहर से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जाना था . रवाना होने से पहले तक देश – दुनिया का हाल जानने टेलीविजन स्क्रीन पर नजरें टिकाए रहने के चलते मेरा तनाव लगातार बढ़ रहा था कि पता नहीं कब फिर लॉक डाउन लग जाए . क्योंकि अधिकांश खबरें कोरोना से ही संबंधित थी … दिल्ली में हाल – बेहाल … गुजरात में नाइट कर्फ्यू … क्या फिर लगेगा लॉक डाउन …. ऐसी समसनीखेज खबरों के बीच रेल यात्रा पर निकलते समय लॉक डाउन से जुड़े तमाम भयावह घटनाक्रम मेरी आंखों के सामने घूमने लगे .

मन में आशंका का तूफान लिए मैं हिजली स्टेशन पहुंचा . मुझे ०२८१५ पुरी – नई दिल्ली नीलांचल एक्सप्रेस पकड़नी थी , जो इन दिनों आनंदविहार कोविड स्पेशल बन कर चल रही है . प्लेटफॉर्म पहुंच कर मैं तेजी से स्वाभाविक होने लगा , क्योंकि सतर्कता या स्वास्थ्य नियमों के पालन के हंटर का दूर दूर तक नामो निशान नहीं था . सब कुछ पहले जैसा और सामान्य . नवाचार के रूप में बस एक चीज देखने को मिली . आरपीएफ की कुछ महिला कांस्टेबल महिला यात्रियों से रू – ब – रू हुई और उनसे आपात सेवा की हेल्प लाइन नंबर के बारे में पूछताछ की . वहीं ना जानने वालों को नंबर बताया और उनका नाम – पता नोट कर आगे बढ़ती रही . औपचारिकता के बावजूद मुझे यह अच्छा लगा . ट्रेन चलने पर भीतर सब सामान्य देख यात्री कोरोना पर ही बात करने लगे. … कहां है कोरोना , कुछो तो नजर नहीं आ रहा , झूच्ठे सब भौंकाल मचाए है … इस पर दूसरे का जवाब था … ना दिल्ली – मुंबई का हालत सचमुच खराब है .

डिब्बों की सुविधाओं का वही हाल जो अमूमन रहता आया है . टायलट्स के टूटे फ्लश और गंदगी से उफनते बेसिन ….. पुराने अनुभवों के आधार पर मुझे भय हुआ कि कहीं पानी का स्टाक खत्म न हो जाए . ऐसी नौबत तो नहीं आई लेकिन गंदगी लगातार बढ़ती गई . सुकून की बात बस इतनी रही कि ट्रेन समय से बल्कि हर स्टेशन पर कुछ बिफोर पहुंच रही थी . शायद कम ट्रेनें चलने और पैसेंजर ट्रेनों के नहीं चलने की वजह से ट्रेन को लगातार लाइन क्लीयर मिल रहा था . दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर इसी वजह से ट्रेन करीब एक घंटे तक खड़ी रही . इस बीच जी आर पी के कुछ वर्दीधारी जवान डिब्बे में चढ़े और सामान चेक कर रहे हैं… कहते हुए बर्थ के नीचे तांक – झांक कर चलते बने . इसके सिवा कोरोना काल में की गई यात्रा का अनुभव भी बिल्कुल वैसा ही रहा , जैसा सामान्य दिनों में होता है . ट्रेन करीब १० मिनट पहले मेरे गंतव्य प्रतापगढ़ स्टेशन पहुंची और मैं डिब्बे से उतर कर मंजिल की ओर चल पड़ा .

Spread the love
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबरें

You May Also Like

रेलवे यूनियन

पश्चिम मध्य रेलवे कर्मचारी परिषद ने सीआरबी को थमायी समस्याओं की सूची, लाइन बॉक्स सुविधा जारी रखने का अनुरोध BHOPAL. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन...

Breaking

There is an urgent requirement for additional manpower to maintain the railways’ ever-increasing assets and safe train operations, Board Chairman Satish Kumar has said,...

Breaking

MUMBAI. मुंबई में खुद को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अधिकारी बताकर साइबर ठगों ने रेलवे के एक अधिकारी से नौ लाख रुपये ठग लिए....

Breaking

ओबीसी रेलवे कर्मचारी संघ ने रेलवे जीएम के माध्यम से पीएम को भेजा पत्र  JAMSHEDPUR. झारखंड के  जमशेदपुर की विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में आवागमन...