- पटरी पर रखी 6 मीटर लम्बी रेल लाइन से टकराई दुरंतो एक्सप्रेस, इंजन का अगला हिस्सा हुआ क्षतिग्रस्त
- महादेवशाल स्टेशन के समीप मेला लगा होने के कारण ट्रेनों की रफ्तार नियंत्रित होने से टला बड़ा हादसा
- अक्टूबर 2024 में आदित्यपुर वंदे भारत की आदित्यपुर हादसे में सेफ्टी चूक की जांच तक नहीं करायी गयी
CHAKRADHARPUR. चक्रधरपुर रेल मंडल छोटी-छोटी गलतियों को दोहराकर मुंबई मेल की तरह फिर से एक बड़े हादसे की ओर बढ़ रहा है. सेफ्टी से लगातार की जा रही अनदेखी और गलतियों के लिए जिम्मेदारी तय नहीं कर कर दोष छुपाने की परंपरा ने खामियों को गंभीर मोड़ पर लगाकर खड़ा कर दिया है. यह परंपरा चक्रधरपुर रेलमंडल में लगातार बढ़ रही है.
नया मामला महादेवशाल रेलवे स्टेशन के समीप गुरुवार 7 अगस्त 2025 की सुबह तब सामने आया जब तेजी से आ रही दुरंतो एक्सप्रेस पटरी पर छूट गये 06 मीटर लंबे एक रेल लाइन के टुकड़े से टकरा गई. हालांकि ट्रेन की रफ्तार कम होने के कारण कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ लेकिन दुरंतो एक्सप्रेस की इस घटना में आदित्यपुर रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत एक्सप्रेस पर मशीन से हुई टक्कर की याद ताजा कर दी है. जो एक बड़े हादसे का कारण बन गया है.
महादेवशाल में हालांकि दुरंता के इंजन का कैटल गार्ड रेल की टक्कर से क्षतिग्रस्त हो गया. यह घटना महादेवशाल मंदिर के पास गुरूवार की सुबह करीब 11 बजकर 15 मिनट पर हुई. बताया जा रहा है की रेल कर्मी यहां पटरी पर मरम्मत का कार्य कर रहे थे. रेलकर्मी रेल लाइन के 6 मीटर लम्बे भारी भरकम टुकड़े को अप से डाउन लाइन में लेकर जा रहे थे. इसी दौरान अचानक दुरंतो एक्सप्रेस तेज रफ़्तार में पटरी पर आ गयी, ट्रेन को देख रेलकर्मी जान बचाने के लिए रेल लाइन के टुकड़े को पटरी पर छोड़ कर भाग गए. इसके बाद दुरंतो का इंजन पटरी से टकराया गया.
इंजन की टक्कर से रेल लाइन का दुकड़ा यात्रियों के बैठने वाले बेंच पर जा गिरा
दुरंतो एक्सप्रेस की इंजन ने तेज रफ़्तार में पटरी पर पड़ी रेल लाइन के टुकड़े को जोरदार टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि रेल लाइन ला छह मीटर लंबा भारी भरकम टुकड़ा हवा में उछल कर अप प्लेटफार्म में यात्रियों के बैठने के लिए बनायी गयी बेंच पर जा गिरा. गनीमत रही कि वहां कोई मौजूद नहीं था. वर्ना रेल टुकड़े की चपेट में आने पर किसी की जान भी जा सकती थी.
आप खुद तस्वीरों में देखिये इस बेंच हादसे के वक्त अगर कोई यात्री बैठा होता तो उसकी क्या हालत होती. बहारहाल रेल लाइन के इंजन के केटल गार्ड से टकराने के कारण यह एक बड़ा रेल हादसा टल गया. अगर पटरी पर पड़ी रेल लाइन के ऊपर ट्रेन के पहिये चढ़ जाते तो बड़ा रेल हादसा हो सकता था, जिसमें बड़ा जानमाल का नुकसान हो जाता.
वर्क सेफ्टी से बड़ी चूक मान रहे जानकार, हादसों की पुनरावृत्ति बनी चिंता का कारण
घटना के बाद दुरंतो एक्सप्रेस के चालक दल ने ट्रेन रोक दी. टक्कर से इंजन के आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ हो गया था. करीब आधे घंटे ट्रेन रुकी रही. पीछे चल रही वंदे भारत एक्सप्रेस को गोइलकेरा में रोकना पड़ा. बताया जा रहा है कि मेंटेनेंस कार्य को लेकर तैनात सुरक्षा के लिए प्रतिनियुक्त प्रोटेक्शन टीम निर्धारित दूरी पर नहीं थी. इससे काम कर रहे रेलकर्मियों को ट्रेन के आने की जानकारी समय पर नहीं दी जा सकी और न ही ट्रेन को कार्यस्थल से पहले रोका जा सका. दोपहर तक़रीबन एक बजे ट्रेन के राउरकेला पहुंचने पर दुरंतो एक्सप्रेस के इंजन को ही बदलना पड़ा.
आदित्यपुर में वंदे भारत हादसे के कारण दबा दिये गये, बली का बकरा बना दिये गये मजदूर
टाटानगर से रवाना हुई तेज रफ्तार बरहमपुर वंदे भारत एक्सप्रेस अक्टूबर 2024 में आदित्यपुर रेलवे स्टेशन पर पटरी पर छूट गये ड्रिल मशीन से टकरा गयी थी. हादसे में ट्रेन तो दुर्घटना ग्रस्त होने से बच गयी लेकिन इंजन के नीचे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया. यहां आरवीएनएल का काम चल रहा था. इसके लिए एजेंसी के मजबूर पटरी पर ड्रील मशीन से काम कर रहे थे. दिलचस्प है कि कार्य के दौरान सेफ्टी के जरूरी किसी मानक का पालन नहीं किया गया था.
आलम यह हुआ कि अचानक वंदे भारत को देखकर पटरी पर काम कर रहे मजदूर मशीन छोड़कर भाग गये और ट्रेन बड़े हादसे का शिकार होते-होते रह गयी. इस मामले में आरपीएफ ने दो मजदूरों को गिरफ्तार किया जबकि उसका मुंशी जांच के दायरे में आया. सेफ्टी के गंभीर चूक के इस मामले में RPF की जांच किसी रेलवे अधिकारी अथवा कर्मचारी तक नहीं पहुंची. इस मामले को दबाने में स्वयं डिवीजन के मुखिया का दबाव था. इस तरह जिम्मेदारी तय नहीं की गयी और मामले में दो मजदूरों को बली का बकरा बनकार जांच की फाइल बंद कर दी गयी.
चक्रधरपुर रेल मंडल में लगातार रेल हादसे से सबक लेने के बजाये रोज एक नए हादसे को यहां दावत देने का काम हो रहा है. खास बात यह है कि यहां हर हादसे को छुपाकर गलती करने वालों को बचाने की परम्परा निभाई जाती है. जिसके कारण चक्रधरपुर रेल मंडल में रेल हादसों का खौफ बना रहता है.
