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122 घंटे बाद खत्म हुआ कुड़मी आंदोलन, खड़गपुर-टाटा और पुरुलिया के बीच रेल सेवा बहाल, SER ने जारी किया बुलेटिन

कोरोना काल में भी स्वाभाविक रहेगी ट्रेनों की आवाजाही, यात्री नहीं हो भयभीत : रेलवे

JAMSHEDPUR. 24 घंटे से चली आ रही जद्दोजहद के बाद रविवार 25 सितंबर 2022 की सुबह 7.10 बजे आदिवासी कुड़मी समाज द्वारा आहूत रेल रोको आंदोलन छठे दिन खत्म हो गया. कुड़मी नेता आद्रा रेल मंडल के कुसतौर में सुबह 7.10 बजे रेलवे ट्रैक से हट गये. इस तरह टाटा-पुरुलिया के बीच रेल परिचालन बहाल कर दिया गया. रेलवे ने कुसतौर से खड़गपुर के लिए 08015 मेमू ट्रेन को पहले रवाना किया. उधर दक्षिण पूर्व रेलवे प्रशासन ने भी आंदोलन खत्म होने की पुष्टि करते हुए रवाना की जाने वाली ट्रेनों की सूची जारी की है.

122 घंटे बाद खत्म हुआ कुड़मी आंदोलन, खड़गपुर-टाटा और पुरुलिया के बीच रेल सेवा बहाल, SER ने जारी किया बुलेटिन

वहीं दूसरी ओर खड़गपुर डिवीजन के खेलामुशली में भी सुबह सात बजे आंदोलकारी रेलवे ट्रैक से उठ गये. कुसतौर में कुड़मी नेता अजीत महतो की अगुवाई में रेल रोको आंदोलन चलाया जा रहा था. दोनों स्टेशनों में आंदोलनकारियों द्वारा आंदोलन समाप्त करने और ट्रेन परिचालन शुरू होने की जानकारी रेलवे ने जारी की है.

यह भी पढ़ें : खड़गपुर-टाटा के बीच नहीं शुरू हो सका रेल परिचालन, कुड़मी आंदोलन वापस लेने पर नहीं बनी बात, दो गुटों में बंटे नेता

चक्रधरपुर रेलवे मंडल के वरीय वाणिज्य प्रबंधक मनीष पाठक ने भी जारी बयान में रेल परिचालन शुरू होने की जानकारी दी है. कुड़मी आंदोलन खत्म होने के बाद दक्षिण पूर्व रेलवे प्रशासन ट्रेनों का परिचालन सामान्य करने में जुट गया है. 20 सितम्बर की सुबह पांच बजे कुड़मी नेताओं ने समाज को एसटी का दर्जा देने की मांग पर रेल ट्रैक जाम कर दिया था. उसके बाद हावड़ा-टाटा रेल मार्ग और पुरुलिया रेल खंड में परिचालन ठप हो गया था. रेल यातायात प्रभावित होने से 20 लाख से अधिक यात्री परेशान हुए. रेलवे को भी इस आंदोलन से खास नुकसान पहुंचा है.

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हालांकि शनिवार की दोपहर रेल परिचालन शुरू को लेकर कुड़मी आंदेालन से जुड़े नेताओं ने सहमति जता दी थी लेकिन नेता अपने अन्य समर्थकों में यह विश्वास जगा पाने में विफल रहे लिहाजा आंदोलन औपचारित रूप से खत्म नहीं हो सका था. इससे प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई थी. अंततः रविवार की सुबह करीब सात बजे आंदोलनकारियों ने सरकार की शर्त मान ली. जिसके बाद करीब 122 घंटे बाद पश्चिम बंगाल के टाटा-पुरुलिया और खड़गपुर-टाटा के बीच रेल परिचालन शुरू हो सका.

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